ब्रेक की बजाय रेस पर पड़ा ड्राइवर का पैर, बस ने बाइक सवार दो युवकों को 100 मीटर घसीटा
न्यू दशमेश नगर से एक दर्जन युवक गए थे। उनमें बबल, सोनू, अनिल कुमार (नीला), निम्मा, सूरज, वरुण, राकेश व अन्य युवक थे। सभी ने रास्ते में लंगर खाते समय अंतिम सेल्फी भी ली थी।
संवाद सहयोगी, जालंधर : हिमाचल प्रदेश के ¨चतपूर्णी माता मंदिर में माथा टेकने जा रहे जालंधर के ड्राइवर और उसके दोस्त की सड़क हादसे में मौत हो गई। 15 अगस्त को जालंधर के दशमेश नगर निवासी नरेंद्र कुमार सोनू व अनिल कुमार निवासी तिलक नगर अन्य दोस्तों के साथ माता चिंतपूर्णी में माथा टेकने जा रहे थे। वह अभी चौहाल के पास ही पहुंचे थे कि पीछे से आ रही तेज रफ्तार बस ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। हिमाचल प्रदेश डिपो की बस ने जब नरेंद्र व उसके दोस्त अनिल कुमार को कुचला, तो उसका ड्राइवर अचानक घबरा गया। ऐसे में उसका पैर ब्रेक की बजाय रेस पर पड़ गया। इससे बस बेकाबू हो गई और दोनों को बाइक समेत लगभग 100 मीटर तक घसीटती ले गई। इसके चलते दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद बस ड्राइवर तो वहां से भाग निकला। मौके पर इकट्ठा हुए लोगों ने बस की तोड़फोड़ शुरू कर दी। बस का कंडक्टर भीड़ के हत्थे चढ़ गया। लोगों ने उसे इतना पीटा कि वह बेहोश हो गया।
मन में ही रह गई सोनू की औलाद देखने व अनिल की अपने घर में रहने की इच्छा
होशियारपुर के चौहाल के पास हादसे का शिकार हुए सोनू और अनिल कुमार के सपने हमेशा के लिए अधूरे रह गए। अनिल पूरी ¨जदगी किराए के घर में रहा, लेकिन जब उसका अपने घर में रहने का सपना हकीकत में बदलने जा रहा था, पर वह काल का ग्रास बन गया। इसी तरह सोनू औलाद के लिए 18 सालों से मंदिर- गुरुद्वारों में माथा टेक रहा था। अब उसकी ख्वाहिश पूरी होने को थी, तो वह दुनिया से चला गया। घरवालों के मुताबिक सोनू और अनिल अच्छे दोस्त थे। दोनों एम्स पब्लिक स्कूल में ऑटो से बच्चों लाते-ले जाते थे। 15 अगस्त देर शाम दोनों युवकों का घास मंडी स्थित शमशानघाट में संस्कार कर दिया गया। इस दौरान वार्ड 40 से भाजपा पार्षद वरेश मिंटू भगत ने मृतकों के परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने पंजाब सरकार से मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
18 साल से औलाद की चाहत में धार्मिक स्थलों पर माथा टेक रहा था सोनू
सोनू के पिता सुखदेव ¨सह चार साल से बीमारी से जूझ रहे हैं व मां गुरबचन कौर भार्गव कैंप में प्लास्टिक का सामान बेचती है। कुछ साल पहले ही उसके छोटे भाई सुख¨वदर की किडनी फेल होने से मौत हो गई थी। ऐसे में पूरे परिवार की जिम्मेदारी सोनू पर ही थी। इन्हीं परेशानियों के बीच घर में कई सालों बाद खुशियां आने वाली थी। 18 साल से सोनू बच्चे की चाहत लिए हर धार्मिक स्थल घूम रहा था। अब उसकी इच्छा पूरी होने वाली थी। उसकी पत्नी गर्भवती है। इसी कारण 15 अगस्त की छुंट्टी होने पर वह मां ¨चतपूर्णी मंदिर माथा टेकने के लिए निकला था। सालों बाद अनिल की अपने घर में रहने की इच्छा पूरी होने वाली थी
दूसरी तरफ अनिल कुमार तिलक नगर में किराए पर अपनी पत्नी मधु बाला व चार बच्चे चांद, दमन, अनमोल और दीक्षा के साथ रह रहा था। पिता भोला नाथ ने बताया कि ¨जदगी की दौड़भाग में किराया देते हुए उनकी ¨जदगी गुजर गई। अब बेटे ने अपने मकान की इच्छा लिए कुछ दिन पहले ही गार्डन कॉलोनी में मकान का सौदा किया था। सौदे के लिए उसने दो लाख रुपये भी एडवांस दिए थे लेकिन वह माथा टेकने गया तो ऐसा कि लौट ही नहीं सका।
पत्नी ने किया था मना, रास्ते में लंगर खाते वक्त ली अंतिम सेल्फी
साथियों के साथ जा रहे सोनू की पत्नी ने उसे जाने से रोका भी था लेकिन जब सभी दोस्त उसके गेट तक आ गए तो वह उनके साथ निकल गया। न्यू दशमेश नगर से एक दर्जन युवक गए थे। उनमें बबल, सोनू, अनिल कुमार (नीला), निम्मा, सूरज, वरुण, राकेश व अन्य युवक थे। सभी ने रास्ते में लंगर खाते समय अंतिम सेल्फी भी ली थी।