टीबी के मरीजों का तेजी बढ़ रहा ग्राफ, टूटी सेहत विभाग की नींद Jalandhar News
टीबी के मरीजों का इलाज करने वाले ठेके पर तैनात स्टाफ को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। समस्या का समाधान करने के लिए सेहत विभाग के अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं।
जालंधर, जेएनएन। राज्य सरकार की ओर से पंजाब को 2025 तक टीबी मुक्त करवाने का लक्ष्य है। लेकिन मरीजों की तेजी से बढ़ रही संख्या राज्य सरकार के सपने को धूमिल कर रही है। हालात ये हैं कि सेहत विभाग पिछले करीब ढाई साल में जालंधर को जिला टीबी अफसर मुहैया नहीं करवा पाया है। वहीं, स्टाफ की किल्लत भी इलाज की राह में बाधा बन रही है।
विडंबना ये भी है कि टीबी के मरीजों का इलाज करने वाले ठेके पर तैनात स्टाफ को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। समस्या का समाधान करने के लिए सेहत विभाग के अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं। विभाग के आला अधिकारी सीएचसी शंकर के एसएमओ डॉ. राजीव शर्मा को जिला टीबी अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार देकर गाड़ी चला रहे हैं।
टीबी मरीजों को ढूंढने के लिए घर-घर जाएगी टीमें
जिला टीबी अधिकारी डॉ. राजीव शर्मा ने बताया कि टीबी के मरीजों को ढूंढने के लिए विभाग की ओर से विशेष मुहिम चलाई जा रही है। जिले के स्लम इलाकों में टीमें स्लम इलाकों में घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों वाले मरीजों की जांच पड़ताल कर टेस्ट करवाएंगी। टीबी की पुष्टि होने के बाद मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। टीमें भार्गव कैंप, न्यू सुराज गंज, पिशेरी मोहल्ला, आजाद नगर, संत नगर, मंगू बस्ती, इंडस्ट्रीयल एरिया, गांधी कैंप, मिट्ठू बस्ती, मकसूदां, बस्ती दानिशमंदा, चंडीगढ़ मोहल्ला, बस्ती नौ, बस्ती गुजां, बस्ती बावा खेल, काजी मंडी, संतोखपुरा, लम्मा पिंड, संतोषी नगर व किशनपुरा में दौरा करेगी।
हर किसी में छिपा है टीबी का वायरस
जिला टीबी अधिकारी डॉ. राजीव शर्मा का कहना है कि टीबी के जीवाणु हर किसी व्यक्ति के अंदर छिपे हैं। इसके अलावा हवा में भी होते हैं। कमजोर प्रतिरोधक शक्ति वाले लोगों में जीवाणु सक्रिय होकर टीबी जांच में सामने आ जाते हैं। ज्यादातर मरीज स्लम इलाकों से सामने आते हैं। इसके अलावा एचआइवी के दो फीसद मरीजों को टीबी सामने आ रही है। विभाग के एक्टिव सर्वे में मरीजों को ढूंढकर उनका इलाज कर वायरस का खात्मा हो सकेगा।
टीबी के मरीज
साल मरीज
2017 3394
2018 3526
2019 5500