Move to Jagran APP

दूध लेने जा रही मां और उसकी बच्ची को आवारा कुत्तों ने बुरी तरह नोचा

वाददाता जालंधर शहर के साथ आवारा कुत्तों का आतंक गांवों में भी पहुंच गया है। निकटव गांव में कंगनीवाल में महिला व बच्चे को अवारा कुत्तों हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया। घायल मां व बच्चे को ईलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। कंगलीवाल निवासी मदन लाल ने बताया कि उनकी पत्नी कमलेश रानी (36) एक साल की बेटी पवन को अपनी गोद में उठा कर गांव के निकट निकट दूध लेने जा रही थी। रास्ते में हड्डा रोड़ी पर बैठे आधा दर्जन के करीब आवारा कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया। महिला ने शोर मचाया और आसपास के लोगों ने इकट्ठे होकर कुत्तों को पत्थर मारे और मां बच्ची को बचाया। इस दौरान आवारा कुत्ते ने महिला के मुंह बाजू व टांगों बुरी तरह से नोच डाला। एक साल की बच्ची

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 10:33 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 10:33 PM (IST)
दूध लेने जा रही मां और उसकी बच्ची को आवारा कुत्तों ने बुरी तरह नोचा
दूध लेने जा रही मां और उसकी बच्ची को आवारा कुत्तों ने बुरी तरह नोचा

जागरण संवाददाता, जालंधर

loksabha election banner

आवारा कुत्तों का आतंक शहर में ही नहीं गांवों में भी गंभीर रूप लेता जा रहा है। निकटवर्ती गांव में कंगनीवाल में दूध लेने के लिए गई महिला व उसके बच्चे को आवारा कुत्तों हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया। घायल मां व बच्चे को ईलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

कंगलीवाल निवासी मदन लाल ने बताया कि उनकी पत्नी कमलेश रानी (36) एक साल की बेटी पवन को अपनी गोद में उठा कर गांव के निकट निकट दूध लेने जा रही थी। रास्ते में हड्डा रोड़ी पर बैठे आधा दर्जन के करीब आवारा कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया। उनकी पत्नी ने शोर मचाया तो आसपास के लोगों ने इकट्ठे होकर कुत्तों को पत्थर मार मां-बच्ची को बचाया। हालांकि लोगों के आने तक कुत्ते महिला के मुंह, बाजू व टांगों बुरी तरह से नोच चुके थे। वहीं एक साल की बच्ची को भी घायल कर दिया। इलाका निवासियों ने घायल मां बच्चे को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। इलाका निवासियों का कहना है कि आवारा कुत्ते गांव के कई लोगों को घायल कर चुके हैं।

-------------

कुत्ते पर रखें पूरी निगरानी

सिविल अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. एलफर्ड की मानें तो मेडिकल सिद्धांतों के मुताबिक कुत्ते पर दो सप्ताह तक नजर रखनी जरूरी है। अगर कुत्ता पागल हो जाए या मर जाए तो मरीज की जान पर खतरा मंडराने लगता है। लाईलाज रेबीज होने पर मरीज हाड्रोफोबिया का शिकार हो जाता है।

-कुत्ता काटने के तुरंत बाद जख्म को कपड़े धोने वाले सोडे व साबुन से बार-बार धोएं।

-टिचर आयोडिन या लाल दवाई लगाकर जख्म को नंगा छोडें।

- मरीज को कुत्ता काटने पर 24 घंटे के भीतर टेटनेस का इंजेक्शन लगाने के साथ व एंटी रेबिज टीकाकरण शुरू करवाएं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.