मच्छर मारने में सेहत विभाग नाकाम, लगातार बढ़ रहे डेंगू के मरीज Jalandhar News
सेहत विभाग की डायरेक्टर डॉ. अवनीत कौर ने बताया कि केंद्र सरकार की नीतियों के आधार पर मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
जालंधर, [जगदीश कुमार]। सेहत विभाग ने पंजाब को 2021 तक मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए मलेरिया मुक्त पंजाब की मुहिम भी चलाई, लेकिन तमाम प्रयास के बावजूद हर साल मच्छर लगातार ताकतवर होकर लोगों का खून चूस रहा है और विभाग महज हाथ मल रहा है। निजी कंपनियां हर साल नए उत्पाद मार्केट में उतार कर भले ही मच्छरों पर वार कर रही हैंं, परंतु केमिकल पीने के बावजूद भी मच्छरों की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ रही है। दूसरी ओर कीटनाशकों का छिड़काव नाकाफी साबित हो रहा है।
हैरानी की बात है कि मच्छरों से जंग लड़ने वाले मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों के 2958 पदों में 550 के करीब खाली हैं। इसी तरह सेनेटरी इंस्पेक्टरों के भी 40 फीसद के करीब पद खाली हैं। सेहत विभाग मच्छरों को मारने के लिए गंबुजिया मछली और जागरूकता योजना तैयार करने में जुटा है। लेकिन अब तक राज्य में मलेरिया के मरीजों की संख्या 1043 तक पहुंच गई, जो पिछले छह साल में सबसे ज्यादा है।
डॉ. धीरज भाटिया का कहना है कि विभाग की ओर से हर बार कीटनाशकों में बदलाव करने से मच्छरों में प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा हो रहा है। मच्छरों की जीन्स की जाच के आधार पर कीटनाशकों का चयन न करने से परेशानी पैदा हो रही है। 2017 में राज्य के ज्यादातर इलाकों में मच्छरों को मारने में कीटनाशक सायफीनोथ्रीन कारगर साबित नहीं हुआ। इससे पहले इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक पेरीथ्रीम से बेहतर नतीजे मिल रहे थे जिसे बंद कर दिया था। इसके बाद मैलाथ्रीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। सबसे पहले सेहत विभाग डीडीटी पाउडर के छिड़काव से मच्छरों पर काबू पाता था।
विभाग को मरीजों की जानकारी देने के लिए देंगे पत्र
आइएमए के प्रधान डॉ. योगेश्वर सूद ने बताया कि मलेरिया के मरीजों के बारे में सेहत विभाग को किसी ने सूचित नहीं किया। इसके लिए आइएमए सदस्यों के साथ बैठक कर सेहत विभाग को पत्र जारी किया जाएगा।
जल्द बैठक कर युद्ध स्तर पर होगा काम
सेहत विभाग की डायरेक्टर डॉ. अवनीत कौर ने बताया कि केंद्र सरकार की नीतियों के आधार पर मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मलेरिया मुक्त पंजाब के लिए मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों की संख्या बढ़ा दी है। निजी डॉक्टरों से मुहिम में कम सहयोग मिल रहा है। जिला स्तर पर आइएमए व डॉक्टरों की अन्य संस्थाओं से बैठक कर पंजाब को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम करेंगे।
मलेरिया के केस
साल मरीज दिमागी मलेरिया
2014 1036 14
2015 596 13
2016 693 8
2017 796 12
2018 624 12
2019 1043 11
मलेरिया मुक्ति का लक्ष्य
2017-फतेहगढ़ साहिब, कपूरथला, पठानकोट, रोपड़ व एसबीएस नगर।
2018-बरनाला, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, संगरूर, मोगा व मुक्तसर।
2019 -तरनतारन, फरीदकोट, होशियारपुर व पटियाला।
2020 अमृतसर, लुधियाना।
2021-एसएएस नगर, बठिंडा व मानसा।
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