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गड़बड़ी की आशंका: 22 हजार से ज्यादा मतदाता नहीं मिले, वोटर सूची से काटे नाम Jalandhar News

र साल मतदाताओं की गिनती बढ़ाने की कोशिश होती है लेकिन अब नाम कटने के बाद जिले में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले मतदाताओं की गिनती घट गई है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 08:15 AM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 08:04 PM (IST)
गड़बड़ी की आशंका: 22 हजार से ज्यादा मतदाता नहीं मिले, वोटर सूची से काटे नाम Jalandhar News
गड़बड़ी की आशंका: 22 हजार से ज्यादा मतदाता नहीं मिले, वोटर सूची से काटे नाम Jalandhar News

जालंधर, [मनीष शर्मा]। जिले में 22,098 ऐसे लोगों के वोटर कार्ड बने थे, जो यहां हैं ही नहीं। इसका पता अब चुनाव आयोग के वोटर वेरीफिकेशन प्रोग्राम से चला है। इतनी बड़ी संख्या में ऐसे मतदाताओं के सामने आने के बाद उनके नाम हटाकर संशोधित वोटर सूची तैयार की गई है। 

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हर साल मतदाताओं की गिनती बढ़ाने की कोशिश होती है, लेकिन अब नाम कटने के बाद जिले में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले मतदाताओं की गिनती घट गई है। हालांकि इस दौरान प्रशासन ने 11 हजार नए मतदाता जोड़े, लेकिन अब भी इतने ही मतदाता कम हो गए हैं। हालांकि इस बारे में प्रशासन वोटर की मौत या शिफ्टिंग का तर्क दे रहा है, लेकिन 22 हजार से ज्यादा वोटों के आंकड़े के आगे यह दावा फेल साबित हो रहा है।

वेरिफिकेशन के बाद पकड़े गए

चुनाव आयोग ने हाल ही में वोटर वेरीफिकेशन प्रोग्राम के तहत वोटर कार्डों की जांच कराई थी। इस जांच में जिले के नौ विधानसभा हलकों में 16,10,996 वोटरों की जांच की गई। जांच के दौरान 15,88,898 वोटर ही योग्य मिले। इनमें से 22,098 वोटर ऐसे थे, जिनकी वेरीफिकेशन नहीं हो पाई। इसकी रिपोर्ट बूथ लेवल अफसरों ने चुनाव आयोग को दी और अब उनके नाम पर कैंची चला दी गई। हालांकि इस दौरान प्रशासन ने 10,993 नए वोटर जोड़े। इसके बाद जिले के नौ विधानसभा हलकों में वोटरों की संख्या 15,99,691 हो गई है, जो पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े को नहीं छू सकी।

सालभर में इतने वोटर मर गए या जिला छोड़ गए?

प्रशासन के तर्क की मानें तो वोटर सूची से मतदाता इसलिए काटे गए, क्योंकि इनमें से कुछ की मौत हो चुकी है और जबकि कुछ शिफ्ट हो चुके हैं। हालांकि इस पर विश्वास करना शायद मुमकिन नहीं, क्योंकि वोटर वेरीफिकेशन प्रोग्राम हर साल होता है। ऐसे में एक साल में 22 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई या फिर इतने जिला छोड़कर चले गए, यह भी संभव नहीं। जाहिर है कि वोटर कार्ड बनाने में गड़बड़ी हुई या फिर ये वोटर लंबे समय से जिले में थे ही नहीं। ऐसे में साल दर साल हुआ वोटर वेरीफिकेशन प्रोग्राम ही खानापूर्ति के तौर पर हुआ।

आदमपुर को छोड़कर आठ विस हलकों में घटे मतदाता

सूची में 11 हजार नए वोटर जोडऩे के बावजूद जिले के नौ में से आठ विधानसभा हलकों में मतदाताओं की गिनती पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले गिर गई है। सिर्फ आदमपुर ही ऐसा हलका है, जहां मतदाता बढ़े हैं।

अब किस विधानसभा हलके में कितने वोटर

हलका            पहले           अब

फिल्लौर          201530     201134

नकोदर           190217     188859

शाहकोट         178222      176830

करतारपुर       176866      176363

जालंधर वेस्ट  162929      162343

जालंधर सेंट्रल 166003      165459

जालंधर नॉर्थ  183855      181222

जालंधर कैंट   190108      185874

आदमपुर       161266      161607

कुल              1610996    1599691

साढ़े आठ हजार कार्डों में गलतियां

फाइनल की गई वोटर सूची में यह भी आंकड़ा सामने आया है कि तकरीबन साढ़े आठ हजार वोटर कार्डों में गलतियां भी मिली हैं। 8478 वोटर कार्डों में नाम, फोटो, लिंग, मेल-फीमेल आदि की गड़बड़ी मिली है। अब इन्हें ठीक करने के लिए प्रशासन ने आवेदन ले लिया है।

राजनीतिक दलों को दी वोटर सूची

शुक्रवार को डीसी वरिंदर शर्मा ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को यह संशोधित वोटर सूची सौंपी। इसमें उन्होंने मतदाताओं की कमी स्वीकारते हुए कहा कि वेरीफिकेशन के बाद यह संख्या आई है। यह वोटर सूची चुनाव दफ्तर, ईआरओ व बीएलओ को भी उपलब्ध कराई गई हैं।

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