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फर्जी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के सहारे नहीं दौड़ सकेगी गाड़ी, वाहन से लिंक होंगे पॉल्यूशन चेकिंग सेंटर

अब फर्जी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के सहारे गाड़ी नहीं दौड़ सकेगी क्योंकि राज्य के 800 पॉल्यूशन सेंटरों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वाले कंप्यूटर सॉफ्टवेयर वाहन से लिंक किया जा रहा है।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 07:38 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 08:46 AM (IST)
फर्जी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के सहारे नहीं दौड़ सकेगी गाड़ी, वाहन से लिंक होंगे पॉल्यूशन चेकिंग सेंटर
फर्जी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के सहारे नहीं दौड़ सकेगी गाड़ी, वाहन से लिंक होंगे पॉल्यूशन चेकिंग सेंटर

जालंधर, [मनीष शर्मा] पंजाब में अब फर्जी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के सहारे गाड़ी नहीं दौड़ सकेगी, ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य के सभी 800 पॉल्यूशन चैकिंग सेंटरों को केंद्र सरकार के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) वाले कंप्यूटर सॉफ्टवेयर वाहन से लिंक किया जा रहा है। इसके बाद पॉल्यूशन चैकिंग सेंटर से जो सर्टिफिकेट निकलेगा, उसकी एक डिजीटल कॉपी ट्रांसपोर्ट महकमे के पास भी ऑनलाइन चली जाएगी, जिससे इसकी क्रॉस चैकिंग हो सकेगी और इसमें हो रहा फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा। इसके लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने पंजाब के सभी रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के सेक्रेटरी को पत्र भेजकर 31 मई की डेडलाइन तय कर दी है। सभी आरएटीए सेक्रेटरी को पॉल्यूशन चैकिंग सेंटर मालिकों से मीटिंग कर इसे लागू करा रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए गए हैं। स्टेट ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी ने इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के आदेशों का भी हवाला दिया है।  

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पॉल्यूशन चैकिंग सेंटरों पर बढ़ेगी सख्ती

इस नई योजना में सभी पॉल्यूशन चैकिंग सेंटरों की मशीनों में विशेष सॉफ्टवेयर डाला जाएगा। उसके बाद जब भी वो किसी गाड़ी के पॉल्यूशन की जांच करेंगे तो उससे निकलने वाले धुएं में कितना पॉल्यूशन है, इसकी जानकारी चैकिंग सेंटर के कंप्यूटर के साथ ट्रांसपोर्ट महकमे के पास चल रहे वाहन सॉफ्टवेयर में भी गाड़ी नंबर के साथ जुड़ जाएगी। जिसे लोकल ही नहीं बल्कि चंडीगढ़ व दिल्ली बैठे अफसर भी चैक कर सकेंगे। 

वाहनों की जानकारी जुटाने में पंजाब ट्रांसपोर्ट महकमे को मिलेगी मदद

यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पंजाब ट्रांसपोर्ट महकमे के पास अभी यह रिकॉर्ड तक नहीं है कि पंजाब में कितने पॉल्यूशन सेंटर चल रहे हैं, उन्होंने सेंटर का लाइसेंस रिन्यु कराया या नहीं। यही नहीं, वो जिस गाड़ी को पॉल्यूशन न फैलाने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं, वो वाकई में सही है भी या नहीं, इसका भी पता नहीं चलता क्योंकि सरकार के पास इसे क्रॉस चैक करने का कोई जरिया नहीं है। यही वजह है कि पुलिस के चालान से बचने व दस्तावेज पूरे रखने की औपचारिकता निभाने के लिए पॉल्यूशन फैला रहीं गाडिय़ां भी इन चैकिंग सेंटरों का ओके सर्टिफिकेट लेकर घूम रही हैं। 

एक क्लिक पर होगी वाहन की चैकिंग 

वहीं, कहीं चैकिंग के दौरान भी ट्रांसपोर्ट अफसरों के साथ पुलिस भी एक क्लिक के जरिए वाहन वेबसाइट से जान सकेगी कि गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट असली है या फर्जी। इससे पॉल्यूशन फैलाने वाली गाडिय़ों पर भी अंकुश लग सकेगा।  ट्रांसपोर्ट महकमे के सीनियर अफसर ने कहा कि इससे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया पारदर्शी व जवाबदेह होने के साथ पॉल्यूशन चैकिंग सेंटरों का रिकॉर्ड भी हमारे पास आ जाएगा। जिसके बाद निगरानी आसान हो सकेगी। 

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