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पानी बचाने के लिए नई पहल, अब ट्रीटेड वाटर से होगी टैनिंग और ड्राइंग Jalandhar News

कारोबारियों को आश्वासन दिया गया है कि ट्रीट पानी में वह तमाम तत्व मौजूद रहेंगे जो ड्राइंग एवं टैनिंग के लिए जरूरी प्रक्रिया को अंजाम देने में सक्षम हैं।

By Edited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 08:39 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 03:01 AM (IST)
पानी बचाने के लिए नई पहल, अब ट्रीटेड वाटर से होगी टैनिंग और ड्राइंग Jalandhar News
पानी बचाने के लिए नई पहल, अब ट्रीटेड वाटर से होगी टैनिंग और ड्राइंग Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। लेदर इंडस्ट्री ने तेजी से गिरते भूजल स्तर को बचाने की कवायद में ट्रीटेड पानी से इंडस्ट्री चलाने की नई पहल की पेशकश की है। लेदर इंडस्ट्री टैनिंग एवं ड्राइंग प्रोसेस के लिए भूमिगत जल का उपयोग करने की बजाय रोजाना एक करोड़ लीटर ट्रीट किए पानी से अपनी जरूरत को पूरा करेगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 15 एमएलडी की क्षमता वाला एक विशेष सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तैयार किया जाएगा, जोकि मौजूदा समय में बस्ती पीर दाद के पीछे स्थापित 50 एमएलडी की क्षमता वाले एसटीपी के अलावा होगा।

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50 एमएलडी एसटीपी से निकलने वाले ट्रीटेड पानी को दोबारा से 15 एमएलडी प्लांट में ट्रीट किया जाएगा और उसके बाद यह पानी लेदर इंडस्ट्री की पानी की जरूरत को पूरा करने में सक्षम होगा। ट्रीट किए गए 15 एमएलडी पानी में से लेदर इंडस्ट्री 10 एमएलडी पानी रोजाना लेगी। इस संबंध में स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेंद्र जोरवाल ने लेदर कांप्लेक्स में लेदर व्यापारियों को एक पीपीटी प्रेजेंटेशन भी दिखाई।

इसके साथ कारोबारियों को आश्वासन दिया कि ट्रीट पानी में वह तमाम तत्व मौजूद रहेंगे, जो ड्राइंग एवं टैनिंग के लिए जरूरी प्रक्रिया को अंजाम देने में सक्षम हैं। पंजाब लेदर फेडरेशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत प्लांट से लेकर पूरे लेदर कांप्लेक्स में भूमिगत पाइप बिछाई जाएगी, ताकि इंडस्ट्री को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध करवाया जा सके। इसके अलावा एक ओवरहेड टैंक भी बनाया जाएगा, ताकि पानी प्रेशर से सप्लाई हो सके।

नॉर्मल चार्जेस लिए जाएंगे

परवीन कुमार ने ट्रीटमेंट के लिए मेंब्रेन (यूएफ) तकनीक के उपयोग को भी जरूरी बताया, जो सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। कुमार ने बताया कि ट्रीट किए पानी के लिए पीएसआइईसी की तरफ से निर्धारित बेहद नॉर्मल चार्जेस की अदायगी की जाएगी। मौजूदा समय में लेदर इंडस्ट्री अपनी क्षमता का मात्र 50 फीसद ही उत्पादन कर रही है।

रानीपेट में ऐसे ही प्रोजेक्ट को देखेंगे कारोबारी

स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बताया कि रानीपेट में इसी तरह की परियोजना काम कर रही है और उद्योग प्रतिनिधि इस परियोजना के कामकाज को देखने के लिए अक्टूबर 2019 के आसपास रानीपेट जाएंगे। मौके पर पंजाब लेदर फेडरेशन के सचिव अजय शर्मा, एसके मिश्रा, स्मार्ट सिटी के टीम लीडर ब्रिगेडियर राजेश गुप्ता, अजय शर्मा, एक्सईएन पीएसआइईसी उपस्थित थे।

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