CBSE 10th Result: स्टूडेंट्स व पेरेंट्स के लिए बड़ी मुश्किल, फीस पेंडिंग हुई तो परिणाम बताना स्कूल पर निर्भर
ऐसे में नतीजा जानने और रोल नंबर हासिल करने के दो ही तरीके हैं जो स्कूल पर निर्भर हैं। रोल नंबर पाने के लिए विद्यार्थियों को अपने सभी ड्यूज यानी पेंडिंग फीस क्लियर करनी होगी। उसके बाद ही स्कूल आपको रोल नंबर देगा।
अंकित शर्मा, जालंधर। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की तरफ से दसवीं का नतीजा किसी भी दिन जारी किया जा सकता है। मगर हजारों अभिभावकों और विद्यार्थियों की टेंशन है कि न तो परीक्षाएं हुई, न रोल नंबर मिला और न ही प्रेक्टिकल हुए, ऐसे में सीबीएसई की साइट से अपना नतीजा कैसे देखें। परिणाम देखने के लिए विद्यार्थी का रोल नंबर तो अनिवार्य है। ऐसे में नतीजा जानने और रोल नंबर हासिल करने के दो ही तरीके हैं, जो स्कूल पर निर्भर हैं। रोल नंबर पाने के लिए विद्यार्थियों को अपने सभी ड्यूज यानी पेंडिंग फीस क्लियर करनी होगी। उसके बाद ही स्कूल आपको रोल नंबर देगा। किसी प्रकार की भी फीस पेंडिंग होने पर रिजल्ट स्कूलों की तरफ से नहीं दिया जाएगा और न ही बताया जाएगा।
बता दें कि बोर्ड प्रत्येक वर्ष स्कूल से परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन नंबर सहित सारा डाटा वेरीफाइ करवाकर अपलोड करवाता है। सारी प्रोसेसिंग स्कूल लागइन के जरिये ही पूरी की जाती है। कोविड-19 की वजह से सारा प्रोसेस पूरा कर लिया गया था, मगर जब बोर्ड की तरफ से रोल नंबर कम एडमिट कार्ड जारी करने थे तो उससे पहले ही कोविड-19 की वजह से हालात खराब हो गए। ऐसे में एडमिट कार्ड इशु नहीं हो पाए थे। अब प्रक्रिया केवल स्कूलों के पास ही है जिसके जरिये वे विद्यार्थियों को रोल नंबर इशु कर सकते हैं।
स्कूल के सारी ड्यूज क्लियर करने पर ही रोल नंबर मिल सकता है। इसे लेकर स्कूलों ने काम भी शुरू कर दिया है। इनोसेंट हार्ट्स स्कूल की तरफ विद्यार्थियों को रोल नंबर इशु किए जा रहे हैं। इसके लिए सभी ड्यूज क्लियर करने अनिवार्य हैं। वहीं, अधिकतर स्कूल रोल नंबर इशु नहीं कर रहे हैं क्योंकि अभिभावकों ने ड्यूज क्लियर नहीं किए हैं। कुछ स्कूल रिजल्ट खुद ही विद्यार्थियों को बताएंगे लेकिन उसके लिए भी उनके ड्यूज क्लियर होने चाहिए।
बिना ड्यूज क्लियर किए रिजल्ट देखने को स्कूल पर निर्भर रहेगा विद्यार्थी
स्कूल के ड्यूज क्लियर न किये जाने की वजह से विद्यार्थी को रोल नंबर नहीं मिलेगा और उसके बिना दसवीं का नतीजा देख नहीं सकेंगे। ऐसी सूरत में विद्यार्थी और अभिभावक केवल स्कूल पर ही निर्भर हो जाएंगे। जिन्हें नतीजा जानने के लिए स्कूल के सभी ड्यूज क्लियर करने ही होंगे। अन्यथा, उन्हें नतीजा भी नहीं मिल पाएगा।
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