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एक दिन में दो घोटालों पर मुहर : जालंधर में विज्ञापन व चौक सुंदरीकरण की जांच में गड़बड़ी सामने आई

नगर निगम ने विज्ञापन ठेके में गड़बड़ी की जांच के पहले ही दिन शहर में लगाया गया यूनीपोल तय साइज से बड़ा निकला तो दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी कंपनी के तहत 11 चौक के सुंदरीकरण के प्रोजेक्ट में भी बड़ी गड़बड़ी पाई गई।

By Edited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 06:35 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 07:25 AM (IST)
एक दिन में दो घोटालों पर मुहर : जालंधर में विज्ञापन व चौक सुंदरीकरण की जांच में गड़बड़ी सामने आई
विज्ञापन टेंडर इंजीनियरिंग ब्रांच की जांच में गड़बड़ी सामने आई है।

जालंधर, जेएनएन। नगर निगम ने एक ही दिन में दो बड़े घोटालों पर मुहर लगा दी है। विज्ञापन ठेके में गड़बड़ी की जांच के पहले ही दिन शहर में लगाया गया यूनीपोल तय साइज से बड़ा निकला तो दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी कंपनी के तहत 11 चौक के सुंदरीकरण के प्रोजेक्ट में भी बड़ी गड़बड़ी पाई गई। चौक की ब्यूटीफिकेशन में घटिया मैटीरियल का इस्तेमाल हो रहा है। विज्ञापन मामले में चेयरपर्सन नीरजा जैन और चौक के मामले में बीएंडआर कमेटी के चेयरमैन जगदीश गग ने मेयर को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। 11 चौक बनाने पर स्मार्ट सिटी 20.32 करोड़ रुपए खर्च की रही है। विज्ञापन में 4 करोड़ का घोटाला बताया गया है। इन ब्रांचों से जुड़ी एडहाक कमेटियां इस मामले में जांच कर रही हैं।

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विज्ञापन टेंडर इंजीनिय¨रग ब्रांच की जांच में गड़बड़ी सामने आई, यूनीपोल का साइज बड़ा निकाला नगर निगम हाउस में विज्ञापन टेंडर को रद करने के बाद विज्ञापन एडहाक कमेटी ने माडल टाउन जोन में लगे यूनीपोल की जांच शुरू की। पहले ही दिन जांच में बीएमसी चौक में लगे यूनीपोल के साइज में बड़ा फर्क मिला है। नीरजा जैन ने असिस्टेंट कमिश्नर एसएस सिद्धू और पार्षदों के साथ यूनीपोल की पैमाइश करवाई थी। यूनीपोल का साइज 10 फुट बाय 20 फुट होना चाहिए था। फ्रेम तो 10 बाय 20 फुट का था लेकिन विज्ञापन बोर्ड का साइज 12 फुट बाय 21 फुट 8 इंच का निकला।

विज्ञापन 200 वर्ग फुट की लगाई जानी थी लेकिन इसका साइज 261 वर्ग फुट है। कंपनी के का¨रदे यूनीपोल से विज्ञापन न हटा दें इसलिए नीरजा जैन ने बोर्ड पर पहरा बैठा दिया था। इससे पहले नीरजा जैन और पार्षद गुर¨वदर ¨सह बंटी नीलकंठ ने असिस्टेंट कमिश्नर को पत्र लिखकर यूनीपोल पर लगने वाले विज्ञापन बोर्ड के साइज की जांच करके रिपोर्ट मांगी थी ताकि मेयर जगदीश राजा को इसकी रिपोर्ट दी जा सके।

विज्ञापन ब्रांच की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होगी :

मेयर नीरजा जैन का कहना है कि विज्ञापन टेंडर रद करने के लिए जो कारण बताए गए थे उनमें से एक प्रमुख कारण यह भी था कि यूनीपोल के साइज में अंतर है। हाउस की मी¨टग में टेंडर रद करने के समय साइज में अंतर का जो दावा किया गया था वह जांच में साबित हो गया है। यह जांच पहले भी की गई थी लेकिन अब असिस्टेंट कमिश्नर की मौजूदगी में इंजीनिय¨रग ब्रांच ने इसे तसदीक कर दिया है। लिखित रिपोर्ट मेयर को दी जाएगी। मेयर जगदीश राजा का कहना है कि इंजीनिय¨रग ¨वग की रिपोर्ट आ चुकी है और अब वीरवार को विज्ञापन ब्रांच से रिपोर्ट ली जाएगी। दोनों रिपोर्ट सामने आने के बाद कार्रवाई के आदेश जारी होंगे।

चौक सुंदरीकरण बीएमसी चौक में घटिया मैटीरियल का इस्तेमाल, बारिश में बैठ जाएगा फुटपाथ

मेयर जगदीश राज राजा के 11 चौक के सुंदरीकरण के 20.32 करोड़ के प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाने के बाद निगम की बीएंडआर एडहाक कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। पहले दिन की जांच में बीएमसी चौक में तैयार किए जा रहे फुटपाथों का मैटीरियल जांचा गया। सभी ने मैटीरियल की जांच के बाद आरोप लगाया कि वह घटिया क्वालिटी का है।

जगदीश गग ने कहा कि इंटरला¨कग टाइल्स को हाथ से ही उखाड़ा जा सकता है। इससे पहले गुरु अमरदास चौक के निर्माण की जांच में भी ऐसे ही हालात मिले थे। गुर¨वदर ¨सह बंटी नीलकंठ ने कहा कि ठेकेदार जो मैटीरियल इस्तेमाल कर रहा है उसकी स्पेसिफिकेशन की जांच का भी कोई तरीका नहीं है। निर्माण के समय सीमेंट का बेहद कम इस्तेमाल हो रहा है और बेस वर्क भी ठीक नहीं है। अगली बरसात में यह फुटपाथ धंस सकते हैं।

सड़क की चौड़ाई कम करने से ट्रैफिक सिस्टम बिगड़ेगा

एडहाक कमेटी में शामिल पार्षद गुर¨वदर ¨सह बंटी नीलकंठ, पवन कुमार, मनमोहन राजू और मो¨हदर ¨सह गुल्लू ने कहा कि सड़कों की चौड़ाई कम की जा रही है और फुटपाथ तीन गुणा चौड़े कर दिए हैं। इससे शहर में यातायात समस्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि फुटपाथ चौड़े करते समय बरसाती पानी की निकासी भी बंद कर दी है और यह आगे जाकर समस्या खड़ी करेगी।

तारों को अंडरग्राउंड नहीं किया, जुंबा लाइट में भी गड़बड़ी

बंटी नीलकंठ ने कहा कि सभी चौक में तारों को अंडरग्राउंड करना था जिससे चौक सुंदर बन सकें। किसी भी चौक में तारों को अंडरग्राउंड नहीं किया गया। अब जब तारों को ड¨क्टग के जरिए पाइप डालना होगा तो एक बार फिर फुटपाथ की टाइलें उखाड़नी होगी। अगर फुटपाथ पर तारें और खंभे रहेंगे तो फिर लोग इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे। चौकों में जुंबा लाइटें लगाने में भी गड़बड़ी है।


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