थ्री व्हीलर्स में लगे सीएनजी सिलेंडर हाइड्रो टेस्ट के लिए भेजे जा रहे हरियाणा, पंजाब में सुविधा उपलब्ध नहीं
थ्री व्हीलर्स में लगे कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) सिलेंडर मजबूरी में टेस्टिंग के लिए खोलकर हरियाणा भेजे जा रहे हैं। टेस्टिंग के लिए हरियाणा भेजे जाने वाले सिलेंडर चार-पांच दिन तक वापस नहीं आ पाते हैं और तब तक थ्री व्हीलर चालकों का काम बंद रहता है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। प्रदेश में हाइड्रो टेस्ट की सुविधा उपलब्ध न हो पाने के चलते अब थ्री व्हीलर्स में लगे कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) सिलेंडर मजबूरी में टेस्टिंग के लिए खोलकर हरियाणा भेजे जा रहे हैं। टेस्टिंग के लिए हरियाणा भेजे जाने वाले सिलेंडर चार-पांच दिन तक वापस नहीं आ पाते हैं और तब तक थ्री व्हीलर चला कर रोटी कमाने वाले चालकों का काम बंद रहता है। हरियाणा में हाइड्रो टेस्ट के लिए सीएनजी सिलेंडर भेजने के लिए थ्री व्हीलर चालकों को महानगर की ऑटो एजेंसी को ढाई हजार से ज्यादा की अदायगी भी करनी पड़ती है, जो आर्थिक संकट से घिरे हुए चालकों के लिए भारी परेशानी का सबब बन बैठी है।
मानसा में सीएनजी रिफ्यूलिंग के दौरान हुए हादसे के बाद जालंधर में बिना हाइड्रो टेस्ट पास थ्री व्हीलर्स में सीएनजी भरने पर रोक लगा दी गई थी। रोटी का संकट झेल रहे थ्री व्हीलर चालक बीते 15 जुलाई को डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी से गुहार लगाने पहुंचे थे। थ्री व्हीलर चालकों ने डिप्टी कमिश्नर से मांग की थी कि हाइड्रो टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध होने तक उन्हें सीएनजी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए। हालांकि कोई राहत नहीं मिल पाई।
यूनाइटेड ऑटो रिक्शा ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष रवि सभरवाल एवं अनिल ठाकुर ने कहा कि थ्री व्हीलर में से सीएनजी सिलेंडर को जब हाइड्रो ट्रस्ट के लिए निकाल लिया जाता है तो उसके बाद चालक को पेट्रोल पर ही थ्री व्हीलर चला कर घर तक जाना पड़ता है। जब सिलेंडर वापस आ जाता है तो सिलेंडर फिट करवाने के बाद पेट्रोल पर ही शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर सीएनजी भरवाने के लिए जाना पड़ता है। जितने दिन सिलेंडर वापस नहीं आ पाता है, उतने दिन थ्री व्हीलर चालक का काम बंद रहता है। जिससे परिवार की रोटी का संकट पैदा हो गया है।