जालंधर के बीस शराब ग्रुपों में से मात्र दो पर तीन आवेदन मिले
जालंधर के 20 शराब ग्रुपों में से मात्र दो पर तीन आवेदन मिले हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर
सस्ती शराब और शराब की बिक्री से 10 हजार करोड़ का राजस्व अर्जित करने के लिए शुरू की गई ई-टेंडरिग प्रक्रिया जालंधर में औंधे मुंह गिरी है। जालंधर के शराब ठेकेदारों ने प्रदेश सरकार की तरफ से बनाई गई आबकारी नीति को सिरे से नकार दिया है। जिला जालंधर के शराब के कुल 20 ग्रुपों में से मात्र दो ग्रुपों पर तीन ही आवेदन प्राप्त हुए हैं।
प्रदेश में नवगठित आबकारी नीति के मुताबिक जालंधर शहरी इलाके में शराब के 13 और देहात क्षेत्र में सात ग्रुप बनाए गए थे। जालंधर जोन के अन्य जिलों में भी शराब ठेकों की बिक्री के लिए ई-टेंडरिग प्रक्रिया बेहद निराशाजनक रही है। जालंधर जोन के कुल 71 शराब ग्रुपों के लिए मात्र 18 आवेदन प्राप्त हुए हैं। विभाग को नवांशहर और तरनतारन जिलों से एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। पठानकोट में सभी पांच ग्रुपों के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। एक्साइज विभाग को जालंधर जोन के अलावा पटियाला जोन में भी शराब ठेके अलाट करने की कवायद में भारी निराशा मिली है। पटियाला जोन के 63 में से मात्र 26 ग्रुपों के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। एसएएस नगर में तो सभी ग्रुपों पर आवेदन प्राप्त हो गए हैं, लेकिन जिला रूपनगर में एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि पटियाला जोन में पटियाला, एसएएस नगर, लुधियाना जैसे बड़े जिले भी शामिल हैं। फिरोजपुर जोन में भी 42 ग्रुपों के ऊपर सौ फीसद आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। हालांकि इस जोन में राजस्व की बढ़ोतरी अन्य जोन के मुकाबले कम थी। ई टेंडरिग प्रक्रिया में बेहद कम आवेदन प्राप्त होने के कयास पहले ही लगाए जा रहे थे और विभाग भी इससे भलीभांति परिचित था। शराब ठेकेदार 17 प्रतिशत की अग्रिम सिक्योरिटी और ग्रुपों का आकार एवं राजस्व में हुई वृद्धि को देखकर काम लेने को तैयार ही नहीं थे। शराब ठेकेदार भी बीते लगभग एक महीने से लगातार यह दावा कर रहे थे कि वह नई नीति के मुताबिक शराब ठेके नहीं खरीदेंगे।