Facebook मैसेंजर का करते हैं इस्तेमाल तो रहें सावधान, नकली दोस्त लगा रहे चूना Jalandhar News
ठग लोगों की डुप्लीकेट फेसबुक आइडी बना लेते हैं। फिर उनके ही दोस्तों व रिश्तेदारों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर जोड़ लेते हैं और ठगी शुरू कर देते हैं।
जालंधर, [मनीष शर्मा]। एक कॉलेज के प्रोफेसर को अचानक फेसबुक पर करीबी दोस्त का मैसेज आया कि वह किसी मुसीबत में फंस गया है। तुरंत पैसों की जरूरत है। मेरा नंबर भी नहीं चल रहा। मैसेज के साथ में पेटीएम नंबर भी था कि पैसे इसमें ट्रांसफर कर दो। दोस्त की समस्या सुन प्रोफेसर ने तुरंत पेटीएम से दस हजार रुपये भेज दिए। कुछ दिन फोन नहीं किया कि कहीं दोस्त ये न समझे कि पैसे की वजह से फोन कर रहा है।
कुछ दिन बाद दोस्त अच्छे हालात में मिल गया तो मुसीबत के बारे में पूछ लिया। तब प्रोफेसर यह जानकर हैरान रह गया कि उसका दोस्त न तो किसी मुश्किल में फंसा और न कोई मैसेज भेजा। यह ठगी थी जो किसी ने दोस्त के मैसेंजर को हैक कर अंजाम दी गई। अब उन्होंने पुलिस को शिकायत दी, जिसकी जांच साइबर सेल कर रही है।
ऐसी ही ठगी एक दुकानदार से हुई। जिसे रिश्तेदार का मैसेज आया कि वो अचानक बीमार हो गया है और इलाज के लिए पैसों की सख्त जरूरत है। इस बारे में घर पर अभी किसी को कुछ न बताना। दुकानदार ने 15 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए और घर या बाकी रिश्तेदारों को कुछ नहीं बताया। कुछ दिन तो रिश्तेदार को फोन नहीं किया लेकिन सप्ताह बाद हालचाल पूछने के लिए फोन मिलाया तो पता चला कि उसने तो ऐसे कोई पैसे मांगे ही नहीं थे और उसकी तबियत भी खराब नहीं थी। तब दुकानदार को समझ आया कि उसके साथ ठगी हो गई।
कॉलेज प्रोफेसर व दुकानदारों से इस तरह से ठगी के यह इक्का-दुक्का मामले नहीं, बल्कि ऐसी कई शिकायतें साइबर सेल के पास पहुंची हैं, जिनमें लोगों ने करीबी के मुसीबत या बीमार होने की वजह से बिना सोचे-समझे पैसे ट्रांसफर कर दिए और भेद तब खुलता है, जब पैसे मांगने वाला मिलकर बताता है कि उसने तो पैसे मांगे ही नहीं थे। उधर, इस संबंध में पुलिस साइबर सेल की इंचार्ज सब इंस्पेक्टर मोनिका अरोड़ा ने कहा कि इस तरह की शिकायतें आती हैं, जिनकी जांच की जा रही है ताकि ठगी करने वालों का पता लगाया जा सके।
आइडी हैक या डुप्लीकेट आइडी बना करते हैं वारदात
पुलिस की मानें तो यह संभव है कि कोई लिंक भेजकर यह ठग गिरोह फेसबुक मैसेंजर हैक कर लेते हैं। लोग आइडी नियमित तौर पर चलाते हैं लेकिन वाट्सएप की वजह से मैसेंजर कम ही इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में उसके हैक होने का पता भी नहीं चलता। इसके अलावा ठग लोगों की डुप्लीकेट फेसबुक आइडी बना लेते हैं। जिसमें ओरिजनल में लगी फोटो को ही डुप्लीकेट आइडी में भी लगा लेते हैं। फिर उनके ही दोस्तों व रिश्तेदारों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर जोड़ लेते हैं और ठगी शुरू कर देते हैं। यह भी पता चला है कि लोग एक आइडी को बंद किए बगैर दूसरी बना लेते हैं और ठग निष्क्रिय पड़ी आइडी को हैक कर लेते हैं क्योंकि उसमें रिश्तेदार व दोस्त पहले ही जुड़े होते हैं।
ठग गिरोह के निशाने पर हैं लोग
असल में फेसबुक पर ठग गिरोह सक्रिय हो गया है। इसलिए अगर फेसबुक मैसेंजर पर आपका कोई दोस्त, रिश्तेदार या परिचित खुद को मुसीबत में फंसे होने, बीमार होने या फिर कोई दूसरी मजबूरी बताकर पैसों की मांग करे तो तो बिना सोचे समङों पैसे न दें। पैसे देने से पहले पुष्टि कर लें। यह उसी व्यक्ति से फोन पर करें या उसके करीबी या परिजनों से जरूर बात करें ताकि ठगी से बचा जा सके।
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