प्रेम प्रस्ताव ठुकराने पर मौसेरे भाई ने 25 हजार रुपये दे करवाया था Chemical Attack, तीन गिरफ्तार
पीएपी चौक में युवती पर केमिकल पाउडर फेंकने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। हमला युवती के मौसेरे भाई ने प्रेम प्रस्ताव ठुकराने पर करवाया था।
जागरण संवाददाता, जालंधर : प्रेम प्रस्ताव ठुकराने और सगाई की बात का पता चलने से गुस्साए फौजी मौसेरे भाई ने ही लैब टेक्नीशियन युवती पर अपनी बुआ के लड़के के साथ साजिश रचकर एसिड पाउडर फेंकवाया था। इसके लिए 25 हजार रुपये में लुधियाना के दो युवकों को सुपारी दी थी। पुलिस ने मुख्य आरोपित फौजी समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। हालांकि युवती पर एसिड पाउडर डालने वाला अभी फरार है।
शनिवार को पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने डीसीपी गुरमीत सिंह व एडीसीपी डी. सुडरविली के साथ प्रेस कांफ्रेंस में इसका खुलासा किया। सीपी ने बताया कि 17 सिख रेजिमेंट में आसाम में तैनात सिपाही गुरदीप सिंह (28) युवती को प्रेम करता था। उसने युवती के आगे प्रस्ताव रखा तो उसने इन्कार कर दिया। इसके बाद परिवार वालों ने किसी लड़के से युवती की सगाई की बातचीत चला दी। इसी दौरान कोलकाता के कमांड अस्पताल में भर्ती बीमार फौजी सिपाही गुरदीप सिंह मेडिकल लीव पर अपने गांव डिट्टा थाना हरोली जिला ऊना (हिमाचल प्रदेश) आया हुआ था। जब यह बात गुरदीप को पता चली तो वो गुस्से में आ गया और उसने अपनी बुआ के लड़के जसविंदर सिंह उर्फ जस्सी निवासी पंजाबर थाना हरोली जिला ऊना (हिमाचल प्रदेश) को पूरी बात बताई। जसविंदर लुधियाना में हौजरी का काम करता है। दोनों ने मिलकर युवती पर एसिड फेंकने की साजिश रची।
केमिकल अटैक मामले में गिरफ्तार किए आरोपितों के बारे में जानकारी देते पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर, डीसीपी गुरमीत सिंह व अन्य।
जसविंदर ने लुधियाना के मोती नगर की गज्जा जैन कॉलोनी निवासी मनी से संपर्क किया। मनी भी लुधियाना में कपड़ा रंग करने की फैक्ट्री में सफाई सेवक था। मनी के जरिए वो लुधियाना में प्रीत से मिला, जो कोई काम नहीं करता था। मनी और प्रीत के साथ जसविंदर ने एसिड फेंकने के बदले 25 हजार में सौदा तय कर लिया और पांच हजार एडवांस दे दिए। जसविंदर ने अपनी बाइक दोस्त के अधूरे कागजात वाली स्पलेंडर बाइक के साथ बदल ली और दोनों आरोपितों को दे दी।
फिर चारों आरोपितों ने युवती की ट्रांसपोर्ट नगर घर से रामा मंडी स्थित जौहल अस्पताल आने की रेकी शुरू की। 26 व 28 जनवरी को युवती नहीं आई। फिर 29 जनवरी को उन्होंने शाम को युवती का पीएपी चौक से ट्रांसपोर्ट नगर तक पीछा किया। वहां गुरदीप ने मनी व प्रीत को युवती की शिनाख्त करा दी। घटना वाले दिन यानि 30 जनवरी को मनी व प्रीत सुबह पांच बजे ही ट्रांसपोर्ट नगर पहुंच गए।
युवती घर से निकलकर पीएपी चौक के लिए ऑटो में बैठी तो दो बाइक में सवार चारों ने पीएपी चौक तक उसका पीछा किया। जैसे ही युवती पीएपी चौक से रामा मंडी ऑटो लेने के लिए निकली तो मनी बाइक स्टार्ट करके खड़ा रहा और प्रीत ने एसिड पाउडर युवती पर फेंक दिया। इसके बाद चारों लुधियाना फरार हो गए। वहां गुरदीप ने उन्हें बकाया 20 हजार दिए। जिसमें जसविंदर को 1500 रुपये, प्रीत को 10 हजार और मनी को 13,500 रुपये मिले। फिर जसविंदर व गुरदीप अपने घर ऊना भाग निकले। जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ के बाद मनी को लुधियाना से पकड़ा गया। आरोपितों से दो बाइक और तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए गए।
सगाई का पता चलने पर एकतरफा प्यार में अंधे मास्टरमाइंड फौजी गुरदीप सिंह ने लैब टेक्नीशियन युवती को फोन किया और कहा कि अभी उसकी उम्र कम है, इसलिए वो सगाई न करे। युवती ने इसे मौसेरे भाई की सलाह समझी और यह कहकर टाल दिया कि घरवाले कर रहे हैं तो वो कैसे मना करे? 17 सिख रेजिमेंट में सिपाही तैनात गुरदीप ने ये कहकर फोन काट दिया कि वो उसके पिता से बात करेगा लेकिन उसने फोन नहीं किया।
एसिड अटैक करवाने के बाद फोन करके हालचाल पूछता रहा
एसिड अटैक कराने के बाद वो परिवार वालों को फोन करके युवती का हालचाल भी पूछता रहा, ताकि उस पर शक न हो। यहां तक कि उसने शुक्रवार को युवती को देखने के लिए उनके घर आने व अस्पताल जाने की भी बात कही थी, लेकिन जालंधर शहरी पुलिस ने हिमाचल पुलिस की मदद से उसे सुबह ही घर से उठा लिया। पहले तो वो भी पुलिस को मौसेरे भाई-बहन होने की बात कहकर बरगलाता रहा लेकिन आरोपितों के फोन कॉल्स, मोबाइल की टावर लोकेशन के जरिए पुलिस ने सख्ती दिखाई तो वो टूट गया और जुर्म कबूल कर लिया। इस मामले में उसके बुआ के लड़के जसविंदर की कुछ वक्त पहले ही शादी हुई है लेकिन उसने अपराध में शामिल होकर अपनी जिंदगी भी खराब कर ली।
पुलिस जांच की पल पल की खबर लेता रहा
एसिड पाउडर फेंकवाने के बाद गुरदीप हिमाचल में अपने गांव डिट्टा में जाकर बैठ गया। हमले के बाद वह आरोपित ने न केवल युवती के पिता, मां और भाई से बात की बल्कि उनसे पुलिस की कार्रवाई की भी पल पल खबर लेता रहा। पूरे केस में पुलिस ने युवती के पिता को साथ जोड़ा हुआ था और उन्हें किसी को ज्यादा कुछ न बताने को कहा था, जिस वजह से गुरदीप नहीं जान सका कि पुलिस उस तक पहुंचने वाली है। पुलिस ने गुरदीप पर शक होने के बाद पिता से उसकी फोटो भी मांगी थी और उसके बारे में पता करने को कहा था, लेकिन यह बात गुरदीप तक नहीं पहुंची, जिससे वो बेफिक्र होकर घर में ही बैठा रहा।
बाथरूम साफ करने वाला लिक्विड था
युवती पर एसिड पाउडर फेंकने की पुलिस ने एफआइआर तो दर्ज की लेकिन शनिवार को अफसर कहने लगे कि बाथरूम साफ करने वाला लिक्विड था। इसके लिए तर्क दिया कि पकड़े गए आरोपित मनी के पास बाथरूम साफ करने वाला तेजाब था, जो युवती पर फेंका गया था। सीपी गुरप्रीत भुल्लर ने तर्क दिया कि युवती को अस्पताल ले जाने वाले ऑटो ड्राइवर व चश्मदीदों को गलती लगी होगी, लेकिन जब उन्हें पूछा गया कि अस्पताल में इलाज करने वाले डॉक्टर बलजीत जौहल ने इसे ब्लीच पाउडर जैसा बताया है तो फिर बोले कि इसके सैंपल जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद बता दिया जाएगा। बड़ा सवाल यह है कि पुलिस के आला अफसर एसिड बैन के बाद पाउडर के खतरनाक खेल को स्वीकारने में ङिाझक क्यों रहे हैं।
युवती को तड़पता देखने को पीएपी चौक पर खड़ा रहा था
पुलिस के मुताबिक घटना वाले दिन गुरदीप ने मनी व प्रीत पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया। वो इस साजिश को अंजाम देने के साथ प्रेम प्रस्ताव ठुकराने वाली युवती को तड़पता देखना चाहता था। इसी कारण वह जसविंदर के साथ बैठकर खुद भी पीएपी चौक पहुंचा। यहां एसिड पाउडर फेंके जाने के बाद युवती झुलसती हुई तड़पने लगी तो वो दूर खड़ा तमाशा देखता रहा। जब ऑटो ड्राइवर अश्विनी कुमार व दूसरे राहगीर जमा हुए तो नकाबपोश मनी व प्रीत के साथ वो भी लुधियाना की तरफ भाग निकले।
बच्चों से ज्यादा प्यार दिया, दिल में खोट का पता न चला
युवती के पिता ने कहा कि गुरदीप शुरू से घर आता-जाता था। हर छुट्टियों में 3-4 दिन हमारे यहां रहता। मैं सोचता था कि फौज में वहां अकेले ड्यूटी पर होता है तो यहां बच्चों से ज्यादा उसे प्यार दिया और खातिरदारी की, लेकिन पता नहीं था कि उसके दिल में इतनी खोट है और बेटी पर बुरी नजर है। यह भी नहीं सोचा कि वह इतना बेरहम निकलेगा कि मेरी बच्ची पर एसिड फेंकवा देगा। सगी मौसी का बेटा ऐसा करेगा तो कौन अपने रिश्तेदारों के बच्चों पर भरोसा करके उन्हें अपने घर घुसने देगा। वो बोले कि गुरदीप का एक्सीडेंट हुआ तो मैंने हालचाल पूछने के लिए कई बार फोन किया था। पिछले 12-13 दिन से उसने फोन उठाना बंद कर दिया था।