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सिद्धू ने मंत्री रहते जिन दुकानों को गिरवाया था, वो तीन साल बाद दोबारा बन गई

तीन साल पहले जून 2017 में लोकल बॉडी मंत्री रहते नवजोत सिंह सिद्धू ने बस स्टैंड के पास जिन अवैध दुकानों को गिराया था वो एक बार फिर बन गई।

By Edited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 06:02 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 09:17 AM (IST)
सिद्धू ने मंत्री रहते जिन दुकानों को गिरवाया था, वो तीन साल बाद दोबारा बन गई
सिद्धू ने मंत्री रहते जिन दुकानों को गिरवाया था, वो तीन साल बाद दोबारा बन गई

जालंधर, जेएनएन। करीब तीन साल पहले जून 2017 में लोकल बॉडी मंत्री रहते नवजोत सिंह सिद्धू ने बस स्टैंड के पास जिन अवैध दुकानों को गिराया था, वह एक बार फिर से बन गई हैं। जालंधर कैंट हलके में आती ये दुकानें बिना नक्शा पास करवाए बनी थीं। नवजोत सिद्धू जब एक्शन में आए थे तब कैंट हलका के विधायक परगट सिंह भी साथ थे। सरकार पर एक बार फिर अफसरशाही हावी हुई है। इन दुकानों की वीरवार को फिर जांच शुरू हो गई है।

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नगर निगम की टाउन प्लािनिंग एंड बिल्डिंग एडहॉक कमेटी के चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा और मेंबर सुशील कालिया ने मामला जानकारी में आने के बाद वीरवार को मौके का मुआयना किया तो दुकानें बनी देख कर हैरान रह गए। निम्मा ने कहा कि अगर मंत्री की गिरवाई अवैध दुकानें दोबारा बन सकती हैं तो निगम का बिल्डिंग डिपार्टमेंट कुछ भी कर सकता है। इन दुकानों के दोबारा बन जाने पर कांग्रेस नेता संदीप खोसला ने तीन दिन पहले निगम कमिश्नर को भी शिकायत की थी।

चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा ने कहा कि नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है यह इसका जीता जागता सुबूत है। उन्होंने कहा कि इस पर शुक्रवार को अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा और 10 अगस्त को टाउन प्लानिंग एंड बिल्डिंग एडहॉक कमेटी की मीटिंग में भी यह मुद्दा रखेंगे। इसमें जो भी कसूरवार होगा उसको बख्शा नहीं जाएगा। दुकानें बना शटर लगाए, कच्ची दीवार खड़ी की बस स्टैंड के पास दोआबा मार्केट में 15 दुकानें बनाई गई थीं। निगम ने पांच दुकानों को पूरी तरह से गिरा दिया था और 10 दुकानों को सील कर दिया था, क्योंकि दुकानों तक डिच मशीन नहीं पहुंच पा रही थी। इस दौरान काफी हंगामा हुआ था। तब मार्केट में दुकानें लेने वाले पुलिस से भी भिड़ गए थे। अब दुकानों को दोबारा तैयार करके शटर लगा दिए गए हैं और शटर के आगे कच्ची दीवार खड़ी की गई है।

सिद्धू की मुहिम का हुआ था राजनीतिक विरोध

जून 2017 में सिद्धू ने शहर में अवैध कालोनियों और अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया था। शहर में कई अवैध इमारतों पर कार्रवाई हुई थी। कई अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए थे। हालांकि यह सभी अधिकारी अब बहाल हो चुके हैं। कई बिल्डिंग मालिकों ने राजीनामा फीस देकर समझौता कर लिया है। सिद्धू के अवैध निर्माण और कॉलोनियों के मामले में एक्शन का राजनीतिक विरोध हुआ था। विधायक सुशील रिंकू ने तो डिच मशीन पर चढ़ कर निगम की कार्रवाई रोक दी थी। अटारी बाजार में 36 दुकानों का निर्माण अब भी रुका है अटारी बाजार इलाके में तीन रिहायशी नक्शे पास करवाकर 36 दुकानें बनाने के मामले में अभी तक विधानसभा की विशेष कमेटी का फैसला नहीं आया है। विधानसभा कमेटी अपनी रिपोर्ट दे चुकी है, लेकिन इस पर क्या एक्शन लिया जाना है यह तय नहीं है। इन दुकानों का निर्माण अब भी रुका हुआ है।


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