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यूपी की लड़की ने जालंधर में दौड़ाया डीजल इंजन, नाम के साथ जुड़ा है रेलवे का बड़ा कीर्तिमान

फिरोजपुर रेलवे मंडल की पहली महिला सहायक लोको पायलट अंकिता ने रविवार को जालंधर में डीजल इंजन चेक किया। अंकिता जैसे ही यार्ड में खड़े डीजल इंजन पर चढ़ीं उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अंकिता इससे पहले भी जालंधर-होशियारपुर रेल ट्रैक पर पैसेंजर ट्रेन लेकर जाती रही हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 07:24 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:24 AM (IST)
यूपी की लड़की ने जालंधर में दौड़ाया डीजल इंजन, नाम के साथ जुड़ा है रेलवे का बड़ा कीर्तिमान
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की अंकिता फिरोजपुर रेलवे मंडल की पहली महिला सहायक लोको पायलट।

जालंधर [अंकित शर्मा]। फिरोजपुर रेलवे मंडल की पहली महिला सहायक लोको पायलट अंकिता ने रविवार को जालंधर में डीजल इंजन चेक किया। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में पंजाब में आंदोलन कर रहे किसानों की मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से बातचीत के बाद पंजाब में ट्रेनें चलने का रास्ता साफ हो गया है। इसी की तैयारी के तहत उन्होंने लोको पायलट मुकेश के साथ जालंधर-होशियारपुर रेलवे ट्रैक पर इंजन चलाया। मकसद था पैसेंजर ट्रेन चलाने से पहले ट्रैक की फिटनेस जांचना। संक्षिप्त बातचीत में अंकिता ने कहा उन्हें दो महीने बाद ट्रेनें चलने और काम पर आने की खुशी है। उम्मीद है कि जल्द हालात सामान्य हो जाएंगे। 

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अंकिता जैसे ही यार्ड में खड़े डीजल इंजन पर चढ़ीं, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वजह भी स्पष्ट थी। किसानों के आंदोलन की वजह से दो महीने बाद वह दोबारा डीजल इंजन पर सवार होने जा रही थी। उनका आत्मविश्वास भी देखने लायक था।

जालंधर-होशियारपुर ट्रैक पर पैसेंजर ट्रेन चलाई

अंकिता इससे पहले भी जालंधर-होशियारपुर रेल ट्रैक पर पैसेंजर ट्रेन लेकर जाती रही हैं। इसलिए लोको पायलेट के साथ अंकिता को ही ट्रैक की जांच करने का जिम्मा मिला।

इलेक्ट्रिक और डीजल इंजन दोनों को चलाने में माहिर

अंकिता इलेक्ट्रिक और डीजल दोनों ही इंजन चलाने की ट्रेनिंग हासिल कर चुकी है। हालांकि अभी तक बहुत से लोको पायलट ऐसे है, जिनमें कोई इलेक्ट्रिक का होता है और कोई डीजल इंजन चलाने की माहिर।

दो साल पहले हुई फिरोजपुर मंडल में पोस्टिंग

फिरोजपुर मंडल में करीब दो साल पहले ही अंकिता की पोस्टिंग हुई थी। मूल रूप से अंकिता उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की रहने वाली हैं। वह अपने छह भाई-बहनों से सबसे छोटी हैं। रेलवे में सबसे पहले उन्होंने 27 दिन उदयपुर में ट्रैफिक की ट्रेनिंग ली थी। दो महीने गाजियाबाद में इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेनिंग मिली। फिर, लुधियाना में डीजल इंजन चलाने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जालंधर में पोस्टिंग हुई थी।


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