टेस्ट में विद्यार्थी फेल हुए तो शिक्षक के पढ़ाने के तरीके की होगी जांच
विद्यार्थियों का लर्निग लेवल चेक करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से 13 व 14 अगस्त को टेस्ट लिया गया।
कमल किशोर, जालंधर : विद्यार्थियों का लर्निग लेवल चेक करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से 13 व 14 अगस्त को टेस्ट लिया गया। इसमें यह जांचा गया कि अप्रैल से अब तक विद्यार्थियों ने क्या सीखा है, क्या याद किया है, शिक्षकों ने विद्यार्थियों को क्या पढ़ाया है। अगस्त के अंत में इसका परिणाम घोषित किया जाएगा। अगर विद्यार्थी टेस्ट में फेल हो जाता है तो पढ़ो पंजाब, पढ़ाओ पंजाब टीम के सदस्य कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की पहचान करेंगे और यह जांचेंगे कि बच्चा टेस्ट में अंक क्यों नहीं ले सका। वह यह भी देखेंगे कि क्या अध्यापक का पढ़ाया बच्चे को समझ नहीं आया है। विद्यार्थियों का डाटा एकत्रित करके 6 सितंबर को एससीईआरटी को भेजा जाएगा। इसे एकत्र करने की जिम्मेदारी स्कूल हेड की जिम्मेवारी होगी। गौरतलब है निजी स्कूल पाचवीं कक्षा तक पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की किताबें पढ़ाने के बजाय निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ा रहे हैं, जबकि टीचर्स छठी से दसवीं तक के विद्यार्थियों को निजी प्रकाशकों की गाइड खरीदने के लिए उकसाते हैं। ऐसा ही सरकारी स्कूलों में भी हो रहा है। टीचर्स बच्चों को खुद पढ़ाने की बजाय उन्हें गाइड खरीदने को कह देते हैं, इसलिए बच्चे पढ़ाई में कमजोर हो जाते हैं।
प्राइमरी के बाद अब मिडिल कक्षा के टेस्ट
-23 से 25 तक छठी से आठवीं कक्षा
-27 से 28 तक नौंवी से दसवीं कक्षा तक
विद्यार्थियों की लर्निंग चेक करने के लिए टेस्ट लिया गया है। उन स्कूलों की पहचान की जाएगी जहां विद्यार्थियों के टेस्ट में कम अंक आएं है। पढ़ो पंजाब, पढ़ाओ पंजाब टीम के सदस्य स्वयं विद्यार्थी की लर्निंग टेस्ट करेंगे। देखा जाएगा कि अध्यापक ने सही ढंग से पढ़ाया या नहीं। बच्चे को क्यों समझ नहीं आया। विद्यार्थियों को टीम सदस्य व शिक्षक स्वयं पढाएंगे।
-व¨रदरप्रीत, को-ऑर्डिनेटर, पढ़ो पंजाब, पढ़ाओ पंजाब।