'तुपका सिचाई प्रणाली' अपनाओं, जमीन के पानी का स्तर गिरने से बचाओं
तुपका सिचाई प्रणाली के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विशेष जागरूकता मुहिम चलाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, जालंधर : जमीन के निचले पानी के तेजी से गिर रहे स्तर को रोकने के उद्देश्य से खेतीबाड़ी व किसान भलाई विभाग की तरफ से 'तुपका सिचाई प्रणाली' के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विशेष जागरूकता मुहिम चलाई जाएगी। मक्की की फसल की तुपका सिचाई द्वारा बिजाई करने संबंधी 100 प्रदर्शनी कैंप लगाए जाएंगे। बता दें कि हर साल पानी 37 सेंटीमीटर नीचे जा रहा है और जालंधर के 10 ब्लॉकों में पहले ही धरती निचले पानी के अधिक इस्तेमाल के चलते डार्क जोन घोषित किया जा चुका है। इस प्रोग्राम के तहत जिले के 10 ब्लॉकों में से 10 किसानों को चुना गया है। इनकी एक एकड़ जमीन में तुपका प्रणाली की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके अलावा सारे पंजाब में 1450 तुपका सिचाई से संबंधित प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। एडीसी कुलवंत सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार धरती के निचले पानी को और नीचे जाने से रोकने के लिए वचनबद्ध है। मक्की की फसल की तुपका सिचाई द्वारा बिजाई करके धरती के निचले पानी को 75 सेंटीमीटर तक बचाया जा सकेगा। एक एकड़ में आएगा 1.35 लाख रुपये का खर्च
एडीसी ने बताया कि एक एकड़ जमीन में तुपका सिचाई लगाने पर 1.35 लाख रुपये का खर्च आएगा पर किसानों को इसमें 10000 रुपये का योगदान डालना होगा। बाकी की रकम पंजाब सरकार की तरफ से खर्च की जाएगी। तुपका सिचाई सिस्टम सारा किसान का हो जाएगा। जिले के 100 किसानों को तुपका सिचाई द्वारा मक्की की फसल की बिजाई के लिए चुना गया है। डॉ. नाजर सिंह ने बताया कि खेतीबाड़ी विभाग द्वारा किसानों को मक्की का बीज सब्सिडी पर मुहैया करवाया जा रहा है।
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