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गल्लां दी गल्ल: उद्घाटन वाले पत्थर से नाम गायब, मंत्री जी हुए गोल

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओपी सोनी कोरोना की टेस्टिंग लैब का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उनकी नजर उद्घाटन वाले पत्थर पर पड़ी तो उनका नाम ही गायब था।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 08:58 AM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 08:58 AM (IST)
गल्लां दी गल्ल: उद्घाटन वाले पत्थर से नाम गायब, मंत्री जी हुए गोल
गल्लां दी गल्ल: उद्घाटन वाले पत्थर से नाम गायब, मंत्री जी हुए गोल

जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। जालंधर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। तमाम कोशिशों व लंबे इंतजार के बाद शहर में कोरोना की टेस्टिंग लैब बनाने की मंजूरी मिली। लैब का उद्घाटन बीते दिनों प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने किया। मंत्री उद्घाटन करें और मौके पर कोई घोषणा न करें, यह कैसे संभव है। सोनी ने भी उद्घाटन के बाद सरकार की तरफ से कोरोना से निपटने को लेकर किए जा रहे प्रयासों को अपने लफ्जों में लपेट कर दोबारा वही घोषणाएं कर डाली। इसके बाद उनकी नजर उद्घाटन वाले पत्थर पर पड़ी तो पत्थर से उनका नाम ही गायब था। मौके पर मौजूद अधिकारियों से पूछा तो अधिकारियों ने एक्ट का हवाला दे दिया, फिर क्या था मंत्री जी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और अधिकारियों को नसीहत, सिखाने की चेतावनी देते हुए मंत्री जी मीडिया की नजरों से बचकर गोल (निकल गए) हो गए।

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हुण आया ऊंट पहाड़ दे थल्ले

आइएएस व आइपीएस अफसरों के बीच पंजाब में आतंकवाद के समय से ही पावर को लेकर खींचतान चल रही है। आतंकवाद के समय में सरकार ने आतंकियों से निपटने के लिए पुलिस के हाथ खोल दिए थे। प्रदेश में आतंकवाद खत्म हो गया, लेकिन आइपीएस लॉबी तभी से आइएएस लॉबी पर तमाम मौकों पर हावी होती आई है। जालंधर में कुछ दिनों पहले हुए प्रशासनिक फेरबदल के बाद एक आइएएस व आइपीएस में भी शीतयुद्ध शुरू हो गया है। पहले वाले महोदय खाकी के बुलावे पर कहीं भी चले जाते थे। नए महोदय ने ज्वाइन करने के बाद पहले दिन से ही अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है कि जिले की सरकार वह ही हैं, किसी के बुलाने पर नहीं जाएंगे। इसके बाद से ही जिला व पुलिस प्रशासन के दफ्तरों में तैनात मुलाजिमों व सत्ता के गलियारों में बहस छिड़ गई है कि ..हुण आया ऊंट पहाड़ दे थल्ले।

चक्कर ला जांदे ने, पर कम्म नई करांदे

शहर के मेयर राजा के कंधों पर इस समय शहर का इतना बोझ है कि बेचारे खुद भी बोझ के नीचे दबे जा रहे हैं। लोगों की तकलीफों व शिकायतों पर वह कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। कारण नगर निगम का खाली खजाना है। शहर का बुरा हाल किसी से छिपा नहीं है। सड़कें इतनी खराब हो चुकी हैं कि उन पर चलने से पहले लोगों को सोचना पड़ता है कि बिना चोट खाए किस तरफ से रास्ता तय कर लें। इन्हीं खस्ता हाल सड़कों में गुरु नानकपुरा की सड़क भी शामिल है। मेयर सड़क तो बनवा नहीं पा रहे, लेकिन जैसे ही शिकायत आती है मौके पर दौरा करने चले जाते हैं। अब तो लोग भी परेशान हो चुके हैं। बीते दिनों ऐसी ही शिकायत पर दौरा किया तो एक रेहड़ी वाला बोल ही पड़ा, फोटो करान लई चक्कर जदो वेखों ला जांदे ने, कम्म नई करांदे।

गठबंधन का कमाल, स्कार्पियो का धमाल

जालंधर की सियासत में शहर के चारों विधानसभा हलकों की अहम भूमिका है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावी हमेशा से वेस्ट व नार्थ हलके ही रहे हैैं। यही वजह है कि इन दोनों हलकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों की तैनाती भी काफी सोच-विचार के बाद ही की जाती है। जरा सी बात का बखेड़ा बनने में इन  हलकों में देर नहीं लगती है। अवैध शराब की बिक्री, नशा और तमाम गैरकानूनी धंधे भी इन दोनों हलकों में ही सबसे ज्यादा संचालित होते हैं। इन्हीं धंधों में लिप्त दो गुटों के लोगों के बीच बीते दिनों भिड़ंत हो गई। इसके बाद धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर लीपापोती होती रही। जब खबरनवीस ने मामले को खंगाला तो अंदर की बात निकली कि इसके पीछे है नेता व खाकी के गठबंधन का कमाल, तभी तो महोदय की नई स्कार्पियो सड़कों पर मचा रही है धमाल।


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