मुश्किल दौर में भी जिले में करवाई सब्जियों की आपूर्ति
कोरोना महामारी के चलते 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 23 मार्च से लाकडाउन व कर्फ्यू के बीच लोगों को घर में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करने की चिता सताने लगी।
जासं, जालंधर :
कोरोना महामारी के चलते 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 23 मार्च से लाकडाउन व कर्फ्यू के बीच लोगों को घर में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करने की चिता सताने लगी। गली-मोहल्लों में करियाना की दुकानें तो थीं, लेकिन मंडी जाकर फल और सब्जियां लेकर आना किसी चुनौती से कम नहीं लग रहा था। कारण, उन दिनों में एक तो पुलिस की सख्ती व दूसरा संक्रमण के डर से लोग घरों में ही दुबक कर रहे गए। जिला प्रशासन द्वारा दूध, करियाना और सब्जियों को जरूरी वस्तुओं में शामिल करके इनकी बिक्री की इजाजत दी गई। लेकिन, अधिकतर सब्जी विक्रेता इसके लिए तैयार नहीं थे। चुनौतीपूर्ण दौर में आढ़ती नेता मोहिदरजीत सिंह शैंटी बत्रा ने इसके लिए पहल की।
जिसमें व्यापारियों के साथ तालमेल स्थापित करके उन्हें कारोबार करने को प्रेरित किया। जिसके बाद से जिले में सब्जी व फल की सप्लाई निर्विघ्न बहाल करवाई गई। शुरूआत में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उस दौर में लोगों को सब्जियों की आपूर्ति करने को लक्ष्य बना चुके शैंटी ने दिन-रात मेहनत करके मंडी को सामान्य रूप से चलवाया। प्रशासन के साथ भी बिठाया तालमेल
कर्फ्यू व लाकडाउन के चलते जिला प्रशासन ने कई नियम निर्धारित किए थे। जिसमें कई बार व्यापारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसके लिए मोहिदरजीत सिंह शैंटी ने जिला मंडी बोर्ड तथा जिला प्रशासन के साथ तालमेल स्थापित करके व्यापारियों को राहत प्रदान करवाई। कामकाज से अधिक मंडी की रही चिता
मोहिदरजीत सिंह शैंटी बताते है कि उन्हें खुद के कामकाज से अधिक मंडी की चिता सताती रही। कई बार रिटेल व्यापारियों की गलतियों के कारण थोक व्यापारियों को परेशानी झेलनी पड़ती रही। शारीरिक दूरी व स्वच्छता नियमों का पालना न करने पर सभी पर गाज गिर सकती थी। इसके लिए पुलिस की सहायता से मंडी में नियमों को सख्ती से लागू करवाया गया।
भाई डिप्टी मेयर सिमरनजीत सिंह बंटी ने उन्हें कामकाज से अधिक मंडी को व्यवस्थित रखने व लोगों को सब्जी की सही दामों पर आपूर्ति करने को प्राथमिकता देने का आह्वान किया था। जिसके चलते जिला प्रशासन द्वारा रोजाना सब्जियों के दाम निर्धारित करने में भी मदद की जाती रही। हल्दी वाला दूध व काढ़ा पीकर रखा खुद को सुरक्षित
मंडी में जिले भर से रिटेल विक्रेता सब्जियां खरीदने के लिए आते थे। लोगों के बीच रहकर खुद को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए रोजाना हल्दी वाला दूध व काढ़े का सेवन करता रहा। तापमान बढ़ने के बावजूद ठंडे पानी से परहेज करते हुए शारीरिक दूरी व स्वच्छता नियमों का पालन किया गया।