उजड़े आशियानों के फिर गुलजार होने की आशा
तलवाड़ा में पौंग बांध निर्माण के दौरान हजारों कर्मचारियों को आवास सुविधा उपलब्ध कर कॉलोनी अस्तित्व में आई थी।
जालंधर : तलवाड़ा में पौंग बांध निर्माण के दौरान हजारों कर्मचारियों को आवास सुविधा उपलब्ध कराने के कुल चार सेक्टरों पर आधारित हजारों मकानों वाली कॉलोनी अस्तित्व में आई थी, जो बांध निर्माण मुकम्मल होने के बाद कर्मचारियों की घटती संख्या के मद्देनजर इसके हजारों मकान रिक्त हो गए। बीबीएमबी प्रबंधन ने चार सेक्टर के मकान गिरा दिए और उस जगह चंडीगढ़ की तर्ज पर रॉक गार्डन बना दिया। इसके बाद कुछ साल पहले फिर से एक हजार और मकान गिराने की जब चर्चा चली, तो लोगों के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया। मगर, खाली पड़े मकान खंडहरों में तब्दील होते गए और असामाजिक तत्वों के लिए जन्नत बन गए।
मगर, अब विभागीय सूत्रों के मुताबिक काफी समय से खाली पड़ी बीबीएमबी कॉलोनी जिसके अधिकतर बढि़या किस्म के खाली मकान खंडर हो रहे हैं, के अब अच्छे दिन आने वाले हैं। जानकारी के अनुसार एक्सईएन टाउनशिप मंडल द्वारा तलवाड़ा कॉलोनी के भीतर चल रहे प्राइवेट स्कूल जिनमे सर्वहितकारी स्कूल, गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल, वशिष्ट भारती स्कूल तथा अन्य कुछ सोसायटी आदि को पत्र जारी करके पूछा है कि उनको अपने स्टाफ आदि के लिए कितने मकानों की जरूरत है।
जानकारी के अनुसार तलवाड़ा कॉलोनी में इस समय लगभग 500 बढि़या किस्म के टाइप टी3 के मकान उपलब्ध हैं, जिन्हें टर्म कंडीशन पूरी करने वाले लोगों को दिए जाने का प्लान है। यदि यह प्रपोजल कामयाब रहता है, तो समझिए तलवाड़ा के अच्छे दिन आ जाएंगे। सूत्रों के अनुसार दिए जाने वाले मकान रेंट पर ही दिए जा सकेंगे। सिर्फ सर्वेक्षण किया है : एक्सईएन
बीबीएमबी के खाली पड़े मकानों के बारे में एक्सईएन टाउनशिप डिवीजन तलवाड़ा एसके खन्ना का कहना है कि मकान खाली पड़े हैं और प्रपोजल जैसी कोई बात नहीं है। मात्र एक सर्वेक्षण किया गया है, ताकि संभावना तलाश की जाए कि इन मकानों का कैसे उपयोग किया जा सकता है। इंटक प्रधान अशोक कुमार का कहना है कि यदि विभाग इन मकानों को सेवानिवृत्त लोगों अथवा अन्य लोगों को किराये पर आवंटित करता है, तो संगठन इसका स्वागत और अभिनंदन करता है। इन मकानों को किराये पर देने से बीबीएमबी को करोड़ों रुपये की आर्थिक आमदनी होगी और तलवाड़ा जो उजड़ने के कगार पर है, फिर से गुलजार होगा। रिपोर्ट : सरोज बाला