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फ्लाईओवर बनने के एक महीने बाद भी रामामंडी-पीएपी के बीच बेतरतीब दौड़ रहा है ट्रैफिक

दिशासूचकों के अभाव में वाहन चालक अपनी सूझबूझ के मुताबिक वाहन को हाईवे अथवा सर्विस लेन पर उतार रहे हैं। इससे यहां हमेशा हादसों का खतरा बना रहता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 02:00 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 04:58 PM (IST)
फ्लाईओवर बनने के एक महीने बाद भी रामामंडी-पीएपी के बीच बेतरतीब दौड़ रहा है ट्रैफिक
फ्लाईओवर बनने के एक महीने बाद भी रामामंडी-पीएपी के बीच बेतरतीब दौड़ रहा है ट्रैफिक

जालंधर, जेएनएन। पीएपी फ्लाईओवर बनने के एक महीने बाद भी रामामंडी और पीएपी फ्लाईओवर के बीच ट्रैफिक मनमर्जी से घूमता दिखाई दे रहा है। लोहे की ग्रिल या दिशासूचकों के अभाव में वाहन चालक मनमानी से हाईवे में एंट्री कर रहे हैं। सर्विस लेन पर भी बेरोकटोक पहुंच रहे हैं। इसके कारण हर समय हादसा होने का डर बना रहता है। कई बार तो यहां लंबा जाम लग जाता है।

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हालात यह हो गए हैं कि प्रत्येक वाहन को अपना बचाव खुद ही करना पड़ रहा है। यातायात के लिए अति संवेदनशील हाईवे के इस हिस्से में सुरक्षा को लेकर भारी लापरवाही बरती जा रही है। दिशासूचकों के अभाव में वाहन चालक अपनी सूझबूझ के मुताबिक वाहन को हाईवे अथवा सर्विस लेन पर उतार रहे हैं। माल रोड के ठीक आगे सड़क के बीचों-बीच एक डिवाइडर बना दिया गया है, जो सुविधा की बजाय मात्र हादसों की वजह बन रहा है। वजह यह है कि वहां पर भी कोई दिशा सूचक नहीं लगा है, जिस कारण वाहन चालक मनमर्जी से लेन का चयन कर लेते हैं।

काम शुरू कर बीच में छोड़ा

मौके के हालात यह हैं कि मात्र कुछ लोहे की ग्रिल लगाकर काम फिर से बंद कर दिया गया है। बीते दो दिन से हो रही मामूली बरसात से ही पीएपी-रामामंडी के बीच पानी जमा हो गया है और अब वाहनों के गहरे गड्ढों में गिरने की संभावना बढ़ रही है। कारण यह है कि यहां हाईवे के दोनों तरफ ड्रेन की व्यवस्था नहीं है। यानी पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। पिछली बरसात में भी पानी कई दिन तक खड़ा रहा था और गंदगी इकट्ठी हो जाने की वजह से बदबू तक मारने लगा था।

जल्द ग्रिल और दिशा सूचक लगेंगे: कंपनी

इस बारे में हाईवे निर्माण का कार्य करने वाली निजी कंपनी सोमा रोडीज के अधिकारियों ने कहा कि हाईवे के पूरे हिस्से में सुरक्षा प्रबंध करने का कार्य शुरू किया गया है। एक तरफ ग्रिल भी लगा दी गई है और जल्द दूसरे हिस्से में भी ग्रिल लगाने का काम शुरू किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि सड़क के बीचों-बीच बनाए गए डिवाइडर के ऊपर भी रिफ्लेक्टर लगाए जा रहे हैं, ताकि वाहन चालकों को रात के समय भी पता चल सके। यह काम भी जल्द निपटा लिया जाएगा।

एक हफ्ते का काम एक महीने में भी नहीं किया पूरा

दीवाली से ठीक दो दिन पहले पीएपी फ्लाईओवर को यातायात के लिए खोलकर अमृतसर की तरफ टर्न लेने वाली पीएपी सर्विस लेन को बंद कर दिया गया था। तभी से ही सारा ट्रैफिक पीएपी से रामा मंडी जाता है और वहां से फ्लाईओवर के नीचे बने अंडरपास से यू टर्न लेकर कर वापस फ्लाईओवर पर चढ़ता है। सुरक्षा के मद्देनजर तब कंपनी ने आश्वासन दिया था कि एक सप्ताह के भीतर हाईवे के दोनों तरफ ग्रिल लगा दिए जाएंगे और एंट्री एग्जिट के लिए ही एक जगह छोड़ी जाएगी। बावजूद ऐसा कुछ नहीं हो पाया है। वह भी तब जब डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने तत्काल सूचना बोर्ड, दिशा सूचक एवं ग्रिल आदि लगाने के आदेश दिए थे।

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