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ट्रेड यूनियनों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन; सड़कों पर लगाया जाम, लोग हुए परेशान

ट्रेड यूनियन के सदस्यों और पदाधिकारियों ने जालंधर में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। फोकल प्वाइंट में यूनियन के सदस्यों ने सड़क को बंद कर दिया है।

By Sat PaulEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 10:39 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 03:54 PM (IST)
ट्रेड यूनियनों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन; सड़कों पर लगाया जाम, लोग हुए परेशान
ट्रेड यूनियनों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन; सड़कों पर लगाया जाम, लोग हुए परेशान

जेएनएन, जालंधर। ट्रेड यूनियन की ओर से बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल से आम आदमी को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। इस हड़ताल का असर जालंधर में कई जगह पर देखने को मिला। ट्रेड यूनियन के सदस्यों और पदाधिकारियों ने जालंधर में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। कई जगह पर सड़कों को बंद कर दिया, जिसकी वजह से काफी देर तक लंबा जाम लगा रहा है और यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। सुबह के समय ही फोकल प्वाइंट में यूनियन के सदस्यों ने सड़क को बंद कर दिया और सड़क पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

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इस दौरान किसी भी वाहन को आगे जाने नहीं दिया जा रहा है, जिससे वाहन चालकों को मुसीबत का सामना करना पड़ा। सुबह के ऑफ‍िस जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई। उद्योगों, सरकारी दफ्तरों व प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी सुबह देरी से अपने ऑफ‍िस व काम पर पहुंचे। बता देें कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। 

मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते मुलाजिम व यूनियन के सदस्य।

इन मांगों के लिए हो रही हड़ताल

-बढ़ रही महंगाई पर अंकुश लगाया जाए।

-वर्करों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि की जाए।

-कम से कम वेतन 18000 रुपये प्रतिमाह घोषित किया जाए।

-हर एक जरूरतमंद के लिए 6000 रुपये प्रति माह पेंशन तय हो।

-सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।

-टैक्सटाइल व पावरलूम वर्करों के वेतनों व रेटों में 20 फीसद वृद्धि की जाए।

-घरेलू मजदूरों की रजिस्ट्रेशन पहल के आधार पर की जाए।

-जायदाद टैक्स का एक प्रतिशत हिस्सा घरेलू मजदूरों की भलाई पर खर्च हो।

-बैंक, बीमा, ट्रांसपोर्ट, बिजली, शिक्षा, सेहत व सुरक्षा क्षेत्रों में राज्य व केंद्र सरकारें रेगुलर भर्ती करें।

-सरकारी विभागों में ठेका प्रणाली खत्म की जाए।

-ठेका प्रणाली के तहत नियुक्त कर्मचारी पक्के किए जाएं।

-आगनबाड़ी, आशा वर्करों, मिड-डे मील वर्करों व ग्रामीण चौकीदारों व स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा प्रदान किया जाए।

-मनरेगा मजदूरों को 200 दिन वर्ष में काम और दिहाड़ी 650 रुपये दी जाए।

-श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए।

बिजली बिल में संशाेधन के लिए शुरू की हड़ताल

बिजली बिल 2018 में संशोधन लागू किए जाने के खिलाफ पावर कॉम के टेक्निकल स्टाफ ने 2 दिन की हड़ताल आज से शुरू कर दी। सिर्फ काउंसिल आफ इंजीनियर हड़ताल से अलग है। लेकिन जूनियर इंजीनियर विरोध प्रदर्शन के माध्यम से हड़ताली टेक्निकल स्टाफ का समर्थन कर रहे हैं। हड़ताल पर गए टेक्निकल स्टाफ का कहना है बिजली बिल 2018 के माध्यम सरकार पावर कॉम को निजी हाथों में सौंपने जा रही है। सरकार के इस प्रयास से तमाम लोग बेरोजगार होंगे ।बिजली सप्लाई निजी हाथों में जाने से उपभोक्ताओं को महंगी दर पर बिजली खरीदनी पड़ेगी। उधर चीफ इंजीनियर किरण प्रकाश सिंह का कहना है हड़ताल को देखते हुए पूरी डिवीजन के सभी चार जोन में पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं, ताकि बिजली सप्लाई को लेकर आम उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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