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7.5 किलो अफीम के साथ दो भाई गिरफ्तार

अमृतसर में लोहे के कड़े बनाने की फैक्ट्री चलाने वाले दो सगे भाइयों को बुधवार काउंटर इंटेलिजेंस जालंधर ने गोराया-फिल्लौर मार्ग के बीच काबू कर लिया। उनके कब्जे से 7.5 किलो अफीम बरामद हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 11:00 AM (IST)
7.5 किलो अफीम के साथ दो भाई गिरफ्तार
7.5 किलो अफीम के साथ दो भाई गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, जालंधर : अमृतसर में लोहे के कड़े बनाने की फैक्ट्री चलाने वाले दो सगे भाइयों को बुधवार काउंटर इंटेलिजेंस जालंधर ने गोराया-फिल्लौर मार्ग के बीच काबू कर लिया। उनके कब्जे से 7.5 किलो अफीम बरामद हुई। ये अफीम वे मध्यप्रदेश व राजस्थान से लाए थे। उन्होंने अपनी सेंट्रो कार में एक बक्सा बनाया हुआ था। उसी में अफीम रखी थी। बक्से के ऊपर लोहे के कड़े के बंडल रखे थे। दोनों भाइयों की पहचान मनप्रीत (29) व कमलजीत ¨सह (33) निवासी गांव वीरपाल (अमृतसर) के रूप में हुई है।

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पत्रकारों को जानकारी देते हुए एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस एचपीएस खख ने बताया कि दोनों भाई उस अंतरराष्ट्रीय नशीले पदार्थो के गिरोह के अहम अंग हैं जो कोरियर सेवाओं द्वारा कड़ाहों में नशीले पदार्थ छिपाकर कनाडा में तस्करी कर रहे थे। उनकी टीम इस नैटवर्क के भारतीय ¨लक का पता लगाने के लिए जुटी हुई थी। आज गुप्त सूचना के आधार पर मनप्रीत (29) व कमलजीत ¨सह (33) को जीटी रोड फिल्लौर-गोराया में सफेद सेंट्रो कार नं. पीबी 02-बीजी 8677 समेत काबू कर लिया। उक्त 7.5 किलो अफीम के दो पैकेट गाड़ी में लोहे के कड़े के बंडलों के नीचे छुपाकर रखी गई थी। अमृतसर में लोहे के कड़े की फैक्ट्री चलाते हैं दोनों भाई

खख ने बताया कि दोनों भाई अमतसर में लोहे के कड़े बनाने की फैक्ट्री चलाते थे। दोनों लोहे के कड़े धार्मिक मेलों व भारत में अलग-अलग राज्यों के गुरुद्वारों में सप्लाई करते थे। खख ने बताया कि मनप्रीत महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में ट्रक ड्राइवरों के संपर्क में आ गया, जिन्होंने मनप्रीत को नशे की सप्लाई कर कम समय में ज्यादा पैसे कमाने को प्रेरित किया। 2010 में मनप्रीत को राजस्थान पुलिस ने 500 ग्राम अफीम के साथ बस में गिरफ्तार किया था, बाद में वह जेल से रिहा हो गया था। वह चित्तौड़गढ़ से अफीम लाकर पंजाब में सप्लाई करता था। फिर इसे नशे के केस में 6 साल की सजा हुई और वह जेल गया गया, जहां यह राकेश नामक व्यक्ति के संपर्क में आया और तस्करी करने लगा। 2016 में वे सेंट्रो कार खरीद कर सीट के नीचे दो बॉक्स बनाकर उसमें अफीम रखकर सप्लाई करते रहे और बॉक्स पर लोहे के कड़े रख लेते थे ताकि किसी को शक न पड़े।


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