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दशहरे पर डेढ़ करोड़ की जलेबी खा गए जिले के लोग

जागरण संवाददाता जालंधर दशहरे पर भले ही इस बार व्यापक स्तर पर उत्सव नहीं मनाया गया लेकिन

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 09:28 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 09:28 PM (IST)
दशहरे पर डेढ़ करोड़ की जलेबी खा गए जिले के लोग
दशहरे पर डेढ़ करोड़ की जलेबी खा गए जिले के लोग

जागरण संवाददाता जालंधर

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दशहरे पर भले ही इस बार व्यापक स्तर पर उत्सव नहीं मनाया गया, लेकिन जलेबी दुकानदारों की बल्ले-बल्ले जरूर रही। जलेबी दुकानदारों के अनुसार रविवार को डेढ़ करोड़ की जलेबी जिले के लोग खा गए। शहर में हलवाई की दुकानों के बाहर अलग से टेंट व स्टाल लगाकर जलेबियां तैयार करवाई गई, जहां लोगों की भीड़ उमड़ी। कई जगहों पर लोगों ने प्रभु श्रीराम को भोग लगाकर जलेबियों का प्रसाद भी वितरित किया। जिले में जलेबी 150 रुपये ले लेकर 300 रुपये (दाल वाली देसी घी से निर्मित) प्रति किलो तक बेची गई। जिले में 1300 के करीब हलवाई की दुकानों पर सभी मिठाइयों से अधिक जलेबी की बिक्री हुई। प्रभु श्रीराम की पसंदीदा शश्कुली से बनी जलेबी

दशहरे पर जलेबी खाने का भी महत्व है। पंडित बसंत प्रसाद बताते हैं कि प्रभु श्रीराम को शश्कुली (बदाने से बनी) नामक मिठाई पसंद थी, जिसे अब जलेबी कहा जाता है। श्रीराम भक्त दशहरा वाले दिन प्रभु श्रीराम की पसंदीदा मिठाई का सेवन करना शुभ मानते हैं। दशहरे पर जलेबी खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। बाजार में कई तरह की जलेबियों की हुई बिक्री

समय के साथ जलेबी के आकार से लेकर वैरायटी तक में व्यापक परिवर्तन हो गया है। बाजार में इन दिनों दाल वाली जलेबी, सूजी वाली जलेबी, मैदे वाली जलेबी, इमरती, फ्लेवर जलेबी सहित कई तरह की वैरायटी उपलब्ध है, जिनकी आज खूब बिक्री हुई।


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