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Jalandhar Under Curfew: पढ़ाई के बाद थकान उतारने के लिए बच्चे सीख रहे संगीत

मॉडल हाउस में रहने वाले कार्तिक दसवीं में पढ़ते हैं और कर्फ्यू में पिता से हार्मोनियम बजाना सीख रहे हैं। वहीं दसवीं में पढ़ रहे शिवम पिता से ढोलक बजाना सीख रहे हैं।

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 01:03 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 04:37 PM (IST)
Jalandhar Under Curfew: पढ़ाई के बाद थकान उतारने के लिए बच्चे सीख रहे संगीत
Jalandhar Under Curfew: पढ़ाई के बाद थकान उतारने के लिए बच्चे सीख रहे संगीत

जालंधर [अंकित शर्मा]। कोरोना वायरस की वजह से हर कोई घर के अंदर बंद है। ऐसे में परिवार सुरक्षित और एक साथ रहे, इसलिए बड़े घर के अंदर ही अपनी संगीत से जुड़ी यादों को ताजा कर रहे हैं। ऐसे में मौके का फायदा उठाते हुए दसवीं कक्षा के विद्यार्थी भी परीक्षा की तैयारी करने के बाद खुद को रिलेक्स करने के लिए रोजाना संगीत सीख रहे हैं।

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घर में हार्मोनियम बजाना सीख रहे कार्तिक व यशिका

मॉडल हाउस में रहने वाले कार्तिक दशमेश पब्लिक स्कूल से दसवीं कर रहे हैं। 17 मार्च से उसकी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हुई थीं। अभी पहला पंजाबी का पेपर ही हुआ था कि कोरोना वायरस की वजह से जनता क‌र्फ्यू, लॉकडाउन और अब क‌र्फ्यू लग गया। ऐसे में कोई भी बाहर नहीं निकल सकता। इसलिए रोजाना परीक्षाओं की तैयारी वो नियमित रूप से कर रहे हैं। पढ़ाई करने के बाद रिलेक्स होना भी जरूरी है। इसलिए वे पिता रजनीश कुमार से हार्मोनियम सीख रहे हैं।

कार्तिक के पिता शिव राम कला मंच श्री राम लीला कमेटी मॉडल हाउस के डायरेक्टर और हरबंस अरोड़ा यादगारी सभ्याचारक मेला के चेयरमैन हैं। वे संगीत प्रेमी हैं और अच्छे से हार्मोनियम बजा लेते हैं। उनका कहना है कि कभी कभार छुट्टी होने पर हार्मोनियम बजाकर थकान दूर कर लेते थे। अब तो घर पर रह रहे हैं और हार्मोनियम का साथ भी मिल रहा है। कार्तिक की बड़ी बहन यशिका भी हार्मोनियम सीख रही हैं। वह गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी कॉलेज लाडोवाली रोड से बीकॉम कर रही है।

पिता से ढोलकी बजाना सीख रहे शिवम

साई दास एएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल बस्ती नौ से दसवीं की परीक्षा दे रहे शिवम भगत इन दिनों पिता विश्व कीर्ति के साथ ढोलक बजाना सीख रहे हैं। उनके पिता ने उस्ताद रजिंदर कुमार से इसकी शिक्षा ली हुई है। बचपन से ही उनमें ढोलक बजाने का जुनून था। इसके लिए जब सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल भार्गव नगर में उनके दोस्त लंच टाइम में गाना गाते थे तो वे बेंच बजा कर ढोलक की प्रैक्टिस करते थे। कई नामी संगीत मंडलियों के साथ उन्हें ढोलक बजाने का मौका मिल चुका है। इन दिनों वे रोजाना अपने बचपन का जुनून जगा रहे हैं। शिवम रोजाना पढ़ाई करने के बाद वे पिता से ढोलक सीखने की क्लास भी लगाते हैं। आठवीं कक्षा में पढ़ता लविश भी रोजाना ढोलकी बजाने की प्रैक्टिस कर रहा है।


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