वीरपाल कौर ने 400 मी हर्डल रेस में निकाला 58.64 का समय, तोड़ा कोच का रिकार्ड
वीरपाल कौर ने बाधा दौड़ में अपनी कोच सपिंदर कौर का रिकार्ड तोड़कर उनका माथा गर्व से ऊंचा कर दिया है।
कमल किशोर, जालंधर। जब किसी खेल में शिष्य अपने गुरु का रिकार्ड तोड़ता है तो गुरु का सीना चौड़ा हो जाता है। गुरु के लिए खुशी का ठिकाना नहीं रहता। ऐसा ही कुछ देखने के मिला दिल्ली में चल रही 67वीं ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में। इसमें खिलाड़ी वीरपाल कौर ने अपनी कोच सपिंदर कौर का रिकार्ड तोड़कर नया रिकार्ड बनाया है। सपिंदर कौर वर्ष ने 2013 में 400 मी हर्डस रेस में 58.88 का समय निकाला था। अब वीरपाल कौर ने यह रेस 58.64 समय में पूरी की है।
वीरपाल कौर।
वीरपाल कौर ने कहा कि पिछले साल पुलिस एथलेटिक्स गेम्स में 400 मीटर हर्डल रेस में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। उड़ीसा में हुई ओपन नेशनल हर्डल रेस में 58.96 का समय निकालकर चौथा स्थान प्राप्त किया था। कोच सपिंदर कौर टीम के साथ दिल्ली में मौजूद हैं। जूनियर नेशनल व स्कूल गेम्स में कई पदक प्राप्त कर चुकी है। इसी के साथ ही खिलाड़ी अरविंदा ने 100 मी हर्डल रेस में अपना रिकार्ड तोड़ा है। पहले अरविंदा ने 14.30 का समय निकाला था अब 14.06 का समय निकालकर नया रिकार्ड बना डाला।
दादा जोगिंदर सिंह के सपने को पूरा करना चाहती है वीरपाल
वीरपाल कौर के पिता सुखविंदर सिंह एक किसान हैं। माता सुखविंदर कौर हाउस वाइफ है। दादा जोगिंदर सिंह को शौक था कि उनकी पौत्री खेल में देश का नाम रोशन करे। दादा का सपना पूरा करने के लिए कई पदक अपने नाम कर चुकी है। वीरपाल एशियन गेम्स में क्वालीफाई करके देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना चाहती है।
चाचा जसविंदर सिंह किया स्पोर्ट
वीरपाल को चाचा जसविंदर सिंह, दोस्त तरुणदीप सिंह ने काफी स्पोर्ट किया है। इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए व रिकार्ड को तोड़ने में कोच इंस्पेक्टर सपिंदर कौर व सब-इंस्पेक्टर कंवल ने अहम भूमिका निभाई है। इस रिकार्ड को तोड़ने के लिए कोच की रोजाना ट्रेनिंग शुरू रहती थी।
कोच सपिंदर कौर।
खुश हूं मेरी शिष्य ने तोड़ा रिकार्ड
कोच सपिंदर कौर वीरपाल कौर की कोच इंस्पेक्टर सपिंदर कौर ने बताया कि खुश हूं कि मेरी शिष्य ने रिकार्ड तोड़ा है। वर्ष 2013 में पुलिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेरा रिकार्ड था। मेरी शिष्य न रिकार्ड तोड़कर मुझे तोहफा दिया है। चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों में कुछ कर दिखाने का जज्बा है।