जालंधरवासियों पर महंगाई की एक और मार, 25 रुपये प्रति यात्री तक पहुंचा थ्री व्हीलर किराया
शहर में सार्वजनिक बस सेवा उपलब्ध न होने के चलते लोगों को आवागमन के लिए थ्री व्हीलर पर ही निर्भर होना पड़ता है। थ्री व्हीलर चालकों की मनमर्जी से किराया वसूली अब सड़कों पर यात्रियों के साथ तकरार कराती नजर आ रही है।
जालंधर, मनुपाल शर्मा। निरंतर बढ़ रहे डीजल के रेट, सीएनजी की अनुपलब्धता एवं यात्रियों की बेहद कम संख्या के तर्क के साथ महानगर में थ्री व्हीलर का किराया प्रति यात्री 25 रुपए तक जा पहुंचा है। शहर में सार्वजनिक बस सेवा उपलब्ध न होने के चलते लोगों को आवागमन के लिए थ्री व्हीलर पर ही निर्भर होना पड़ता है। थ्री व्हीलर चालकों की मनमर्जी से किराया वसूली अब सड़कों पर यात्रियों के साथ तकरार कराती नजर आ रही है।
कोरोना काल के दौरान शहर में थ्री व्हीलर बंद रहे और लाकडाउन खुलने के बाद जब लोगों ने आवागमन शुरू किया तो किराया 25 रुपए प्रति यात्री तक जा पहुंचा। हालांकि थ्री व्हीलर यूनियन की तरफ से प्रति यात्री किराया 20 रुपए ही बताया जा रहा है, लेकिन शहर भर में थ्री व्हीलर चालक मनमर्जी के मुताबिक ही कराया वसूल रहे हैं। शहर में बैटरी चालित ई-रिक्शा भी चल रहे हैं, जो कम फासले के लिए 10 रुपए प्रति यात्री भी किराया ले लेते हैं। वहीं, बस स्टैंड से मकसूदा व उससे आगे जाने के लिए प्रति यात्री किराया 25 रुपए ही वसूला जा रहा है।
यूनाइटेड आटो रिक्शा ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष रवि सब्बरवाल ने कहा कि डीजल के रेट 80 रुपए प्रति लीटर से भी ज्यादा हो चुके हैं। प्रशासन सीएनजी उपलब्ध करवा ही नहीं सका और कोरोना काल के दौरान थ्री व्हीलर में बैठने वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम हो गई है। थ्री व्हीलर चालकों के लिए बैंक की किस्त लौटा पाना भी मुश्किल बना हुआ है। चालकों के आगे रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
शहर के भीतर तो 20 रुपये प्रति यात्री ही किराया वसूला जा रहा है। शहर की सीमा तक लंबे फासले के लिए अगर कोई 25 रुपए प्रति यात्री किराया वसूल रहा है तो गलत नहीं है, क्योंकि इससे कम में तो खर्च भी पूरा नहीं हो रहा।