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Tokyo Olympics 2020: भारतीय पुरुष हॉकी टीम की जीत पर पंजाब में जश्न, कैप्टन सरकार देगी 1-1 करोड़

Tokyo Olympics 2020 पुरुष हॉकी मुकाबले में भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराकर जीत दर्ज कर दी है। टीम में पंजाब के पांच खिलाड़ी सिमरनजीत हार्दिक हरमनप्रीत रूपिंदर पाल सिंह गुरजंट शामिल हैं। पंजाब में जीत से जश्न का माहौल है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 08:53 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 10:05 AM (IST)
Tokyo Olympics 2020: भारतीय पुरुष हॉकी टीम की जीत पर पंजाब में जश्न, कैप्टन सरकार देगी 1-1 करोड़
हॉकी टीम की जीत पर खुशी जताता गुरजंट का परिवार। जागरण

जेएनएन/एएनआइ, अमृतसर। Tokyo Olympics 2020: टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी पर जीत दर्ज कर दी है। इसके साथ ही भारत ने ब्रांज पर कब्जा जमा लिया है। दोनों टीमों को सेमीफाइनल में हार मिली थी। भारतीय पुरुष टीम में पंजाब के पांच खिलाड़ियों सिमरनजीत, हार्दिक, हरमनप्रीत, रूपिंदर पाल सिंह, गुरजंट ने हिस्सा लिया। 

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भारतीय टीम के कांस्य पदक जीतने के बाद हॉकी खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह ने पिता सरबजीत सिंह से वीडियो काल कर जीत की खुशी जताई। इस दौरान खुशी से दोनों की आंखें छलक पड़ी। मैच जैसे ही शुरू हुआ तो हरमनप्रीत के परिवार का धड़कने तेज हो गई। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता गया धड़कने और तेज होने लगी। जैसी ही टीम ने मैच जीता सभी खुशी से उछल पड़े।

अपने बेटे हॉकी खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह के साथ वीडियो कॉल पर बात करते पिता सरबजीत सिंह। जागरण

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी भारतीय टीम की जीत पर खुशी जताई। कहा कि इस टीम ने भारत को 41 वर्ष के बाद पदक दिलाया है। हमें टीम के सभी सदस्यों पर नाज है। कहा 41 वर्ष बाद ब्रांज मिला अब स्वर्ण पदक का इंतजार रहेगा। पंजाब सरकार ने राज्य के भारतीय पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। 

इस जीत के साथ ही पंजाब में जश्न का माहौल है। जैसे ही भारतीय खिलाड़ी गोल करते रहे चक दे इंडिया बोलकर वे सभी अपनी खुशी का इजहार करते रहे। गुरजंट सिंह के भाई हरचरण सिंह, पिता बलदेव सिंह, चाचा हरजिंदर सिंह, दादा महेंद्र सिंह, भाई पलविंदर सिंह व गांव स्थित गुरुद्वारा साहिब के बाबा दीदार सिंह, मां सुखजिंदर कौर, बहन गुरप्रीत कौर, ताई अमरजीत कौर, चाची संदीप कौर हाथों में तिरंगे झंडे पकड़कर पंजाबी गीतों पर भंगड़ा डाल रहे हैं।

गुरजंट के घर पर भंगड़ा डाल खुशी जताते परिवार व गांव के लोग। जागरण

बता दें कि साल 1980 में भारत में गोल्ड मेडल जीता था, जबकि आज कांटे की टक्कर देने के बाद जर्मनी को हराकर भारतीय की खिलाड़ियों ने कांस्य मेडल जीतकर अपने देश की शान बढ़ाई है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम में हरमनप्रीत सहित गुरजंट सिंह, दिलप्रीत सिंह और शमशेर सिंह खेल रहे थे, जिसमें आज हरमनप्रीत सिंह ने एक गोल करके टीम को जीत तक पहुंचाया है।

पंजाबी खिलाड़ियों ने जर्मन खिलाड़ियों को हराकर भारत देश का नाम रोशन किया है, जिसमें पंजाबियों के बल पर ओलिंपिक में छाया भारत कहा जाए, तो गलत नहीं होगा, क्योंकि भारतीय की टीम ने अधिकतर पंजाब से ही खिलाड़ी हैं। उससे ज्यादा जिला अमृतसर वासियों का भारतीय हॉकी टीम की जीत के साथ सिर ऊंचा हुआ है, क्योंकि भारतीय हॉकी टीम में अमृतसर से चार खिलाड़ी खेल रहे थे। 

भारतीय हॉकी टीम की जीत पर खुशी जताता गुरजंट का परिवार। जागरण

परिवार के सदस्यों का कहना है कि जब गुरजंट सिंह घर में पैदा हुए थे, ठीक उसी दिन की तरह आज घर में खुशी चल रही है। सभी एक दूसरे का मुंह मीठा करवा रहे हैं और रिश्तेदारों के भी फोन आ रहे हैं जो बधाई व शुभकामनाएं दे रहे हैं। गुरजंट के पिता बलदेव सिंह का कहना है कि उनके बेटे ने चौथी क्लास से हाथी का सफर शुरू किया था और आज उसने अपने मां बाप का विश्व स्तर पर नाम रोशन किया है। बलदेव सिंह ने कहा कि वह परमात्मा का शुकराना करते हैं और अपने बेटे गुरजंट सिंह से भी उम्मीद करते हैं कि वह भारतीय हॉकी की हुई जीत के लिए परमात्मा का शुकराना करे, क्योंकि परमात्मा की रहमत से ही आज भारत को जीतने का अवसर हासिल हुआ है।

जालंधर में हॉकी खिलाड़ी मनदीप सिंह के घर में भी जश्न का माहौल है। घर में बधाई देने वाले पहुंच रहे हैं।

पंजाब के हॉकी खिलाड़ियों को 1-1 करोड़ रुपये का नकद पुरुस्कार देने का ऐलान

ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पजाब से जुड़े खिलाड़ियों को पंजाब के खेल एवं युवा सेवा मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने 1-1 करोड़ रुपये की नकद राशि से सम्मानित करने का ऐलान किया है। भारत की शानदार जीत पर खेल मंत्री ने ट्वीट किया, "भारतीय हॉकी के इस ऐतिहासिक दिन पर मैं पंजाब के खिलाड़ियों को 1-1 करोड़ रुपये के नकद पुरुस्कार का ऐलान करते हुए गर्व महसूस कर रहा हूं। हम ओलिंपिक्स में कड़ी मेहनत के साथ प्राप्त किए गए पदक का जश्न मनाने के लिए आपकी वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।" 


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