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ग्रीन फ्यूल के सामने एनओसी का रेड सिग्नल

प्रदेश सरकार ने मौजूदा पेट्रोल पंप परिसरों में सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) स्टेशन की अनुमति देने के लिए

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Jun 2018 10:17 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 01:13 PM (IST)
ग्रीन फ्यूल के सामने एनओसी का रेड सिग्नल
ग्रीन फ्यूल के सामने एनओसी का रेड सिग्नल

मनुपाल शर्मा, जालंधर

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राज्य में वातावरण बचाने को किए जा रहे दावों से ज्यादा लंबी एनओसी की फेहरिस्त ग्रीन फ्यूल मुहिम को फ्लाप करने में लगी है। प्रदेश सरकार ने मौजूदा पेट्रोल पंप परिसरों में सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) स्टेशन की अनुमति देने के लिए 8 से 12 विभागों की एनओसी अनिवार्य की है। एनओसी लेने की प्रक्रिया ही इतनी जटिल है कि कई माह के लंबे इंतजार के बाद भी ग्रीन फ्यूल को सरकार का ग्रीन सिगनल नहीं मिल पा रहा। इसी सरकारी प्रक्रिया से तंग आकर मौजूदा पैट्रोल पंप डीलर सीएनजी पंप लेने से ही इंकार कर रहे हैं।

सरकार ने कहने को ¨सगल ¨वडो सिस्टम लागू कर रखा है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग इसके लिए नोडल एजेंसी के तौर पर कार्य कर रही है लेकिन सभी संबंधित विभागों से एनओसी इकट्ठी करना ही सबसे बड़ी मुश्किल बन गया है। शायद यही वजह है कि लंबी-चौड़ी कवायद के बाद भी पंजाब में सीएनजी के मात्र दो गैस स्टेशन ही वर्किग में आ सके हैं। कम गैस स्टेशन को एनओसी मिलती देख सीएनजी सप्लाई करने वाली कंपनियां भी अत्यंत धीमी गति से कार्य कर रहीं हैं। बता दें कि जालंधर में सड़क के रास्ते करनाल से सीएनजी लाई जा रही है।

दिल्ली में मात्र दो विभागों की एनओसी ही अनिवार्य

सीएनजी के सहारे प्रदूषण से कुछ हद तक निजात पा चुकी दिल्ली में सीएनजी पंप लगाने को लेकर मात्र दो विभागों की एनओसी ही जरूरी बनाई गई है। वहां फायर सेफ्टी एवं ट्रैफिक विभाग से एनओसी मिलते ही सीएनजी पंप शुरू कर दिया जाता है।

तेल कंपनियां भी परेशान

मौजूदा पैट्रोल पंपों पर सीएनजी पंप लगाने को लेकर तेल कंपनियों की तरफ से संबंधित जिले में एनओसी के लिए एप्लाई किया जाता है। तेल कंपनियां एनओसी की जटिल प्रक्रिया से बुरी तरह से परेशान गई हैं। एचपीसीएल के सीनियर मैनेजर विजय कांसल ने भी इस बात की पुष्टि की है कि एनओसी लेने में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

बदलें नियम, डीलर शर्ते पूरी करने में असमर्थ

पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन पंजाब के प्रवक्ता मौंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि जो पंप दशकों पहले स्थापित हो चुके हैं, उनके लिए नए सिरे से एनओसी लेना तो मुमकिन ही नहीं है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी से लेकर स्थानीय निकाय विभाग के नियम तबदील हो चुके हैं। जो पंप दशकों पहले रिहायशी क्षेत्र से दूर थे, अब वे नजदीक आ चुके हैं। पंपों के आसपास पर्याप्त जगह नहीं है। ऐसा नहीं है कि सुरक्षा शर्ते पूरी नहीं की जा रहीं, लेकिन नए नियमों एवं शर्तो का पालन कर पाना मुश्किलों भरा है। इसमें कई गुणा फीस भी रखी गई है, जिसे अदा कर पाने में डीलर असमर्थ हैं।

इन पर है सीएनजी उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी

जालंधर-लुधियाना में जय मधोक, चंडीगढ़ एवं मोहाली में आईओसी एवं अदानी, अमृतसर में गेल गैस, रोपड़ में बीपीसीएल, फतेहगढ़ साहिब में आईआरएम एनर्जी और ब¨टडा में गेल गैस। गेल गैस की पाइपलाइन मौजूद है।

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सरल बनाएं जाएंगे नियम : मंत्री आशु

इस संबंध में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा है कि उनकी तेल कंपनियों के अधिकारियों के साथ इस मसले पर बैठक हुई है। जल्द ही सीएनजी पंप लगाने के लिए एनओसी के नियम सरल बनाए जा रहे हैं


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