तहसीलदार का रीडर व ड्राइवर रिश्वत लेते गिरफ्तार, प्लॉट की रजिस्ट्री के बदले मांग थे दस हजार
विजिलेंस की इस कार्रवाई से तहसील में हड़कंप मच गया। दोनों आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम एक्ट के तहत मामला दर्ज करके अगली कार्रवाई शुरु कर दी है।
होशियारपुर, जेएनएन। तहसील कांप्लेक्स होशियारपुर से विजिलेंस ब्यूरो ने मंगलवार बाद दोपहर तहसीलदार के रीडर सरवन सिंह व ड्राइवर राजेश कुमार को दस हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस की इस कार्रवाई से तहसील में हड़कंप मच गया। दोनों आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम एक्ट के तहत मामला दर्ज करके अगली कार्रवाई शुरु कर दी है। जिस समय विजिलेंस टीम ने रीडर व ड्राइवर को पकड़ा, उस समय तहसीलदार हरमिंदर सिंह रजिस्ट्री करने में व्यस्त थे।
डीएसपी विजिलेंस ब्यूरो दलबीर सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता हरदीप सिंह निवासी अज्जोवाल ने अज्जोवाल के समीप कोई प्लॉट खरीदा था। उसकी रजिस्ट्री कराने के लिए उसने तहसील में संपर्क किया तो तहसीलदार के रीडर सरवन सिंह ने कहा कि प्लॉट को अवैध बताया और रजिस्ट्री कराने के लिए चौदह हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इसके बाद दस हजार रुपए में सौदा तय हो गया। हरदीप सिंह ने साथ ही इसकी शिकायत विजिलेंस ब्यूरो से कर दी।
विजिलेंस ने ऐसे बिछाया पूरा जाल
योजना के अनुसार मंगलवार को हरदीप को रजिस्ट्री कराने के लिए भेजा गया। तहसील में आकर वह रीडर से मिला। रीड़र ने हरदीप को तहसील कांप्लेक्स में खड़े ड्राइवर राजेश कुमार को दस हजार रुपए पकड़ाने के लिए कहा। इशारा मिलते ही राजेश कुमार ने शिकायतकर्ता से पैसे लेकर अपनी जेब में रख लिए। इतने में वहां पर घात लगाए बैठी विजिलेंस टीम ने राजेश कुमार को दबोच लिया। जब तक कुछ समझ में आता विजीलेंस टीम राजेश कुमार को रीडर सरवन सिंह के कमरे में ले गई। पूछताछ में राजेश ने कहा कि उसने सरवन सिंह के कहने पर पैसे लिए थे। इसके बाद रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस टीम ने रीडर सरवन और ड्राइवर राजेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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