Jalandhar Travel Alert: वाहन चालकाें काे मिलेगी बड़ी राहत: हाईवे पर फगवाड़ा तक बनेंगे 3 नए पुल
Jalandhar Travel Alert टोल अदायगी के बावजूद सुविधाओं के अभाव में हादसों और ट्रैफिक जाम का शिकार बन रहे वाहन चालकों को अब पानीपत-जालंधर सिक्सलेन पर राहत मिलने के आसार है। अब इस राेड पर तीन नए पुल बनाए जाएंगे।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। Jalandhar Travel Alert: बीते 13 वर्ष से टोल अदायगी करने के बावजूद सुविधाओं के अभाव में हादसों और ट्रैफिक जाम का शिकार बन रहे वाहन चालकों को अब 291.9 किलोमीटर लंबे पानीपत-जालंधर सिक्सलेन पर कुछ राहत मिल सकती है। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) की तरफ से जालंधर और फगवाड़ा के मध्य तीन नए पुल बनाने पर काम शुरू किया गया है। उपरोक्त तीनों पुल जालंधर से पानीपत तक दस पुल बनाए जाने के लिए चालू किए गए प्रोजेक्ट का हिस्सा होंगे।
फगवाड़ा में 1.27 करोड़ रुपये, चहेड़ू में 45.34 करोड़ रुपये और गांव महेड़ू में 15.615 करोड़ रुपये से पुल तैयार किए जाएंगे। जालंधर-पानीपत हाईवे पर करीब दस (बड़े और छोटे पुल) बनाए जाएंगे। इसके अलावा रोड ओवरब्रिज, एग्जिट व एंट्री को लेकर काम किया जाएगा। एनएचआइ की तरफ से तैयार किए गए इस नए प्रोजेक्ट के तहत आरओबी पर 137.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
छोटे ब्रिज पर 12.92 करोड़, मेजर ब्रिज पर 71.52 करोड़, अन्य स्ट्रक्चर पर 1.33 करोड़, रेनकट पर 40.37 करोड़, ड्रेनेज सिस्टम पर 102.48 करोड़, रिपेयर (एंट्री/एग्जिट) पर 166.12 करोड़, अतिरिक्त स्ट्रक्चर पर 10.94 करोड़, यूटिलिटी शिफ्टिंग पर 20.00, पारंपरिक (आरएचडब्ल्यू) कार्यों पर 8.45 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कुल 571.99 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।
11 वर्ष बाद देरी से उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाएं
इस प्रोजेक्ट पर वर्ष 2009 में कार्य शुरू किया गया था और एग्रीमेंट के मुताबिक 2011 में खत्म किया जाना चाहिए था। इस प्रोजेक्ट को लेकर एनएचएआइ एवं लक्ष्य कंपनी के मध्य वर्ष 2008 में करार हुआ था। हालांकि प्रोजेक्ट में ड्रेन, फुट ओवरब्रिज, फुटपाथ और अन्य सुरक्षा और सुविधाएं लोगों को न मिलने पर एनएचएआइ ने सोमा कंपनी को नोटिस जारी किया था जिसके बाद टेंडर रद किया था। टेंडर रद के विरोध में कंपनी ने आर्बिट्रेशन में केस भी किया था।
टोल कलेक्शन से वार्षिक 600 करोड़ की कमाई
सोमा कंपनी से करार रद होने के बाद एनएचएआइ तीन अलग कंपनियों के जरिए वाहन चालकों से करनाल, अंबाला और लाडोवाल (लुधियाना) पर टोल कलेक्शन कर रही है। एक अनुमान के मुताबिक वार्षिक 600 करोड़ की आमदनी टोल कलेक्शन से हो रही है। यहां पर बनेंगे आरओबी अंबाला कैंट 32.437 करोड़ रुपये से राजपुरा 43.2 करोड़ रुपये से फगवाड़ा 1.27 करोड़ रुपये से चहेड़ू नदी 45.34 करोड़ रुपये से गांव महेड़ू, फगवाड़ा, जालंधर 15.615 करोड़ रुपये से कुल 137.862 करोड़ रुपये से यह होंगे छोटे ब्रिज करनाल 2.45 करोड़ रुपये से कुरुक्षेत्र 2.16 करोड़ रुपये से कुरुक्षेत्र 1.97 करोड़ रुपये से अंबाला रूरल 6.35 करोड़ रुपये से कुल 12.93 करोड़ यह होंगे 100 मीटर से अधिक वाले बड़े ब्रिज कर्ण लेक, करनाल 20.14 करोड़ सरस्वती, पिपली 10.32 करोड़ घग्गर, (अंबाला) 15.66 करोड़ दोराहा, (लुधियाना) 0.99 करोड़ कुल 47.11 करोड़ 100 मीटर से कम वाले ब्रेजर कुरुक्षेत्र 8.154 करोड़ सरहिंद फतेहगढ़ 16.25 करोड़ कुल 24.404 करोड़ अन्य स्ट्रक्चर,
जालंधर 0.569 करोड़ जालंधर 0.76 करोड़ कुल 1.329 करोड़ यातायात के मुताबिक तैयार किए जाएं। डिजाइन : सुरेंद्र सैनी सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ सुरेंद्र सैनी ने कहा कि प्रोजेक्ट तो 11 वर्ष पहले कंप्लीट हो जाना चाहिए था लेकिन 11 वर्ष बाद भी अगर पुराने डिजाइन पर ही पुलों का निर्माण किया जाना है तो फिर इसका कोई फायदा नहीं होगा। मौजूदा समय की जरूरत के मुताबिक डिजाइन तैयार किए जाएं तभी अरबों रुपये खर्च करने का कोई फायदा मिल सकेगा।