जालंधर के जुड़वा भाइयों ने रचा यह इतिहास, सैन्य अधिकारी बनकर करेंगे देश की सेवा
जालंधर में रह रहे पाठक परिवार के जुड़वां बेटों अभिनव एवं परिनव ने सेना की टेक्निकल एंट्री के एक ही कोर्स से पासआउट होकर नया इतिहास रच दिया है।
जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। जन्म में मात्र दो मिनट का अंतराल, लेकिन सैन्य अधिकारी बन देश सेवा करने का जज्बा एक समान। जालंधर में रह रहे पाठक परिवार के जुड़वां बेटों अभिनव एवं परिनव ने सेना की टेक्निकल एंट्री के एक ही कोर्स से पासआउट होकर नया इतिहास रच दिया है। दोनों शनिवार को इंडियन मिलिट्री अकादमी (आईएमए) देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड के बाद सैन्य अधिकारी बन गए हैं।
जालंधर के डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने वाले अभिनव आर्मी एयर डिफेंस और लुधियाना के गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल में बीटेक करने वाले परिनव आर्मी एविएशन में अपनी सेवाएं देंगे। वह पासिंग आउट परेड के बाद 20 दिन की छुट्टी जालंधर में काटने के बाद वह एक जुलाई को संबंधित यूनिट्स में रिपोर्ट करेंगे। अभिनव बड़े हैं और परिनव उनसे दो मिनट छोटे हैं। अभिनव ने बताया कि उनके पूरे परिवार में ही फौज में कोई भी नहीं है, लेकिन उन्हें एवं उनके भाई को बचपन से ही सैन्य अधिकारी बनने का शौक था।
इससे पहले वह तीन बार एनडीए की लिखित परीक्षा पास पास कर चुके थे, लेकिन साक्षात्कार (इंटरव्यू) में सफल नहीं हो पा रहे थे, बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बीटेक करने के बाद टेक्निकल एंट्री से सेना में प्रवेश पाया। उन्होंने बताया कि उनकी सिलेक्शन बीटेक के चौथे वर्ष में ही सेना में हो गई थी। उन्होंने जून 2018 में बीटेक पास की और जुलाई 2018 में ही उनका आइएमए कोर्स देहरादून में शुरू हो गया।
पासिंग आउट परेड के बाद जालंधर लौट रहे अभिनव ने बताया कि उनके पिता अशोक पाठक एवं माता मंजू पाठक मूल रूप से अमृतसर के ही निवासी हैं, लेकिन इन दिनों जालंधर में रह रहा है। उनके पिता ट्रांसपोर्ट कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि पासिंग आउट परेड में उनका समस्त परिवार देहरादून में पासिंग आउट परेड के मौके पर उपस्थित था। वह बेसब्री से जालंधर पहुंच कर अपनी दादी से मिलना चाहते हैं और उनका आशीर्वाद लेना चाहते हैं।
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