कारोबारी बोले, नोटबंदी से प्रभावित हुआ कारोबार
केंद्र सरकार द्वारा आठ नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी तथा इसके कारण पैदा हुए हालातों को लेकर व्यापारी वर्ग आज भी नाखुश है। उनका मानना है कि नोटबंदी के बाद से लेकर अभी तक मार्केट में कैश का फ्लो नहीं बन सका है।
जागरण संवाददाता जालंधर : केंद्र सरकार द्वारा आठ नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी तथा इसके कारण पैदा हुए हालातों को लेकर व्यापारी वर्ग आज भी नाखुश है। उनका मानना है कि नोटबंदी के बाद से लेकर अभी तक मार्केट में कैश का फ्लो नहीं बन सका है। यही कारण है कि दो वर्ष भी बाजार में बाद भी बाजार में रौनक नहीं लौट सकी है। इसी विषय को लेकर 'दैनिक जागरण' ने जानी शहर के व्यापारियों की राय। कैश फ्लो में कमी से प्रभावित हुआ कारोबार
नोटबंदी के बाद मार्केट में कैश का फ्लो कम हो गया है। जिसका असर सीधे रूप से व्यापार पर पड़ा है। हालांकि, जीएसटी के बाद अधिकतर कारोबारी अपना तमाम कारोबार अब पक्के बिलों पर ही करते हैं। जबकि, कैश का फ्लो कम होने से मार्केट जरूर प्रभावित हुई है।
- अश्विनी मल्होत्रा, ऑटो कारोबारी। पावर सप्लाई ही नहीं, कैसे होगा कैशलेस
देश के कई इलाके आज भी ऐसे हैं, जहां पर पावर सप्लाई ही नहीं है। ऐसे में 100 प्रतिशत कैशलेस का सपना कैसे साकार होगा यह अपने आप में एक सवाल है। इसके लिए यहीं कारण है कि भारतीय बाजार अभी पूरी तरह से इसके लिए तैयार नहीं है। लिहाजा, इससे कारोबार तो निश्चित रूप से प्रभावित हुआ है।
- कुलभूषण धवन, धवन ज्वेलर्स अचानक नोटबंदी करना हर क्षेत्र के लिए नुकसानदेय रहा
बिना ठोस विकल्प दिए अचानक से रातो-रात नोटबंदी करना कारोबार ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र के लिए नुकसानदेय रहा। यहां तक की घरेलू उपभोक्ता से लेकर नौकरीपेशा भी इस कारण परेशान हुआ है। जिसका असर अभी भी बरकरार है।
- दीपक महेंद्रू, कैंडल के थोक कारोबारी। एक तो नोटबंदी ऊपर से पुराने नोट बदलने से बढ़ी परेशानी
केंद्र सरकार द्वारा दो हजार तथा पांच सौ के नोट अचानक से बंद करने की घोषणा से कारोबार तो प्रभावित हुआ ही साथ ही इन्हें बदलने को लेकर पैदा हुए हालातों ने लोगों को दोहरा दर्द दिया। सरकार की यह घोषणा नादरशाही फरमान थी। जिसने हर क्षेत्र को प्रभावित किया।
- जगदीश ढल्ल, सब्जी के थोक व रिटेल कारोबारी