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गार्डियन हॉस्पिटल में वंश की मौत के मामले में पुलिस ने डाक्टर को घर भेजा, आज मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होगी ट्रीटमेंट फाइल

जालंधर में गार्डियन अस्पताल में वंश की मौत मामले में पुलिस ने डाक्टर को पूछताछ के बाद घर भेज दिया है। पुलिस ने कहा है कि जब भी पूछताछ के लिए बुलाया जाए उन्हें हाजिर होना पड़ेगा। वहीं आज मेडिकल बोर्ड वंश की ट्रीटमेंट फाइल भी चेक करेगी।

By Vinay KumarEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 11:28 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 11:28 AM (IST)
गार्डियन हॉस्पिटल में वंश की मौत के मामले में पुलिस ने डाक्टर को घर भेजा, आज मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होगी ट्रीटमेंट फाइल
गार्डियन हॉस्पिटल में वंश की मौत के मामले में पुलिस से पूछताछ के बाद उसे घर भेज दिया है।

जागरण संवाददाता, जालंधर। महानगर के थाना डिवीजन छह के मिल्कबार चौक स्थित गार्डियन अस्पताल में बीते दिनों इलाज के दौरान मुकेरिया निवासी 16 साल की वंश की मौत के बाद हुए हंगामे और डॉक्टर पर लगाए गए आरोप के बाद पुलिस ने अस्पताल के डॉक्टर जतिंदर के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज करते हुए उन्हें हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करनी शुरू कर दी थी। बुधवार देर रात पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपित डॉक्टर को घर भेज दिया। इसके साथ ही उन्हें यह हिदायत दी गई कि जब भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा तो उन्हें पेश होना होगा। पुलिस अब वंश की ट्रीटमेंट फाइल को मेडिकल बोर्ड के सामने पेश कर उनकी राय लेगी।

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मामले की जानकारी देते हुए थाना डिवीजन छह के प्रभारी सुरजीत सिंह ने बताया कि आरोपी डॉक्टर को जांच में शामिल कर उनसे पूछताछ की गई है। इसके साथ ही उन्हें यह हिदायत दी गई है कि जब भी उन्हें जांच के लिए बुलाया जाएगा तो उन्हें हाजिर होना होगा। वहीं मृतक वंश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मौत की असल कारणों का खुलासा हो सकेगा की वंश की मौत सिर और पसलियों में लगे चोट के चलते हुई थी या फिर गलत इलाज के चलते। दरअसल बीते सोमवार शाम मुकेरिया इलाके में स्कूल बस की टक्कर से घायल हुए वंश की इलाज के दौरान गार्डियन हॉस्पिटल में मौत हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए जमकर बवाल मचाया था।

वंश के परिजनों का आरोप था कि उसका इलाज करने वाला डॉक्टर जतिंदर शराब के नशे में था। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित डॉक्टर के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया था। वहीं आरोपित डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट में शराब पीने की पुष्टि हुई थी। मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रशासन ने बुधवार को डॉ. जतिंदर को नौकरी से निकाल दिया था। अस्पताल प्रशासन का कहना था कि डॉक्टर जतिंदर मेडिकल कोऑर्डिनेटर के पद पर अस्पताल में तैनात थे। उनके पास किसी भी मरीज को अस्पताल में दाखिल करने का कोई भी अधिकार नहीं था। उनका काम सिर्फ इतना था कि अगर कोई मरीज आता है तो ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर को इसकी सूचना दें।


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