सरकारी स्कूल काला बकरा में छात्रों ने लगाई पंचायत, सरपंचों से मांगे जवाब
सरकारी स्कूल के बच्चों ने पहली बार अपने-अपने गांव में पंचायत के कामों की समीक्षा की।
अंकित शर्मा, जालंधर : सरकारी स्कूल के बच्चों ने पहली बार अपने-अपने गांव में पंचायत के कामों की समीक्षा की। बच्चों ने पंचायत द्वारा किए गए कामों की रिपोर्ट के साथ-साथ विकास की राह पर चलने वाले और अधूरे कामों की स्थिति पर भी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई। इस प्रोजेक्ट पर रिसर्च अच्छे से हो, इसलिए स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को अपने-अपने गांव की समस्याएं जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
यह पंचायत सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल काला बकरा के 12वीं के विद्यार्थियों ने लेक्चरर विधि कालिया की अध्यक्षता में लगाई। इसमें काला बकरा के सरपंच परमिदर मल्ली और राणी भट्टी गांव के सरपंच मुकेश चंद्र को निमंत्रण देकर बुलाया गया था। इनका स्वागत इंचार्ज इंकलाब राय, लेक्चरर सोनिया भारती आदि ने किया।
पंचायत में बच्चों ने अपने-अपने गांव की समस्याएं बताई और सरपंचों ने उनका हल करने के बारे में बताया। इसके साथ ही गांव की बेहतरी के लिए बच्चों को जिम्मेदारियां सौंपी।
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छात्र-छात्राओं ने बताई समस्या, सरपंचों ने दिए जवाब:
बच्चे- गांव में स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं।
सरपंच- गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।
बच्चे- जंगली सूअर आने से फसल व सामान का नुकसान हो रहा है।
सरपंच- जंगली सूअर पकड़ने के लिए जंगलात विभाग के साथ संपर्क किया गया है, जल्द ही इस समस्या का हल हो जाएगा।
बच्चे- गांवों में सफाई के सीमित प्रबंध।
सरपंच- गांवों में सफाई व्यवस्था बनाने के लिए पंचायत और गांव वासियों को मिलकर चलना है। सफाई के लिए सभी गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग रखें।
बच्चे- छप्पड़ों की समस्या है, जिस वजह से सांप बहुत पाए जा रहे हैं।
सरपंच- छपड़ों की सफाई का काम शुरू हो चुका है।
बच्चे- सरकारी ग्रांट पाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। इन्हें पाने के लिए गांव वासियों को बेहद मुश्किलें आती हैं।
सरपंच- सरकार की तरफ से ग्रांट की जानकारी के लिए डीसी ऑफिस में काउंटर नंबर-22 स्थापित किया गया है। यहां ग्रांटों संबंधी सारी जानकारी ली जा सकती है।