Top Jalandhar News of the day, 10th July 2019 भाई ने ली भाई की जान, इंश्योरेंस कंपनी को देने होंगे 12 लाख ऱुपये, SIM का इस्तेमाल न करने का बड़ा नुकसान
गोराया में भाई ने ही किया भाई का कत्ल कर दिया। महिला को क्लेम न देना इंश्योरेंस कंपनी को पड़ा भारी। अगर 3-4 महीने से सिम इस्तेमाल नहीं किया है तो उठाना पड़ सकता है बड़ा नुकसान।
जेएनएन, जालंधर। गोराया के गांव कटाना में खेतों में जाते समय मामूली बहस के बाद एक शख्स ने अपने ही सगे भाई का कस्सी से वार कर कत्ल कर दिया। इधर, कपूरथला के सीए गोपाल सुबेदी ने तीन-चार महीने सिम ने इस्तेमाल करने पर पत्नी का नंबर किसी और को जारी किए जाने और फिर उन पर बैंक ट्रांजेक्शन के ओटीपी जाने की आपबीती बयां की है। वहीं, कंज्यूमर कोर्ट ने होशियारपुर की एक महिला को पॉलिसी होने के बावजूद क्लेम न देने के मामले में प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी को 12 लाख रुपये का मेडिकल खर्च, 15 हजार हर्जाना व सात हजार रुपये केस खर्च देने का आदेश दिया है।
गांव कटाना में रिश्तों का कत्ल
गोराया के गांव कटाना में बुधवार को उस समय सनसनी फैल गई जब उन्हें पता चला कि गांव के ही चूहड़ सिंह ने अपने ही सगे भाई मंगत सिंह की हत्या कर दी। दोनों खेतों की ओर जाने के लिए घर से निकले थे। रास्ते में उनमें किसी बात को लेकर बहस हो गई। चूहड़ सिंह ने तैश में आकर भाई पर कस्सी से ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए। मंगत की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपित इसके बाद पत्नी सहित गांव से फरार हो गया। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है।
इंश्योरेंस कंपनी को क्लेम न देना पड़ा भारी
जिला कंज्यूमर कोर्ट ने प्राइवेट इश्योरेंस कंपनी को माहिलपुर (होशियारपुर) की मनजीत कौर को इलाज पर खर्च के 12 लाख रुपये देने का आदेश दिया है। कंपनी को 15 हजार रुपये हर्जाना और और सात हजार रुपये केस खर्च भी देना होगा। मनजीत कौर का ने कोर्ट में शिकायत दी थी कि उन्होंने 1 जुलाई 2015 से 27 दिसंबर 2015 तक छह महीने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी थी। प्रीमियम वक्त पर भरा था। 1 जुलाई को वह ऑस्ट्रेलिया चली गई और 21 अगस्त को बीमार पड़ गईं। वहां एक अस्पताल में उनका एक महीने इलाज चला। चार दिसंबर 2015 को वह फिर बीमार पड़ गईं फिर ऑस्ट्रेलिया में ही उनका निमोनिया का इलाज चला। इलाज पर करीब 12 लाख रुपये खर्च हुए पर कंपनी ने क्लेम देने से इन्कार कर दिया।
तीन-चार महीने सिम का इस्तेमाल न करना खतरनाक
अगर आपने तीन-चार महीने से सिम का इस्तेमाल नहीं किया है तो आपकी लेन-देन की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। फेसबुक पर आपबीती बयां कर कपूरथला के सीए गोपाल सुबेदी ने लोगों को अागाह किया है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ महीनों से उनकी पत्नी ने अपना एक सिम इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। वह नंबर एक बैंक खाते से जुड़ा था। एक दिन जरूरत पड़ने पर जब उन्होंने बैंकिंग ट्रांस्जेक्शन की तो ओटीपी नहीं आया। बाद में उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी का नंबर तो कंपनी ने राजस्थान के किसी ड्राइवर को जारी कर दिया है। उनके सारे वाट्सएप मैसेज और ओटीपी इसी नंबर पर पहुंच रहे थे। गनीमत रही कि उस ड्राइवर ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया वरना कोई बड़ी आसानी से साइबर क्राइम कर सकता था।
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