आरटीए में भ्रष्टाचारः नई वायरल वीडियो ने खोली सचिव आरटीए के दावों की पोल
नकली सचिव आरटीए बनकर चेकिंग करते हुए हिरासत में लिए अमनदीप को सचिव आरटीए कंवलजीत सिंह ने अपना निजी ड्राइवर बता पुलिस से छुड़ाया था। मामले में अब नया खुलासा हुआ है।
सत्येन ओझा. जालंधर : कपूरथला के थाना सुभानपुर क्षेत्र में गांव गुडानी में आरटीए की सरकारी गाड़ी में नकली सचिव आरटीए बनकर चेकिंग करते हुए हिरासत में लिए अमनदीप नामक युवक को सचिव आरटीए कंवलजीत सिंह ने अपना निजी ड्राइवर बताकर पुलिस से छुड़ा लिया था। अब ताजा वायरल वीडियो ने सचिव आरटीए के उस दावे की पोल खोल दी है। ताजा वायरल वीडियो में अमनदीप पुलिस पूछताछ में बता रहा है कि उसका सचिव आरटीए की गाड़ी से कोई संबंध नहीं है। वह तो अमृतसर में प्राइवेट गाड़ी चलाता है। वीडियो में खुद एसएचओ सुजानपुर ये बता रहे हैं कि मौके से दो लोगों को पकड़ा है। तीसरा कोई गनमैन बताया जा रहा है, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला है।
इस तरह हुआ सरकारी गाड़ी में अवैध वसूली का भंडाफोड़
आरटीए सूत्रों का कहना है कि एक पोर्टल के कथित पत्रकार ने कुछ दिन पहले नई कार खरीदी। वह सचिव आरटीए पर दबाव बना रहा था कि गाड़ी पर लगने वाला 8 प्रतिशत कुल रोड टैक्स वह अपने स्तर पर जमा करा दें। सचिव आरटीए ने पत्रकार की इस डिमांड से इनकार कर दिया था। ये बात खुद सचिव आरटीए अपने करीबियों को बता रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पोर्टल के पत्रकार को पता था कि आरटीए में काम करने वाले कुछ निजी कारिंदे डेढ़ महीने से लगातार सरकारी गाड़ी ले जाकर हाईवे पर अवैध रूप से नाका लगाकर लोगों से अवैध वसूली करते हैं। नकली आरटीए के इस खेल में एक गनर भी शामिल है। आरटीए सूत्रों का कहना है कि सचिव आरटीए ने पत्रकार की गाड़ी का टैक्स जमा करने से इनकार किया तो उसने आरटीए अधिकारियों की शह पर चल रहे अवैध वसूली के इस खेल का भंडाफोड़ कर दिया।
11 दिसंबर को सुबह 6 बजे पकड़ा गया था नकली आरटीए
11 दिसंबर को सुबह 6 बजे गांव गुडानी के निकट हाईवे पर पुलिस ने तीन युवकों को पकड़ा था। वे सचिव आरटीए जालंधर के नाम पर अलॉट सरकारी इनोवा गाड़ी-पीबी-65एच-9120 पर सवार होकर नाका लगाकर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। मौके पर एक पत्रकार ने वीडियो बनानी शुरू की तो तीनों लोग गाड़ी छोड़कर भागने लगे। अमनदीप नामक एक युवक को सुभानपुर थाना पुलिस ने हिरासत में ले लिया। साथ ही सरकारी गाड़ी भी कब्जे में ले ली थी। बाद में भागे हुए एक अन्य युवक की पहचान सचिव आरटीओ ऑफिस में ही हैवी कॉमर्शियल व्हीकल के चालान का काम करने वाले के रूप में हुई थी। उसके साथ गनर कहां गुम हो गया, उसका पता नहीं चल सका है।
दोबारा कर सकते हैं जांच : थाना प्रभारी
थाना प्रभारी सुजानपुर लखबीर सिंह ने बताया कि पूरी जांच के बाद हिरासत में लिए युवक को छोड़ा गया था। अगर किसी स्तर पर किसी ने पुलिस को जानकारी गलत दी है तो फिर से इस मामले में जांच कराएंगे।
वरिष्ठ अधिकारियों को दी जानकारी : सचिव
सचिव आरटीए कंवलजीत सिंह इस मामले में अब कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें जो कुछ कहना था वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया है।
बड़ा सवाल : सचिव ने पत्रकार के खिलाफ क्यों नहीं दी शिकायत?
नकली आरटीए मामले में सचिव दलील दे रहे हैं कि पत्रकार उन पर टैक्स जमा कराने का दबाव बना रहा था। इसके बावजूद आखिर उन्होंने अब तक संबंधित पत्रकार के खिलाफ पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दी, जबकि उसकी तरफ से किश्तों में आरटीए के कारनामों का खुलासा किया जा रहा है। कहीं सचिव आरटीए को इस बात का भय तो नहीं है कि ऐसा किया तो आरटीए के कुछ और कारनामे भी सामने आ सकते हैं।