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जालंधर की तीन पंचायतों ने लिया पराली नहीं जलाने का संकल्प, प्रशासन की मुहिम से जुड़ीं

पराली न जलाने का प्रस्ताव हीरापुर भगवानपुर और काला बकरा की पंचायतों ने पास किया है। प्रस्ताव के मुताबिक तीनों गांवों में सिर्फ सुपर एसएमएस वाली कंबाईनों से ही धान की फसल काटी जाएगी। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो पंचायत तत्काल इसकी सूचना प्रशासन को देगी।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 04:33 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 04:33 PM (IST)
जालंधर की तीन पंचायतों ने लिया पराली नहीं जलाने का संकल्प, प्रशासन की मुहिम से जुड़ीं
जालंधर में हीरापुर, भगवानपुर और काला बकरा की पंचायतों ने पराली नहीं जलाने का प्रस्ताव पास किया है।

जालंधर, जेएनएन। जिले की पंचायतें पराली जलाने के खिलाफ एकजुट होने लगी हैं। वीरवार को तीन पंचायतों ने पराली जलाने के खिलाफ प्रस्ताव पास किया। साथ ही, इस मुहिम में जिला प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलकर चलने का एलान किया। ये प्रस्ताव हीरापुर, भगवानपुर और काला बकरा की पंचायतों की तरफ से पास किए किए गए हैं। प्रस्ताव के मुताबिक तीनों गांवों में सिर्फ सुपर एसएमएस वाली कंबाईनों से ही धान की फसल काटी जाएगी। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो पंचायत तत्काल इसकी सूचना जिला प्रशासन व पुलिस को देगी।

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डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि जिला प्रशासन इस दिशा में अनथक कोशिशें कर रहा है ताकि कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग को जीतने में कसर बाकी न रहे। उन्होंने कहा कि पराली को जलाने से जहरीली गैसें पैदा होती हैं जो कि वातावरण में जाकर सांस की दिक्कतें पैदा करती हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतें पराली को जलने से रोकने में काफी मददगार साबित हो सकती हैं। इसलिए बाकी की पंचायतें भी आगे आकर इस तरह के प्रस्ताव पास करके प्रदेश सरकार की मुहिम के साथ जुड़ें।

उन्होंने कहा कि पराली जलाने से हवा में 70,000 एमजी प्रदूषण कण दाखिल होते हैं, जो कि हमारी सेहत के लिए हानिकारक हैं। इसके अलावा पराली जलने पर भूमि में शामिल 17 पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। ये तत्व हमारी फसलों और जमीन को उपजाऊ बनाए रखने में बेहद मददगार होते हैं। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि प्रशासन की तरफ से पहले ही 511 नोडल और क्लस्टर ऑफिसर तैनात किए जा चुके हैं। ये पराली जलने की घटनाओं की दिनरात निगरानी सुनिश्चित करेंगे।

मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. सुरिंदर सिंह ने बताया कि खेतीबाड़ी व किसान कल्याण विभाग की तरफ से किसानों को जागरूक करने के लिए पराली जलाने के खिलाफ व्यापक जागरूकता मुहिम चलाई जा रही है पराली की आग कोरोना मरीजों की सेहत और खराब कर सकती है। उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से किसानों को पराली प्रबंधन के लिए हाईटेक मशीनरी सब्सिडी पर दी जा रही है, जिसका लाभ कोई भी किसान ले सकता है।

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