नहीं लगेंगे समर ट्रेनिंग कैंप, प्रैक्टिस पर पड़ेगा असर, टीमें बनाना मुश्किल
कोविड-19 वायरस को देखते हुए फिलहाल अभी खेल विभाग की ओर से लगने वाले शिविर में देरी हो सकती है।
प्रियंका सिंह, जालंधर : लॉकडाउन के चौथे चरण में स्टेडियम तो खुलेंगे, लेकिन हर साल की तरह लगने वाले ट्रेनिंग कैंप इस बार नहीं लग पाएंगे। इसका असर खेल व खिलाड़ियों पर भी पड़ेगा। कारण, खेलों में अधिकतर गतिविधियां प्रैक्टिल होती हैं और इसमें ऑनलाइन ट्रेनिंग पूरी तरह कामयाब नहीं है।
हर साल जुलाई से दिसंबर तक जोन, डिस्ट्रिक्ट, इंटर डिस्ट्रिक्ट, स्टेट, नेशनल व स्पोर्ट्स एसोसिएशन की ओर से नेशनल प्रतियोगिताएं शुरू हो जाती हैं। इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के लिए विभाग की ओर से समर कैंप भी लगाए जाते हैं। खेल एक्सपर्ट्स की मानें तो जालंधर में ट्रेनिग कैंपों में 300 से ज्यादा खिलाड़ियों को शामिल किया जाता है। इनमें से अच्छे प्रदर्शन वाले 150 खिलाड़ियों को स्टेट लेवल पर मौका मिलता है।
जून में लगता है समर ट्रेनिंग कैंप
राज्य के खेल विभाग के दिशा निर्देशों पर पंजाब के विभिन्न जिलों में समर ट्रेनिंग कैंप का आगाज एक जून या 15 जून से किया जाता है। 15 दिन चलने वाले इस कैंप में लगभग 16 खेल शामिल किए जाते हैं। इसमें हिस्सा लेने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को प्रतिदिन 100 रुपये की डाइट दी जाती है।
इन खेलों की दी जाती है ट्रेनिग
कैंप में लगभग 16 खेलों की ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें बास्केटबॉल, एथलेटिक्स, वॉलीबॉल, बैडमिटन, हॉकी, बॉक्सिंग, फुटबॉल, कबड्डी, हैंडबॉल, टेबल टेनिस, शूटिग, टेनिस, जिम्नास्टिक, खो खो, कराटे, जूडो आदि शामिल हैं।
::::::::::::::::::::::::::::::::::::
ऑनलाइन नहीं, मैदान में आकर ही प्रदर्शन करेंगे खिलाड़ी
कमल किशोर, जालंधर: कर्फ्यू के दौरान कई एसोसिएशन व निजी कोच खिलाड़ियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग देते रहे हैं। अब कर्फ्यू हटने के बावजूद खिलाड़ी कैंप इत्यादि में हिस्सा नहीं ले सकेंगे तो उनके प्रदर्शन पर असर पड़ना स्वभाविक ही है। दैनिक जागरण ने इस बारे में शहर को खेल विशेषज्ञों की राय जानी। उनका कहना है कि खिलाड़ी ऑनलाइन की बजाय मैदान में ही बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
खिलाड़ियों का अभ्यास अधूरा : संजीव
हैंडबॉल कोच संजीव का कहना है कि कोरोनावायरस के कारण खिलाड़ियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते सब कुछ बंद हो गया है। खिलाड़ियों के मैदान भी बंद होने के कारण उनका अभ्यास पूरा नहीं हो पा रहा है। लॉकडाउन 4 में प्रशिक्षण शिविर नहीं लगने के आदेश दिए गए हैं। इससे आने वाली प्रतियोगिताओं पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
खिलाड़ियों की फिटनेस पर होगा असर : परमजीत
एथलेटिक कोच परमजीत का कहना है कि प्रशिक्षण शिविर न लगने के कारण खिलाड़ियों की फिटनेस पर काफी असर पड़ेगा। साथ ही उनकी स्किल भी गड़बड़ाएगी। कैंप में खिलाड़ियों को खेल की बारीकियां सिखाई जाती हैं। इसी वजह से वे प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। एथलेटिक्स में तो रोजाना अभ्यास करना खिलाड़ी के लिए बहुत ही जरूरी है।
नई तकनीक नहीं सीख पाएंगे खिलाड़ी : सर्बजीत सिंह
सीनियर एथलेटिक्स कोच सर्बजीत सिंह हैप्पी ने कहा कि शिविर स्थगित होने से खिलाड़ियों की प्रैक्टिस पर काफी असर पड़ेगा। इसके चलते कुशल खिलाड़ियों की टीमें बनाने में काफी मुश्किल होगी। ऑनलाइन ट्रेनिग से खिलाड़ी खेल की नवीन तकनीकों से अनभिज्ञ रहेंगे। इससे पहले हर साल मई व जून में ग्रास रूट के खिलाड़ी शिविर में आने शुरू हो जाते थे।
कोच के संपर्क में जरूर रहें खिलाड़ी : तेजिंदर
इंटरनेशनल एथलीट तेजिदर ने कहा कि ट्रेनिग कैंप न लगने के कारण खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर प्रभाव तो पड़ेगा, क्योंकि ट्रेनिग कैंप में उच्च स्तर के कोच ट्रेनिग देने के लिए आते हैं। इससे खिलाड़ियों को कुछ नया सीखने को मिलता है। अगर अभी वो ट्रेनिग कैंप में नहीं जा रहे हैं तो घर पर रहकर ही उन्हें अभ्यास करते रहना चाहिए। अपने कोच के संपर्क में रहें।
कैंप लगेंगे तब भी सावधानियां बरतनी होंगी : गुरप्रीत
जिला खेल अधिकारी हॉकी एक्सपर्ट गुरप्रीत सिंह ने कहा कि फिलहाल कोविड-19 वायरस का डर खिलाड़ियों में भी है। मई व जून में खेलों के शिविर लगने शुरू हो जाते थे। इनके स्थगित होने के बाद अब डिस्ट्रिक्ट टीमों का चयन करने में खासी दिक्कत होगी। अगर शिविर देर से शुरू भी होते हैं तो शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जाएगा। इसके तहत खिलाड़ियों को मास्क पहनने को कहा जाएगा।