ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चे, इंटरनेट की धीमी रफ्तार बनी मुसीबत
अध्यापकों की तरफ से वाट्सएप ऑडियो-वीडियो नोट्स भेज रहे हैं। जूम एप गूगल एप के जरिए ऑन लाइन क्लासें लगाई जा रही हैं। वहीं इंटरनेट की धीमी रफ्तार सभी के लिए मुसीबत बन रही है।
जालंधर [अंकित शर्मा]। कोविड-19 की वजह से देश भर के बच्चे घर से ही पढ़ रहे हैं। ऐसा पहली भार हुआ, जब विद्यार्थी स्कूल के बजाये घर बैठे ही इंटरनेट और टीवी, रेडियो की मदद से पढ़ रहे हैं। यह हालात भविष्य के डिजिटल इंडिया की बदलती तस्वीर की झलक भी दिखा रहे हैं। रिटायर्ड जिला साइंस सुपरवाइजर बलजिंदर सिंह कहते हैं कि बच्चों की पढ़ाई खराब न हो इसलिए ऑनलाइन मोड अपनाया गया। अध्यापकों की तरफ से वाट्सएप, ऑडियो-वीडियो, नोट्स भेज रहे हैं। जूम एप, गूगल एप के जरिए ऑन लाइन क्लासें लगाई जा रही हैं। वहीं, इंटरनेट की धीमी रफ्तार सभी के लिए मुसीबत बन रही है।
कोचिंग सेंटर भी ऑनलाइन हुए
लॉकडाउन की वजह से कोचिंग सेंटर भी ऑनलाइन मोड में आ गए थे। इसके लिए हरेक सेंटर की तरफ से अपना ऑनलाइन चैनल बनाया गया। जूम ऐप के जरिए क्लासों का सेशन रखा गया। आकाश इंस्टीट्यूट के रीजनल डायरेक्टर परमेश्वर झा ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति बिगड़ चुकी थी, ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई ही विकल्प था। इसलिए लाइव टीचिंग मॉड्यूल, आकाश लाईव के मध्य से विद्यार्थियों को जोड़ा ताकि विद्यार्थियों का समय खराब न हो और वे कहीं बाहर न निकलें। हर शिक्षक के लिए घर से लेक्चर की व्यवस्था की गई। विद्यार्थियों को इसका शेड्यूल पहले ही भेज दिया गया था। उसी के हिसाब से विद्यार्थियों को रोजाना विषय से जोड़ा जा रहा है। नियमित रूप से प्रेक्टिस के लिए टेस्ट व असाइनमेंट भेजी जा रही हैं।
नेट शेयरिंग बढ़ने से सर्वर पर पड़ रहा अतिरिक्त लोड, कनेक्शन टूटने से हो रही है पढ़ाई प्रभावित
जालंधर। लॉकडाउन के कारण स्कूल व कालेजों में ऑनलाइन क्लासें चल रही हैं। ऐसे में कंपनी के इंटरनेट सर्वर पर अधिक लोड पड़ने से कनेक्शन टूट रहे। फिर चाहे 4जी इंटरनेट कनेक्शन क्यों न हो। एक मोबाइल कंपनी ने अपने एक टॉवर पर 1000 एमबीपीएस डाटा दे रखा है। इसमें 1000 उपभोक्ता को 1 एमबी स्पीड मिल रही है। अगर टॉवर पर दो हजार उपभोक्ता का लोड बढ़ जाता है, नेट शेयरिंग शुरू हो जाती है। इससे मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन टूटने लगते हैं। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित होना स्वभाविक है।
इंटरनेट एक्सपर्ट के सुझाव
-हर कोई घर पर होने के कारण इंटरनेट का प्रयोग कर रहा। नेट शेयरिंग को कुछ घंटे के लिए बंद रखें ताकि सर्वर पर लोड न पड़े।
-मोबाइल से इंटरनेट का प्रयोग नहीं कर रहे है तो ऑफ कर देना चाहिए।
-बहुत जरूरी है तो नेट शेयरिंग जरूर करें।
टॉवर पर बढ़ गया है दोगुना लोड
इंटरनेट एक्सपर्ट मनदीप सिंह ने कहा कि मोबाइल कंपनियों के सर्वर पर लोड अधिक बढ़ गया है। नेट शेयरिंग अधिक होने से स्पीड कम हो रही है। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही है। शहरवासी बिना वजह नेट का प्रयोग न करें।