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Kargil Vijay Diwas: उसी रेजिमेंट में सेवा दे रहा बेटा, जिसमें रहते पिता ने दी शहादत

शहीद सुरजीत सिंह के बेटे अमनप्रीत सिंह ने कहा कि मैंने सेना में भर्ती होकर अपने पिता का सपना पूरा किया है। वह जरूर यही चाहते होंगे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 10:24 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 10:27 AM (IST)
Kargil Vijay Diwas: उसी रेजिमेंट में सेवा दे रहा बेटा, जिसमें रहते पिता ने दी शहादत
Kargil Vijay Diwas: उसी रेजिमेंट में सेवा दे रहा बेटा, जिसमें रहते पिता ने दी शहादत

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर। सैनिक पिता देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए, फिर बेटा भी देश की रक्षा के लिए सेना में भर्ती हो जाए। रिश्तों का यह जज्बा, देश के लिए यह भावना, यह भारतीयता की अनूठी खूबी है। हम इस विशेष शृंखला में कारगिल शहीदों के ऐसे ही बेटों की कहानी देश के सामने रख रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी इस जज्बे को जान सके और इसका मर्म समझ सके।

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आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं नायब सूबेदार शहीद सुरजीत सिंह के परिवार से। मातृभूमि की सेवा करते हुए सुरजीत ने दुश्मनों को पीठ नहीं दिखाई। डटकर सामना किया और वीरगति को प्राप्त हुए। उनका बेटा तबदो साल का था। आज अमनप्रीत पिता की तरह सैनिक बन देश की सेवा कर रहा है। विशेष बात यह है कि अमनप्रीत उसी थ्री मीडियम आर्टिलरी रेजिमेंट में तैनात है, जिसमें उसके पिता तैनात थे। इतना ही नहीं, शहीद की एक बेटी परमिंदर कौर पुलिस में भर्ती होकर समाज की सेवा कर रही है। चाहती तो वह भी थी कि सेना में भर्ती हो।

रूपनगर, पंजाब के थाना नूरपुरबेदी के गांव मवां निवासी सुरजीत सिंह जब शहीद हुए थे तो उनके मासूम बेटे अमनप्रीत को अहसास न था कि पिता कहां गए। मां अमरजीत कौर बताती हैं कि अमनप्रीत अपने पिता की बेमिसाल शहादत से अंजान था, लेकिन थोड़ा बड़ा होने पर पिता के बारे में पूछता तो उसेपिता की बहादुरी के किस्से बताती थी कि कैसे वह देश के लिए शहीद हुए। इसको सुनकर बेटे के मन में देश सेवा की भावना बलवती होने लगी। वर्ष 2018 में जब अमनप्रीत 21 साल का हुआ तो मैंने उसे सेना में भर्ती होने की प्रेरणा दी।

मां अमरजीत कौर ने पिता के रेजिमेंट के सीओ (कमांडिंग आफिसर) को फोन भी किया। यही तो देश पर मर मिटने वाले शहीदों के परिवारों की हिम्मत है कि मां ने पति के देश पर न्योछावर होने के बाद बेटे को भी मातृभूमि के हवाले कर दिया है। अमनप्रीत सात मई 2018 को सेना में भर्ती हुआ। हैदराबाद में ट्रेनिंग हासिल की और थ्री मीडियम आर्टिलरी में ज्वाइन किया। अमनप्रीत सिंह इस समय लेह (लद्दाख) में तैनात है। मां अमरजीत कौर कहती हैं कि मुझे पति सुरजीत सिंह की शहादत पर गर्व है। अब बेटे अमनप्रीत ने सेना में भर्ती होकर शहीद पिता और मुझे गर्व से भर दिया है।

अमनप्रीत की बड़ी बहन परमिंदर कौर पंजाब पुलिस में 2009 में भर्ती हुई हैं। अब वह विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना में सीनियर कांस्टेबल हैं। परमिंदर कौर ने भावुक होते हुए कहा, पिता चाहते थे मैं भी सेना में भर्ती हो जाऊं। मैंने बीएसएफ में भर्ती के लिए प्रयास भी किया था, लेकिन इंटरव्यू में पास नहीं हो पाई थी। फिर पंजाब पुलिस में प्रयास किया और वहां मेरा चयन हो गया।

शहीद सुरजीत सिंह के बेटे अमनप्रीत सिंह ने कहा कि मैंने सेना में भर्ती होकर अपने पिता का सपना पूरा किया है। वह जरूर यही चाहते होंगे। मुझे गर्व है कि जिस रेजिमेंट में मेरे पिता ने सेवा दी, मैं भी उसमें सेवाएं दे रहा हूं। मेरी दो साल के लिए लेह में पोस्टिंग हुई है।


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