जब तक ट्रस्ट हिसाब नहीं देगा, आवंटी इन्हांसमेंट नहीं देंगे
सूर्या एन्क्लेव वेलफेयर सोसायटी की जनरल हाउस की बैठक में एक स्वर से आवंटियों ने फैसला लिया कि इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट जब तक एन्क्लेव में हुए नफा-नुकसान का हिसाब नहीं देगा, तब तक वे किसी भी कीमत पर ट्रस्ट को इन्हांसमेंट नहीं देंगे।
जागरण संवाददाता, जालंधर
सूर्या एन्क्लेव आवंटियों ने एलान किया है कि जब तक इंप्रूवमेंट ट्रस्ट नफा-नुकसान का हिसाब नहीं देगा, तब तक वे ट्रस्ट को इन्हांसमेंट नहीं देंगे। यह फैसला रविवार को वेलफेयर सोसायटी की जनरल हाउस की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। आवंटियों ने कहा, अगर ट्रस्ट ने इन्हांसमेंट के नोटिस जारी किए तो इसके खिलाफ सोसायटी अदालत में जाएगी।
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इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जब 12 साल बाद भी आवंटियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाया है। ऐसे में वह इन्हांसमेंट किस हक से मांग रहा है। ये ट्रस्ट के अधिकारियों को स्पष्ट करना चाहिए।
-ओमदत्त शर्मा, प्रधान, सूर्या एन्क्लेव वेलफेयर सोसायटी।
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सूर्या एन्क्लेव में समस्याओं की भरमार
1. छह महीने से स्ट्रीट लाइटें खराब
170 एकड़ में फैली सूर्या एन्क्लेव में 50 प्रतिशत से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। ज्यादातर की वाय¨रग शॉर्ट हो चुकी है। लगभग 1700 प्लॉट वाली इस योजना में 1200 से ज्यादा आवंटी काबिज हैं। इस संबंध में सोसायटी ने जब ट्रस्ट के ठेकेदार से पूछा तो उसका कहना है कि ट्रस्ट उसका पेमेंट नहीं कर रहा है। आवंटियों का कहना है कि स्ट्रीट लाइटें बंद होने से शाम होते ही चोर व लुटेरों को वारदात करने का मौका मिल जाता है।
2. थाना होने के बाद भी बाहरी लोगों की एंट्री बेरोकटोक
महासचिव रोशनलाल शर्मा ने कहा कि सूर्या एन्क्लेव में थाना है, लेकिन एंट्री पर सिक्योरिटी चेक नहीं है। यहां तेज गति से बाइक दौड़ाने वाले असामाजिक तत्व अक्सर देखे जा सकते हैं। पुलिस जब कभी नाका लगाती भी है तो सिर्फ वाहनों के कागजों के आधार पर चालान तक सीमित रहती है। अंदर आने वाले बाहरी लोगों से कभी पूछताछ नहीं की जाती है। न ही उसके वाहन की तलाशी ली जाती है।
3. रात घिरते ही अंधेरे में डूब जाते हैं पार्क
प्रवक्ता राजीव धमीजा ने बताया कि एन्क्लेव में कुल 23 पार्क हैं, जिनमें से 11 सोसायटी ने डवलपमेंट के काम कराए हैं। ट्रस्ट ने तो पार्को को खस्ता हालत में छोड़ दिया था। एक बड़े पार्क की मेंटीनेंस एक अन्य सोसायटी कर रही है। तीन पार्को को छोड़कर किसी भी पार्क में लाइटिंग की व्यवस्था नहीं है। शाम घिरते ही पार्क अंधेरे में डूब जाते हैं। 9 पार्क पूरी तरह लावारिस पड़े हैं। उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है।
4. पैसे लेकर घर तक गैस पाइपलाइन नहीं पहुंचाई
सूर्या एन्क्लेव के लगभग सभी 1700 आवंटियों से पाइपलाइन के माध्यम से गैस कनेक्शन देने के नाम पर आवंटन के समय ही प्रति आवंटी 9 से लेकर 15 हजार रुपये की राशि विभिन्न कैटगरी में जमा करा ली थी। आज तक न तो किसी आवंटी को गैस कनेक्शन मिला है न ही ट्रस्ट वसूली गई राशि का हिसाब देने को तैयार है।
5. हर साल 2 करोड़ वसूलता है ट्रस्ट, फिर भी बदहाल सड़कें
सोसायटी के प्रवक्ता राजीव धमीजा ने बताया कि 2006 से यहां पर ट्रस्ट ने बिना बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज वसूलने शुरू कर दिए थे। हर साल लगभग डेढ़ से दो करोड़ की राशि नॉन कंट्रक्शन चार्ज के रूप में वसूली जा रही है, लेकिन मेंटीनेंस के लिए ट्रस्ट के पास पैसे नहीं है। कांग्रेस विधायक रा¨जदर बेरी के प्रयासों से एन्क्लेव की मुख्य सड़कें तो बन गई हैं, लेकिन 60 फीट व 80 फीट वाली ¨लक रोड अभी भी खस्ताहाल हैं।
6. एक भी सफाई कर्मी तैनात नहीं
राजीव धमीजा ने बताया कि एन्क्लेव में एक भी सफाईकर्मी तैनात नहीं है। क्षेत्रीय पार्षद शैली खन्ना से संपर्क किया तो पता चला कि एन्क्लेव में सफाई की व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर निगम की नहीं है, ट्रस्ट की है। ट्रस्ट के अधिकारी इस मामले में पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं।