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जालंधर में 100 से अधिक साल पुराने स्कूलों का इतिहास बताएंगे शिक्षक, मुख्य गेट पर लिखा जाएगा स्थापना दिवस

जालंधर में अब गांववासियों और अभिभावकों को स्कूलों के स्थापना का इतिहास शिक्षक बताएंगे। सके लिए अब सभी स्कूलों में स्थापना दिवस का बोर्ड व शिलान्यास बनाई जाएगी। क्योंकि 100 व इससे अधिक पुराने स्कूल अभी भी अपनी पुरानी लुक की वजह से ही आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 08:19 AM (IST)
जालंधर में 100 से अधिक साल पुराने स्कूलों का इतिहास बताएंगे शिक्षक, मुख्य गेट पर लिखा जाएगा स्थापना दिवस
जालंधर में 100 से अधिक साल पुराने स्कूलों के मुख्य गेट पर लिखा जाएगा स्थापना दिवस।

जालंधर, जेएनएन। पंजाब के सरकारी स्कूलों का इतिहास 100 साल ही नहीं इससे भी पुराना है। अब शहर व गांववासियों और अभिभावकों को स्कूलों के स्थापना का इतिहास शिक्षक बताएंगे। इसके लिए अब सभी स्कूलों में स्थापना दिवस का बोर्ड व शिलान्यास बनाई जाएगी। क्योंकि 100 व इससे अधिक पुराने स्कूल अभी भी अपनी पुरानी लुक की वजह से ही आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। उन स्कूलों से शहर, राज्य व देश और विदेशों की नाम सख्शीयतों ने शिक्षा हासिल की है।

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मगर बेहद कम लोग ही स्कूलों के गौरवमयी इतिहास को जानते हैं। जिस वजह से वो स्कूल जानकारी के आभाव का शिकार हो जाते हैं। मगर अब ऐसा नहीं होगा, उन सभी स्कूलों के डिसप्ले बोर्ड लगाए जाएंगे या फिर स्कूल के बाहर स्थापना दिवस लिखा जाएगा। ऐसे में खास बात यह है कि स्कूल के मुख्य गेट पर किसी महत्वपूर्ण स्थापना पर ही स्कूल का स्थआपना वर्ष लिखा जाए, जिससे स्कूल में आने जाने वालों को स्कूल की स्थापना संबंधी पता चल सकेगा। यही नहीं स्कूल से शिक्षा हासिल करके पास हाउट हुए विद्यार्थियों जो महान सख्शियतों के रूप में उभर कर आए हैं उनके नाम व वर्ष भी दर्शाएं जाएं। जिससे विद्यार्थियों में ही नहीं बल्कि अभिभआवकों में गौरव बढ़ता है।

शिक्षा सचिव की तरफ से इस संबंध में स्कूल मुखियों को हिदायतें देकर स्कूलों की बेहतरी के लिए इस कदम को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा है कि स्कूलों में अधिकारियों की तरफ से वीजिट, साप्ताहिक रिव्यू मीटिंग में जिला शिक्षा अधिकारियों, ब्लाक प्राइमरी शिक्षा अफसरों सहित बाकी साथियों की तरफ से ही .ह बात ध्यान में लाई गई हैं कि स्कूलों का इतिहास 100 साल ही नहीं इससे भी अधिक पुराना हैं। ऐसे में उन स्कूलों को इतिहास प्रति सभी को जागरूक करने का जरूरत है। जिसके तहत ही स्कूल का स्थापना दिवस दर्शाता शिलान्यास पत्थर, बोर्ड आदि लगाने का फैसला लिया गया है।

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