इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बता प्रीमियम भरवाने के नाम पर ठगी, हरियाणा व यूपी के दो ठग नामजद
रमन विज के साथ 46436 रुपये की ठगी हुई है। आरोपित ने उन्हें खुद को इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बताकर पालिसी का प्रीमियम एक महीने पहले भरने पर छूट का लालच दिया था। जब कंपनी की ओर से प्रीमियम भरने का पत्र आया तो उन्हें ठगी का पता चला।
जालंधर, जेएनएन। खुद को इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बता ठग ने पालिसी धारक को दस फीसद छूट का लालच देकर हजारों रुपये ठग लिए। इसका पता तब चला, जब पैसे जमा कराने के बाद पालिसी धारक को बीमा कंपनी ने प्रीमियम अदा करने के लिए पत्र भेजा। उन्होंने इस मामले में पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने मोबाइल नंबर व बैंक अकाउंट का पता करने के बाद हरियाणा व उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
नकोदर रोड के रहने वाले रमन विज ने बताया कि 22 जून, 2019 को उनके पास एक फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का कर्मचारी रिशभ गुप्ता बताया। उसने उन्हें उनकी करवाई दो बीमा पालिसी के प्रीमियम की ड्यू डेट बताई। रिषभ ने कहा कि अगर वह एक महीने पहले प्रीमियम जमा करा देते हैं तो उन्हें दस फीसद छूट मिलेगी। उसने उन्हें फोन पर पालिसी के बारे में पूरी जानकारी दी। इसमें शिकायतकर्ता की पालिसी नंबर, प्रीमियम ड्यू डेट, जन्मतिथि, नामिनी का नाम समेत अहम जानकारियां शामिल हैं। इस वजह से उन्हें भरोसा हो गया कि वह कंपनी का ही कर्मचारी है और उन्होंने 25 जून को अपने अकाउंट से एनईएफटी के जरिए 46,436 रुपये ट्रांसफर कर दिए। 22 जुलाई को वह तब चौंक गए जब उनके पास प्रीमियम भरने के लिए इंश्योरेंस कंपनी का पत्र आया। तब उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी की गई है।
उनकी शिकायत की जांच टेक्निकल सैल को सौंपी गई। जिसकी रिपोर्ट में पता चला कि जिस नंबर से शिकायतकर्ता रमन विज को फोन आया था, वह हरियाणा के फरीदबाद की सूरजकुंड रोड स्थित सी-3, लेकवुड सिटी के रहने वाले हिमांशु कुमार के नाम पर है। जिस अकाउंट में यह पैसे गए, वह उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के राइया पोस्ट ऑफिस के अधीन आते गांव नगला तिरवाइया के रहने वाले अनिल कुमार के नाम पर है। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।
जानकारी पर उठाए सवाल
शिकायतकर्ता रमन विज ने कंपनी व उनके बीच पालिसी से जुड़ी सभी जानकारियां ठग के पास होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पुलिस को दी गई शिकायत में भी कहा कि यह जानकारियां निजी होती हैं, इसके बावजूद इनका ठग के पास होना गंभीर है।