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अंडर 17 लड़कों में कांस्य पदक से बची लाज

यूथ गेम्स में अंडर-17 लड़कों की टीम ने कांस्य पदक जीतकर पंजाब की लाज बचा ली।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:11 AM (IST)
अंडर 17 लड़कों में कांस्य पदक से बची लाज
अंडर 17 लड़कों में कांस्य पदक से बची लाज

कमल किशोर, जालंधर

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गोवाहाटी में चल रही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में अंडर-17 लड़कों की टीम ने कांस्य पदक जीतकर पंजाब की लाज बचा ली। पंजाब ने तीसरे व चौथे स्थान पर रहने के लिए सोमवार को मैच खेला था। मैच में पंजाब ने उड़ीसा को हराकर पदक जीता। पिछले वर्ष की यूथ गेम्स में हॉकी में पंजाब ने रजत व कांस्य पदक जीता था। तीन वर्ष में खेलो इंडिया गेम्स में पंजाब की हॉकी में पदकों की गिनती कम होती जा रही है।

इस साल गेम्स में अंडर-21 लड़के वर्ग, अंडर-17 लड़की वर्ग व अंडर-17 लड़के वर्ग की टीमों ने हिस्सा लिया था। अंडर-21 लड़के वर्ग व अंडर-17 लड़की वर्ग की टीमें कुछ खास नहीं कर पाई। दोनों टीमें एक-एक मैच जीतकर पूल से बाहर हो गई। अगर अंडर 17 लड़कों की टीम भी पदक से चूक जाती तो इतिहास में पहली बार होता कि खेलो इंडिया गेम्स में पंजाब हॉकी में पदक से विहीन रहता। जिले ने हॉकी को कई राष्ट्रीय व अंतर राष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। खेलो इंडिया में हॉकी में मात्र एक पदक हासिल करना खेल विभाग पर सवालिया निशान लग रहा है। सिर्फ तीन दिन ही लगा कैंप

जिला खेल विभाग का कहना है कि 20 दिसंबर को सरकारी स्कूलों में छुट्टियां पड़ गई थी। जिला खेल विभाग ने हेड आफिस को 24 को हॉकी का कैंप लगाने की इजाजत मांगी थी। विभाग ने इजाजत नहीं दी। कैंप की इजाजत तीन जनवरी तो मिली। मात्र तीन से छह जनवरी तक कैंप लगा। ऐसे में टीमों को अभ्यास का कम समय मिला। सात जनवरी को टीम गोवाहाटी रवाना हो गई। खिलाड़ियों को अभ्यास करने के साथ-साथ एक दूसरे के साथ तालमेल बैठाने में भी दिक्कत हुई। दो वर्ष से विभाग की उम्मीदों पर फिर चुका है पानी

दो वर्ष से हॉकी टीम विभाग की उम्मीदों पर पानी फेर रही है। विभाग हॉकी टीम से स्वर्ण पदक जीतने की आस लगाता रहा है। टीम विभाग की नजरों में खरा उतरने की बजाय बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रही है। मात्र एक कांस्य पदक लाकर टीम तैयार करने वाले कोच भी खेल रणनीति बनाने में नाकाम रहे हैं। बात ये भी सामने आ रही है कि टीम में कंबीनेशन की कमी दिखी है। जालंधर पहुंचने पर विभाग हार का मंथन करेगा। कैंप में देरी से लगने के चलते टीम अभ्यास नहीं कर सकी। मात्र तीन दिन ही हॉकी का कैंप लगाया गया। कम से कम कैंप दस दिन का होना चाहिए था। अधिक ठंड होने की वजह से भी खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई। मैच के दौरान फिटनेस भी आड़े आ रही थी।

गुरप्रीत सिंह, जिला खेल अधिकारी


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