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14 साल पहले रिश्‍तों से अनजान सुनैना को मिला बेशुमार प्‍यार, अब नए सपनों संग डोली में हुई विदा

14 साल पहले रिश्‍तों से अनजान सुनैना को नारी निकेतन में बेशुमार प्‍यार मिला। नारी निकेतन की उसकी दुनिया बन गई। अब वह नए सपनों के संग डोली में में विदा हुई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 09:29 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 03:05 PM (IST)
14 साल पहले रिश्‍तों से अनजान सुनैना को मिला बेशुमार प्‍यार, अब नए सपनों संग डोली में हुई विदा
14 साल पहले रिश्‍तों से अनजान सुनैना को मिला बेशुमार प्‍यार, अब नए सपनों संग डोली में हुई विदा

जालंधर, जेएनएन। सुनैना 14 साल पहले जब यहां नारी निकेतन आई थी तो सारे रिश्‍ते-नाते से अनजान थी। उसके लिए हर संबंध बेमायने। महज सात साल की उम्र में जैसे पूरी दुनिया उसके लिए खाली थी, लेकिन यहां उसे बेशुमार प्‍यार मिला कि जिंदगी मुस्‍कुरा उठी। वह नारी निकेतन की प्‍यारी 'गुडिय़ा' बन गई। अब यह प्‍यारी बिटिया यहां से नए सपनों के संग डोली में विदा हुई तो यह रहने वाले हर व्‍यक्ति की आंखें भर आई। अपने इस 'मायके' से विदा होते समय सुनैना की आंखें भी नम हो गईं।

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गुरुद्वारा सिंह सभा  में हुआ आनंद कारज, संस्थान ने निभाए सारे फर्ज 

नकोदर रोड स्थित नारी निकेतन में बुधवार को उत्‍सव का माहौल था। बेटी की शादी में सभी खुश थे। खुशियों के माहौल में सुनैना का पटियाला के तरसेम सिंह के साथ लिंक कालोनी स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में आनंद कारज हुआ। कंस्ट्रक्टर तरसेम सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में शीश नवाकर सुनैना को अपना जीवनसाथी स्वीकार किया।

धूमधाम व रीति रिवाजों से हुआ गुडिय़ा का विवाह

सुबह 10 बजे तरसेम कार से शेरवानी पहनकर नकोदर रोड स्थित नारी निकेतन पहुंचे। वजहां सुनैना की सहेलियों ने जीजा के लिए नाका लगाया था। इसके बाद गुरुद्वारा साहिब में सारी रस्में करवाई गईं। संस्थान की ट्रस्टी गुरजोत कौर व उनके पति हरप्रीत सिंह ने परिजनों का फर्ज निभाया।

शादी के बाद बाद नारी निकेतन में पार्टी आयोजित की गई। शाम को सुनैना की विदाई हुई और डोली वाली कार पटियाला के लिए रवाना हुई। इस दौरान नारी निकेतन की सीईओ नविता जोशी सहित सभी ने सुनैना को विदा किया। तरसेम का यही कहना था कि वह इस संस्थान में पली बड़ी लड़की को ही जीवनसाथी बनाना चाहते थे। कारण इस संस्थान में रह रही लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार दिए जाते हैं।

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बच्चों को डांस सिखाती थी सुनैना

सात की उम्र में सुनैना नारी निकेतन आई थी। इसी बगिया में 14 साल बिताए, जहां उसे परिवार का हर रिश्ता मिला। यहीं 8वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद ब्यूटीशियन का कोर्स रविदास चौक के पास सरकारी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से किया। यहां से प्रशिक्षित होने के बाद वह नारी निकेतन के आयोजनों में बच्चों को तैयार करती थी। वह दो साल से नारी निकेतन में ही रहकर बच्चों को डांस व भजन सिखाती थी।

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एक साल पहले आया था शादी का प्रस्ताव

नारी निकेतन नकोदर रोड की सीईओ नविता ने बताया कि सुनैना 2005 में यहां आई थी। संस्थान में होने वाले हर कार्यक्रम में उसका अहम रोल होता था, क्योंकि वही बच्चों को तैयार करती थी और डांस की रिहर्सल भी करवाती थी। ययहां रहने वाले हर लड़की उनकी बेटी हैं इसलिए उनका फर्ज बनता है कि बेटियां जिस भी घर जाए वे वहां खुश रहें। एक साल पहले सुनैना के विवाह का प्रस्ताव आया था और तरसेम का घर परिवार देखकर रिश्ता तय किया गया। 

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सुनैना ने किया है ब्यूटीशियन का कोर्स

सुनैना सात साल की उम्र में नारी निकेतन पहुंची थी। यहीं रहते हुए उसने नारी निकेतन स्कूल से 8वीं तक पढ़ाई की। सुनैना ने रविदास चौक स्थित सरकारी इंस्टीट्यूट से ब्यूटीशियन का प्रोफेशनल कोर्स किया है। साथ ही, नारी निकेतन के ही सिलाई सेंटर से सिलाई-कढ़ाई सीखी। डांस और सिंगिंग के शौक के कारण वह रोजाना शाम को नारी निकेतन में रहने वाले बच्चों को भजन सिखाती व डांस की तैयारी करवाती थी।

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