दोस्ती और पैसे के नाम पर युवाओं को आतंकी बनाने की चल रही थी तैयारी
जालंधर में अंसार-गजावत-उल-¨हद के सक्रिय आतंकी रफीक बट्ट, इदरीश, जाहिद गुलजार और सोहेल पंजाब में आतंक फैलाने के साथ युवाओं को आतंकी बनाने की तैयारी कर रहे थे।
सुक्रांत, जालंधर: जालंधर में अंसार-गजावत-उल-¨हद के सक्रिय आतंकी रफीक बट्ट, इदरीश, जाहिद गुलजार और सोहेल पंजाब में आतंक फैलाने के साथ युवाओं को आतंकी बनाने की तैयारी कर रहे थे। इनमें ज्यादातर छात्र ही हैं। मंगलवार को भी पुलिस ने कई लोगों को बुला कर उनसे पूछताछ की। पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया गया। सोहेल के पंजाब कनेक्शन में पंजाब के कई बड़े शिक्षण संस्थाओं के नाम आ रहे हैं, जिनमें यह लोग अपने साथी भेजने की तैयारी में थे। कई साथी तो तैयार भी कर लिए थे। जाच में सामने आया है कि दोस्ती और पैसे के नाम पर युवाओं को छला जा रहा है। इनमें लड़किया भी शामिल हैं। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, वह कुछ जानते भी हैं या नहीं। पुलिस की इस समय मजबूरी यह बनी हुई है कि बट्ट, सोहेल और उनके साथियों को शक के घेरे में लाए लेकिन सीधे तौर पर उनको उठाना भी मुमकिन नहीं। खुफिया सूत्रों को किया अलर्ट, बनाई टीमें
सोहेल और बट्ट से जुड़े उनकी उम्र के ही साथियों के बारे में जानने के लिए पुलिस ने अपने खुफिया सूत्रों को अलर्ट कर दिया है। जिन लोगों पर पुलिस सीधा हाथ नहीं डाल सकती, उनके मोबाइल, उनके रिश्तेदारों और उनके साथियों को अपने संपर्क में लाकर उनकी असलियत जानने का प्रयास करेगी। अभी तक जिन लोगों को पुलिस ने अलग अलग शहरों से पूछताछ के उठाया था, उनमें से अभी तक एक भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं दिखाई गई है। यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन लोगों की आतंक के इस खेल में क्या भूमिका है। यहा तक कि यह भी साफ नहीं है कि जिनके संपर्क बट्ट, सोहेल और साथियों से निकल रहे हैं, वह उनके पकड़े जाने से पहले यह जानते थे कि क्या वह लोग आतंकी हैं। दिल्ली में बैठे साथियों पर खुफिया विभाग की नजर
पंजाब में मूसा के भाई बट्ट, साथी सोहेल और ऐसे युवा बैठे हैं, जो उनके साथ किसी न किसी रूप में जुड़े हैं, लेकिन अभी तक की जाच में दिल्ली में उनके बड़े कनेक्शन भी सामने आ रहे हैं। अब खुफिया विभाग दिल्ली में भी उनके साथियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। वह साथी कौन हैं और किस भूमिका में वहा पर रह रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी भी जुटाई जा रही है। हालाकि अभी उनको कोई सफलता मिली या नहीं, यह सिर्फ खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों की जानकारी में ही है।