Move to Jagran APP

जालंधर पहुंचेगा सतलुज का पानी, पीने लायक बनाने में खर्च होंगे 1400 करोड़ रुपये

सतलुज दरिया से डीएवी कॉलेज नहर के जरिए शहर तक पीने का पानी लाने के प्रोजेक्ट पर काम करने की इच्छुक कंपनियों के प्रपोजल 23 अप्रैल को ओपन होंगे।

By Vipin KumarEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 05:12 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 04:56 PM (IST)
जालंधर पहुंचेगा सतलुज का पानी, पीने लायक बनाने में खर्च होंगे 1400 करोड़ रुपये
जालंधर पहुंचेगा सतलुज का पानी, पीने लायक बनाने में खर्च होंगे 1400 करोड़ रुपये

जागरण संवाददाता, जालंधर। सतलुज दरिया से डीएवी कॉलेज नहर के जरिए शहर तक पीने का पानी लाने के प्रोजेक्ट पर काम करने की इच्छुक कंपनियों के प्रपोजल 23 अप्रैल को ओपन होंगे। 1400 करोड़ रुपये के सरफेस वाटर प्रोजेक्ट पर काम करने की इच्छुक कंपनियों की क्षमता जानने के लिए टेंडर जारी करके प्री-क्वालीफिकेशन पूछी गई है। 23 अप्रैल तक जितनी भी प्रपोजल आएंगी, उन्हें ओपन करके कंपनियों की क्षमता को परखा जाएगा। कंपनियों को बताना होगा कि उन्हें प्रोजेक्ट का काम क्यों दिया जाए। कंपनियों को प्री-क्वालिफिकेशन में अब तक किए कामों की जानकारी देनी होगी। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट पर पहले भी किए काम की डिटेल देनी होगी। इस प्रक्रिया में जो भी कंपनियां सिलेक्ट होंगी उसे प्रोजेक्ट पर डिटेल रिपोर्ट देनी होगी।

loksabha election banner

प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलू, अंडर ग्राउंड वाटर टैंक, ट्रीटमेंट प्लांट, पानी सप्लाई के नेटवर्क और शहर में पुराने सिस्टम को बदल कर नया सिस्टम बनाने पर डिटेल रिपोर्ट तैयारी करनी होगी। डीपीआर तैयार होने के बाद टेक्निकल बिड ओपन होगी, जिसमें सिलेक्शन होने के बाद फाइनेंशियल बिड ओपन करके एक कंपनी को काम सौंप दिया जाएगा। प्रोजेक्ट काफी बड़ा है और देश-दुनिया से कंपनियों काम के लिए आगे आ सकती हैं। यह प्रोजेक्ट नगर निगम और पंजाब वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड मिलकर कर रहा है। करीब दो साल पहले जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ था तो ब्यास दरिया से पानी लाया जाना था लेकिन बाद में सोर्स बदल कर सतलुज दरिया कर दिया।

शहर की अगले तीस साल की जरूरत को पूरा करेगा प्रोजेक्ट

शहर की मौजूदा जरूरत 275 एमएलडी पानी की है जबकि 30 साल बाद आबादी बढऩे पर 350 एमएलडी पानी चाहिए होगा। पहले फेस में 275 एमएलडी पानी का प्रोजेक्ट बनेगा जबकि बाद में इसे बढ़ा कर 350 एमएलडी किया जाएगा।

80 एकड़ जमीन की आफर आई, हाउस में प्रस्ताव पास करके एक्वायर करेंगे

नगर निगम को प्रोजेक्ट के लिए करीब 100 एकड़ जमीन चाहिए और नगर निगम के पास 80 एकड़ जमीन बेचने का ऑफर आ गया है। बिस्त दोआब नहर यानि की डीएवी कॉलेज नहर से पानी लाया जाना है और आदमपुर के गांव जगरावां में नहर किनारे स्टोरेज टैंक और ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना है। 60 एकड़ जमीन फाइनल हो चुकी है और करीब 20 एकड़ पर बात चल रही है। जमीन एक्वायर करने का प्रस्ताव हाउस की मीङ्क्षटग में लाना जरूरी है। हाउस की मीटिंग एक महीने बाद लोकसभा चुनाव के बाद ही संभव है। निगम के एक्सइएन सङ्क्षतदर कुमार और सीवरेज बोर्ड से एक्सइएन जितिन वासुदेव प्रोजेक्ट ने कहा कि रेट तय करने के लिए डिप्टी कमिश्नर एक कमेटी बनाएंगे। जमीन का रेट तय होने के बाद रेट की अप्रूवल के लिए हाउस में फिर प्रस्ताव पास करना होगा। उसके बाद जमीन पर काम शुरू होगा।

एशियन बैंक देगा 889.49 करोड़

एशियन डवलपमेंट बैंक से 889.42 करोड़ रुपए मिलेंगे। इससे शहर में पुरानी पाइपों के नेटवर्क को ठीक करके ऑन लाइन मॉनीटङ्क्षरग के लिए स्काडा सिस्टम लगेगा। सभी घरों के कनेक्शन ठीक होंगे। अंडर ग्राउंड और ओवर हेड टंकियां, पंपिंग स्टेशन, 100 एकड़ जमीन अधिग्रहण, 10 साल के लिए प्रोजेक्ट के आपरेशन एंड मेनटनेंस का ठेका इसमें शामिल है।

अमरुत योजना से 454.33 करोड़ की ग्रांट

केंद्र की अमरुत योजना से 454.33 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गांव जगरावां के पास नहर से पानी का इनटेक प्रोजेक्ट लगेगा। 275 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। शहर तक करीब 20 किलोमीटर पाइप लाइन डालेंगे। गांव जगरावां के इनटेक प्वाइंट प्रदूषण मुक्त एरिया है। नहरी विभाग से 30 साल का एग्रीमेंट भी तय किया है ताकि अगले 30 साल तक पानी की सप्लाई यकीनी हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.