65 प्रतिशत वेतन कटौती के फैसले के खिलाफ भड़के ठेका अध्यापक
सूबे में पिछले 10 साल से 42
जागरण संवाददाता, जालंधर :
सूबे में पिछले 10 साल से 42800 रुपये मासिक वेतनमान पर काम कर रहे ठेका अध्यापकों का मानदेय घटाकर 15 हजार रुपये मासिक किए जाने के खिलाफ अध्यापकों का आक्रोश फूट पड़ा। शुक्रवार को जिला प्रबंधकीय कॉम्पलेक्स में ठेका अध्यापकों ने जबरदस्त प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रबंधकीय कॉम्पलेक्स में ही अपना सि¨रज से अपना खून निकालकर मुख्यमंत्री को मार्मिक पत्र लिखा, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि अगर मुख्यमंत्री ने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो 7 अक्टूबर से वे पटियाला में अनिश्चितकालीन समय के लिए धरना शुरू कर देंगे।
गौरतलब है कि एसएसए, रमसा व सीएसएस उर्दू अध्यापक रेगुलर किए जाने की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। सरकार से वे रेगूलर किए जाने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन 3 अक्टूबर को चंडीगढ़ में हुई पंजाब की कैबिनेट ने मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह की अध्यक्षता में ठेका अध्यापकों को रेगुलर करने के बजाय उनके वेतन में कटौती कर 42800 से सीधे 15000 रुपये मासिक कर बड़ा झटका दिया है। पंजाब कैबिनेट में इन अध्यापकों के वेतन में 65 प्रतिशत कटौती कर सेवाएं रेगुलर करने के फैसले पर मुहर लगा दी। अध्यापक नेताओं ने कहा कि यदि सरकार ने अपने फैसले को बदल कर पूरे वेतन समेत सेवाएं शिक्षा विभाग के अधीन रेगूलर करने का फैसला नहीं लिया तो 7 अक्तूबर से पक्का धरना लगाया जाएगा।
सरकार के इस फैसले के आते ही राज्यभर में अध्यापकों में गुस्से की लहर दौड़ गई व गुस्सा भी ऐसा फूटा कि तीन अक्तूबर को ही अध्यापकों ने विधायकों, मंत्रियों व कांग्रेस हलका इंचार्जों के घरों के आगे धरना लगाकर रोष प्रकट किया। संघर्ष को जारी रखते राज्य स्तरीय आह्वान पर एसएसए रमसा अध्यापक यूनियन जालंधर के बैनर तले जालंधर में इकट्ठे हुए एसएसए रमसा अध्यापकों ने आज सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में तहसीलदार करनदीप ¨सह भुल्लर को मुख्यमंत्री के नाम खून से लिखा पत्र सौंपा।
प्रदर्शनकारियों में रमसा के जिला प्रधान गुरप्रीत परमार, जिला महासचिव तिलक राज की अगुवाई में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूनियन ने कहा कि एक तरफ पंजाब केबिनेट मेहनती अध्यापकों के मेहनताने को दबा रही है, वहीं नाजायज ढंग से कॉलोनियों का निर्माण करके अरबों रुपये कमाने वाले कॉलोनाइजरों का करोड़ों रुपये जुर्माना माफ कर रही है। इससे साबित होता है कि सरकार पूंजीपतियों की तिजोरियां भरने का काम कर रही है।
इस मौके पर मुनीष, जस¨वदर, रु¨पदर, प्रशांत गौतम, रमन, सरबजीत, शिवदयाल, रवि कुमार, किरण, अनीता, हरकमल, सीमा, परवीन व अन्य अध्यापक मौजूद थे।