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Mobile की लत ने ले ली जान, Tik Tok star बनने की इच्छुक दस वर्षीय बच्ची ने लगाया फंदा

जालंधर में Tik Tok star बनने की इच्छुक दस साल की मासूम बच्ची ने घर के बाथरूम में लगी पाइप से गले में चुन्नी से फंदा लगा खुदकुशी कर ली।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 10:42 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 09:01 AM (IST)
Mobile की लत ने ले ली जान, Tik Tok star बनने की इच्छुक दस वर्षीय बच्ची ने लगाया फंदा
Mobile की लत ने ले ली जान, Tik Tok star बनने की इच्छुक दस वर्षीय बच्ची ने लगाया फंदा

जेएनएन, जालंधर। पक्का बाग में Tik Tok star बनने की इच्छुक दस साल की मासूम बच्ची ने घर के बाथरूम में लगी पाइप से गले में चुन्नी से फंदा लगा खुदकुशी कर ली। शरीर पर टैटू बनाने, फैशन करने के साथ चंचलता की वजह से उसे कई बार मां-बाप से डांट पड़ती थी। बुधवार को भी मां की डांट पड़ी तो रात तकरीबन पौने 10 बजे उसने जान दे दी।

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परिवार को जैसे ही उसके फंदा लगने का पता चला तो वे उसे पहले गुरुनानक मिशन अस्पताल ले गए। हालात नाजुक होने पर उसे दोआबा अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां पहुंचने तक उसकी मौत हो गई। परिजन फिर उसे घर ले आए और सुबह अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। इसकी सूचना रिश्तेदारों को भी दे दी गई।

परिवार कर रहा था अंतिम संस्कार की तैयारी, पुलिस ने शव का कराया पोस्टमार्टम

इसी बीच पुलिस को घटना का पता चला तो डीसीपी (इन्वेस्टिगेशन) गुरमीत सिंह व डीसीपी (लॉ एंड ऑर्डर) बलकार सिंह की अगुवाई में पुलिस मौके पर पहुंची। उस वक्त संस्कार के लिए बच्ची को नहलाया जा रहा था। पुलिस ने बच्ची की लाश को तुरंत पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा। वहां डॉक्टर हरकमल कौर, डॉ. गरिमा व डॉक्टर अभिषेक सच्चर की टीम ने बच्ची का पोस्टमार्टम किया। इसमें बच्ची के गले पर चुन्नी की गांठ का निशान मिला। वहीं, उसकी गर्दन की हड्डी टूट चुकी थी और मांस भी फटा हुआ था। उसका विसरा जांच के लिए खरड़ लेबोरेटरी भेज दिया है।

रात को बाथरूम में चुनरी बांध लगाया फंदा

टिफिन सप्लाई का काम करने वाले राकेश कुमार ने बताया कि उसकी दस साल की बेटी प्रतिष्ठा मंडी फैटनगंज सेंट सोल्जर डिवाइन स्कूल में चौथी क्लास में पढ़ती है। बुधवार रात वो टिफिन सप्लाई करने के लिए गए थे। उस वक्त बेटी प्रतिष्ठा, 14 वर्षीय बेटा सूर्यांश व घर में प्लेवे स्कूल चलाने वाली पत्नी घर पर ही थी।

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रात तकरीबन पौने दस बजे बच्ची प्रतिष्ठा बाथरूम गई, लेेकिन 10-15 मिनट बाहर नहीं निकली। उस वक्त खाना बना रही पत्नी वसुधा को लगा कि बच्ची कहीं नीचे रहते किराएदारों के यहां तो नहीं चली गई। उन्होंने बेटे को भेजा,लेकिन वो नहीं मिली। वो बाथरूम में गए तो वहां प्रतिष्ठा ने चुन्नी से फंदा लगा रखा था। वो तुरंत अस्पताल ले गए लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

डीसीपी गुरमीत सिंह ने कहा कि घरवालों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। बच्ची के गले पर निशान मिला है लेकिन डॉक्टरी रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि बच्ची के साथ क्या हुआ। परिजनों का कहना है कि बच्ची उन्हें बाथरूम में पड़ी मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। डीसीपी बलकार सिंह ने कहा कि बच्ची ने बाथरूम में ही फंदा लगाया है। शुरूआती पूछताछ में यही सामने आया है कि आम घरों की तरह मां-बाप उसे शरारत पर डांटते थे। बाकी पुख्ता तौर पर पोस्टमार्टम के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

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शरारत में गई जान या Tik Tok बना वजह?

इलाके के लोगों का कहना है कि बच्ची बहुत चंचल थी। घर में भी वो हर वक्त अपने Tik Tok Video बनाती रहती थी। इसके लिए वो फैशन भी खूब करती। मौत से पहले भी उसके हाथ में टैटू बने हुए थे। इसी वजह से उसके माता-पिता से भी उसे आम तौर पर दूसरे अभिभावकों की डांट सुननी पड़ती। पुलिस भी इस बात की आंशका जता रही है कि घर में मां को डराने के लिए तो उसने कहीं खुदकुशी की तरह शरारत दिखाने के लिए यह न किया हो और अचानक पैर फिसल गए और चुन्नी से उसका गला फंस गया।

दूसरी वजह Tik Tok के लिए Video की भी सामने आ रही है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं उसने Tik Tok पर खुदकुशी के नाटक का Video देखा हो और उसी तरह करने के चक्कर में गले में फंदा डाला, लेकिन पैर फिसलने से फंदा कस गया और उसकी मौत हो गई। यह आशंका इसलिए भी है क्योंकि जब बच्ची बाथरूम में फंदे से लटक रही थी तो बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद नहीं था। उसकी मां वसुधा ने इसकी पुष्टि की कि जब वो बाथरूम में उसे देखने गए तो दरवाजे पर अंदर से कुंडी नहीं लगी थी।

अस्पतालों ने पुलिस को नहीं दी सूचना

इस मामले में शहर के दो बड़े अस्पतालों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने गले में फंदे के निशान होने के बावजूद बच्ची की जांच के बाद पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी?। कानूनन इसके बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करना होता है। बच्ची को मिशन अस्पताल व दोआबा अस्पताल ले जाया गया था। उसके गले पर फंदे के निशान भी बने हुए थे। हालांकि परिजन पहले बच्ची के बाथरूम में गिरने की बात कहते रहे लेकिन पुलिस को दिए बयान में उन्होंने बच्ची के फंदा लगाने की बात को कबूल कर लिया।

डांट पडऩे पर अक्सर कहती थी मैं मर जाऊंगी

बच्ची के परिजनों के मुताबिक चंचल स्वभाव की वजह से उसे अक्सर ही डांट पड़ती रहती थी। मां-बाप सामान्य तौर पर डांटते थे कि बच्ची मोबाइल व Video बनाने के बजाय पढ़ाई में ध्यान दे। मौके पर मौजूद पक्का बाग में रहने वाले लोगों ने बताया कि दो दिन पहले भी उसे पिता से गली में ही डांट पड़ी थी। जिसके बाद वो कहने लगी कि मैं मर जाउंगी। वह अक्सर ही ऐसा कहती थी, जिसे मां-बाप, परिजन व आसपास के लोग बच्ची का चंचल स्वभाव समझते थे। वो हकीकत में ऐसा कर लेगी, इसका किसी को आभास तक नहीं था।

क्या कहते हैं मनोचिकित्सक

बच्चों के साथ हमेशा रखें सकारात्मक रवैया

मनोचिकित्सक डॉ. टीएल चोपड़ा का कहना है कि कुछ बच्चे काफी सेंसटिव होते हैं। माता-पिता की छोटी-छोटी बातों को दिल पर लगा लेते हंै। अपनी जिद को पूरा करवाने के लिए कई प्रकार की धमकियां भी देते हैं। ऐसे हालात में बच्चे को लगता है कि मेरी सुनवाई नहीं है और मेरे साथ माता-पिता भी सहयोग नहीं करते। इन हालात में परिजनों को पहले से ही बच्चों की आदतों पर ध्यान रखना चाहिए। बच्चे को सही-गलत समझाना चाहिए। उसके साथ कभी गुस्से से बात नहीं करनी चाहिए। गलत भी हो तो ठंडे दिमाग से उसकी काउंसङ्क्षलग करनी चाहिए और उसकी मांग को लेकर फायदा और नुकसान बताना चाहिए। उसे बताएं की कुछ चीजें ऐसी होती है जो उम्र के हिसाब से होना चाहिए, उन्हें बड़े होने पर ही मिलेंगी।

क्या कहते हैं शिक्षाविद

बच्चों के साथ खेलें, उन्हें गाइड करें

रिटायर्ड जिला साइंस सुपरवाइजर बलजिंदर सिंह का कहना है कि अभिभावकों को चाहिए की वे चाहे दिनभर जितना भी व्यस्त क्यों न हों। बच्चों के लिए समय अवश्य निकालें। उनसे बातें करें व खेल खेलें और समय-समय पर गाइड करते रहें, ताकि बच्चे का ध्यान किसी गलत रास्ते की तरफ न जाए। होता यही है कि अभिभावक खुद व्यस्त होने की वजह से बच्चों को समय नहीं दे पाते। जिस वजह से वे मोबाइल या गलत संगत में चल पड़ते हैं।

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